देशभक्ति बनाम देशद्रोह
आज देश एक बेहद खतरनाक मोड़ पर खड़ा है। टाटा जैसे राष्ट्रनिर्माता उद्योगपतियों के खिलाफ नारे लगाए जा रहे हैं, उन्हें इस्राइल का समर्थक बताकर बदनाम किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि टाटा पैसे देकर गाज़ा में “मासूमों पर अत्याचार” करवा रहा है। लेकिन ज़रा सोचिए—ये लोग वही हैं जो पाकिस्तान में 26 हिंदुओं की हत्या पर एक शब्द नहीं बोलते। जो शर्मिष्ठा जैसी देशभक्त हिंदू लड़की की गिरफ्तारी पर चुप रहते हैं, लेकिन आतंकवादी देश पाकिस्तान की तारीफ करने वाली कट्टरपंथी मुस्लिम लड़की को जमानत मिलने पर खुश होते हैं। यही तो है आज की असली लड़ाई – देशभक्ति बनाम देशद्रोह, जहां सच्चाई को दबाया जा रहा है और झूठ को नायक बनाकर पेश किया जा रहा है।
ये लिबरल गैंग, वामपंथी, लुटियन मीडिया और तथाकथित बुद्धिजीवी गद्दारी की पराकाष्ठा पर हैं। इनका असली एजेंडा है भारत को बदनाम करना, हिंदू समाज को बांटना और भारत को कमजोर करना। ये लोग इस्राइल-फिलिस्तीन के नाम पर देश में देशद्रोही माहौल बना रहे हैं, लेकिन जब बात हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की आती है तो ये सब मौनव्रत धारण कर लेते हैं।
चुनिंदा हमदर्दी भी पक्षपात है।
भारत के कई शहरों में आज फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन हो रहे हैं—कहा जा रहा है वहाँ भूखमरी है, बच्चों के पास खाना नहीं है।
तो सवाल है—मिसाइलें और हथियार कहाँ से आ रहे हैं?
जो हथियार दे सकता है, क्या वह रोटी नहीं दे सकता?
क्यों नहीं होता कोई प्रदर्शन जब:
- पाहलगाम में 26 हिंदुओं को इस्लामिक आतंकियों ने पहचान कर मारा?
- बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान फर्जी दस्तावेजों से भारत में घुसकर हमारे संसाधनों पर कब्जा करते हैं?
- लव जिहाद में हमारे बेटियों के साथ बलात्कार, ब्लैकमेलिंग, और हत्या की जाती है?
- भारत के गाँव–शहर ‘मिनी बांग्लादेश’ में बदलते जा रहे हैं?
- बाजारों, रेलवे स्टेशनों, जंगलों, सरकारी जमीनों पर अवैध मस्जिदें, मदरसे और कब्रिस्तान बनाए जा रहे हैं?
जहाँ तक बात शर्मिष्ठा की है—
कोलकाता पुलिस ने एक पाकिस्तानी हैंडल का विरोध करने पर, उसे ‘सर तन से जुदा’ जैसी धमकियाँ मिलने के बावजूद, 1500 किमी दूर जाकर शर्मिष्ठा को गिरफ्तार किया। यह पुलिस कार्रवाई सीधा-सीधा तुष्टिकरण की राजनीति का हिस्सा है। जबकि शर्मिष्ठा ने पहले ही माफी माँग ली थी और वीडियो डिलीट कर दिया था। पर कार्रवाई हुई देशभक्त पर, और धमकी देने वाले आज़ाद घूम रहे हैं।
देश में दो भारत बनते जा रहे हैं:
- जहाँ मुस्लिमों के देश-विरोधी बयान को “फ्रीडम ऑफ स्पीच“ माना जाता है।
- जहाँ हिंदू की राष्ट्रभक्ति को “हेट स्पीच“ बता कर उसे गिरफ्तार किया जाता है।
आज सवाल यह है—क्या यह भारत देशभक्तों का है या गद्दारों, आतंकियों और जिहादियों का?
अगर हम चुप रहे तो कल ये हालात और भी खतरनाक हो जाएंगे।
हमारी माँग और चेतावनी:
शर्मिष्ठा को तुरंत रिहा किया जाए और सुरक्षा प्रदान की जाए।
जिन्होंने उसे धमकियाँ दी, उन पर सख्त कार्रवाई हो।
हिंदुओं की हत्याओं, लव जिहाद और बांग्लादेशी घुसपैठ पर कठोर कानून लागू हों।
देशभक्तों को जेल में डालने वाली देशद्रोहियों और आतंकियों को रिहा करने वाली दोहरी न्याय प्रणाली को समाप्त किया जाए।
हिंदुत्व से जुड़े संगठनों, डिजिटल योद्धाओं और राष्ट्रवादी सरकार को इस मुद्दे पर युद्धस्तर पर कदम उठाने होंगे।
जनता से अपील:
🙏 यह समय देश और धर्म को बचाने के लिए डिजिटल और सामाजिक यज्ञ का है।
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