देश की सच्चाई समझिए
कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा भारत के लिए क्यों खतरा है और भारतीयों को अपनी प्राथमिकताएँ क्यों बदलनी होंगी
- भारत किसी समुदाय से युद्ध नहीं लड़ रहा।
- भारत लड़ रहा है एक विचारधारा से — एक ऐसी वैश्विक, संगठित और हिंसक कट्टरपंथी मशीनरी से जो धर्म की आड़ लेकर चलती है, नफ़रत बोती है और समाज को तोड़ती है।
यह हिंदू बनाम मुस्लिम नहीं है। यह है —
- भारत बनाम कट्टरपंथ।
- संविधान बनाम शरीयत–श्रेष्ठता।
- शांति बनाम आतंकवादी सोच।
इस संदेश का उद्देश्य केवल एक है:
- हर भारतीय को समय रहते सचेत करना।
🔷 1. हिंदुओं ने सबकुछ दिया — और कट्टरपंथियों ने बदले में नफ़रत और हिंसा दी।
हिंदू समाज ने दशकों से सबको अपनाया, बराबरी दी, सुविधाएँ दीं, अवसर दिए।
हमने उन्हें दिए—
- बंटवारे के समय जमीन और आर्थिक सहायता
- वक़्फ़ बोर्ड जैसी विशेष संस्थाएँ
- मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
- अल्पसंख्यक लाभ
- सब्सिडी और स्कॉलरशिप
- सरकारी योजनाओं के लाभ
- रोजगार के अवसर
- धार्मिक स्वतंत्रता
- संविधान के तहत विशेष अधिकार
लेकिन उन कट्टरपंथी तत्वों ने हमें क्या दिया?
- बम धमाके
- आतंकवादी हमले
- दंगे
- लव जिहाद
- लैंड जिहाद
- जबरन धर्मांतरण
- गौ-हत्या
- मंदिरों पर हमले
- भारत-विरोधी नारे
- “शरिया संविधान से ऊपर” की धमकियाँ
यह धर्म की लड़ाई नहीं — यह कट्टर विचारधारा की लड़ाई है।
🔷 2. “हम पहले मुसलमान हैं, फिर हिंदुस्तानी” — ऐसी सोच किसी भी देश को तबाह कर देती है
कट्टरपंथी नेताओं के बयान:
- “हम पहले मुस्लिम हैं, फिर भारतीय।”
- “शरिया संविधान से ऊपर है।”
- “अगर भारतीय कानून इस्लाम से टकराएगा, हम इस्लाम के साथ होंगे।”
यह केवल बयान नहीं — भारत की संप्रभुता, एकता और संविधान पर सीधा हमला है।
ऐसी सोच ने कई देश बर्बाद कर दिए:
- पाकिस्तान एवं बांग्लादेश
- अफगानिस्तान
- सीरिया
- सोमालिया
- इराक
- सूडान
- और अब यूरोप भी टूट रहा है
खतरा वास्तविक है। और हमारे दरवाज़े पर खड़ा है। हमें अपने आपको इन खतरों से सुरक्षित करना होगा।
🔷 3. भारतीयों की प्राथमिकताएँ गलत दिशा में हैं
आज अधिकांश भारतीय अपनी प्राथमिकताएँ ऐसे रखते हैं:
- व्यक्तिगत लाभ
- धार्मिक भावनाएँ
- विचारधाराएँ
- आराम
- सबसे अंत में — राष्ट्र
लेकिन सही क्रम होना चाहिए:
- राष्ट्र पहले
- धर्म और संस्कृति उसके बाद
- समाज तीसरे नंबर पर
- व्यक्तिगत लाभ और सुविधाएं सबसे अंतिम
क्योंकि यदि देश सुरक्षित नहीं — तो आपका धर्म, आपकी संस्कृति, आपका भविष्य — सब मिट जाएगा।
🔷 4. समस्या मुसलमान नहीं — बल्कि कट्टरपंथी इकोसिस्टम है
भारत के ज्यादातर मुसलमान शांतिप्रिय हैं। लेकिन कुछ कट्टरपंथी नेटवर्क:
- विदेशी फंडिंग लेता है
- राजनीतिक संरक्षण पाता है
- शरीयत थोपना चाहता है
- सामान्य शांतिप्रिय मुस्लिमों पर भी दबाव डालता है
- समाज को डराता-धमकाता है
यह कट्टरपंथी समूह ही भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा है। और इन्हें वोटबैंक राजनीति पालती है।
🔷 5. भारत को भावना नहीं, रणनीति चाहिए
भारत को बचाने के लिए:
संविधान सर्वोच्च — किसी भी धार्मिक कानून से ऊपर
- छूट या समझौता नहीं।
कट्टरपंथ को राजनीतिक संरक्षण बंद हो
- वोटबैंक राजनीति देश की सबसे बड़ी दुश्मन है।
हिंदू समाज का जाति-भेद से ऊपर उठकर एक होना जरूरी
- बिना एकता, अस्तित्व नहीं।
कट्टरवादियों को अलग-थलग करना होगा
- यह सामुदायिक नहीं — कट्टर मानसिकता के खिलाफ लड़ाई है।
🔷 6. जनता की भूमिका क्या है?
- एकजुट रहें
- राष्ट्रवादी नीतियों का समर्थन करें
- कट्टरपंथी विचारों को पहचानें और खारिज करें
- संविधान और क़ानून का सम्मान बढ़ाएँ
- वोट सोच-समझकर करें
- समाज में जागरूकता फैलाएँ
- शांतिप्रिय मुस्लिमों के साथ संवाद बनाए रखें
- किसी भी विभाजनकारी राजनीति को अस्वीकार करें
यह लड़ाई धर्म की नहीं — राष्ट्र और संविधान की रक्षा की लड़ाई है।
🔥 7 अंतिम चेतावनी — अगर आज नहीं जागे, तो कभी नहीं जागेंगे
भारत पर पहले से ही चल रहे:
- पॉपुलेशन जिहाद
- लैंड जिहाद
- लीगल जिहाद
- नैरेटिव जिहाद
- कन्वर्ज़न नेटवर्क
- वक़्फ़ कब्ज़े
- विदेशी फंडिंग
- राजनीतिक घुसपैठ
- सड़कों पर परिवर्तन और अलगाववाद
यह सब संकेत हैं कि समय बहुत कम बचा है।
- यदि भारतीय अभी भी बंटे रहे — तो आने वाली पीढ़ियाँ हमें माफ़ नहीं करेंगी।
🔚 निष्कर्ष
कट्टरपंथ दुनिया में जहां भी है, सिर्फ खतरा वहीं नहीं— बल्कि पूरी मानवता के लिए है। अब भ्रम छोड़कर हम सबको:
- एकजुट होना,
- समझदारी दिखाना,
- निर्णायक कार्रवाई करना
- और संविधान को सर्वोच्च मानना होगा।
यह नफ़रत का संदेश नहीं — यह राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता, और जागरूकता का संदेश है।
और याद रखिए:
l जो भारत के संविधान का सम्मान नहीं करता, उसे भारत में रहने का अधिकार नहीं।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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