यह लेख देशद्रोह का इतिहास, कांग्रेस का असली चेहरा और भारत के अपमान को समझने की कोशिश है। इसमें हम देखेंगे कि कैसे कुछ फैसलों और कामों ने देश को नुकसान पहुँचाया। देशद्रोह जैसे गंभीर मामलों में कौन-कौन शामिल रहा, यह जानना जरूरी है। इस लेख में हम यह भी समझेंगे कि देशद्रोह कैसे हुआ और उसका असर भारत पर क्या पड़ा।
1. कांग्रेस का “मुस्लिम तुष्टिकरण“एजेंडा और भारत को इस्लामी राष्ट्र की ओर धकेलना
कांग्रेस ने अपने 60+ वर्षों के शासनकाल में:
- संविधान में दर्जनों संशोधनकरके मुस्लिम समुदाय को विशेष सुविधाएंदीं
- अल्पसंख्यक आयोग, वक्फ बोर्ड, और शरिया कानूनोंको ताकत दी, लेकिन हिंदू समाज की भावनाओं और अधिकारों को दबाया
- हिंदू समाज को जाति, भाषा, क्षेत्र और समुदायों में बाँट करअपने वोटबैंक की राजनीति को पोषित किया
- “सेक्युलरिज़्म”की आड़ में हिंदुओं की धार्मिक स्वतंत्रतातक सीमित कर दी गई
2. आतंकवादियों को बचाने और राष्ट्रद्रोहियों को संरक्षण देने वाली नीति
- संसद पर हमला करने वाले अफजल गुरुको फांसी न हो — इसके लिए रात 2 बजे सुप्रीम कोर्ट खोला गया!
- मुंबई हमलों के दोषी कसाबकी दया याचिका पर महीनों तक बहस
- बटला हाउस एनकाउंटरमें आतंकियों की मौत पर कांग्रेस नेताओं ने आंसू बहाए, लेकिन शहीद इंस्पेक्टर को न्याय नहीं दिया
- दया याचिकाओं, न्यायिक पेचिदगियों और राजनीतिक दबावके ज़रिए आतंकवादियों को सालों तक जिंदा रखा गया
3. 1971 युद्ध में मिली ऐतिहासिक विजय को अपमान में बदल दिया
- भारतीय सेना ने 1971 में पाकिस्तान को हराया और 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पणकिया
- लेकिन इंदिरा गांधी ने बिना किसी सौदेबाज़ी केउन्हें वापस लौटा दिया
- भारत के 50 से ज़्यादा सैनिक, जो पाकिस्तान की जेलों में थे — आज तक उनकी कोई सुध नहीं ली गई
क्या यही राष्ट्र के वीरों का सम्मान है?
4. फिलिस्तीन और आतंकवाद का समर्थन
- इंदिरा गांधी ने सबसे पहले फिलिस्तीन को मुस्लिम राष्ट्र के रूप में मान्यतादी
- यासिर अराफातजैसे घोषित आतंकवादी को “नेहरू शांति पुरस्कार“दिया
- राजीव गांधीने उन्हें “इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार“दिया और एक बोइंग विमान गिफ्टकिया
- वही अराफात OIC में कहता है — “कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा है”और कश्मीर की “आज़ादी“के लिए लड़नेकी बात करता है!
5. आज अगर मोदी नहीं होते तो…
यदि 2014 में मोदी सरकार न आई होती:
- भारत एक गरीब, विखंडित, और आतंकवाद से त्रस्त इस्लामी राष्ट्रबन गया होता — पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसा
- आतंकवादी देश में खुलेआम घूम रहे होते
- हिंदू समाज और भी कमजोर और विभाजित हो गया होता
- वैश्विक मंचों पर भारत को कोई गंभीरता से नहीं लेता
मोदी सरकार की राष्ट्रवादी क्रांति: भारत का पुनर्जागरण
आज:
- भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाहै
- सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाबन चुका है
- ऑपरेशन सिंदूरजैसे साहसी अभियान भारत की सैन्य क्षमता और विश्व–नेतृत्वका उदाहरण हैं
- भारत अब हथियारों का निर्माणकर्ताहै — रक्षा में आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ क़दम
वैश्विक मंचों पर भारत की साफ आवाज़, ठोस नेतृत्व और राष्ट्रहित की स्पष्ट नीतिने दुनिया को चौंका दिया है
लेकिन आज भी खतरा बना हुआ है!
क्योंकि विपक्ष:
- वामपंथी, लिबरल, लुटियन मीडिया और विदेशी फंडिंग से जुड़े राष्ट्रविरोधी तत्वोंसे मिलकर भारत को फिर पटरी से उतारने की साजिश कर रहा है
- CAA, NRC, राम मंदिर, और कृषि कानून जैसे मुद्दों पर झूठ फैलाकर देश में अराजकता फैला रहे हैं
- भारत को फिर से धार्मिक और जातिगत संघर्षों में झोंकनाचाहते हैं
अब फैसला आपका है!
क्या आप फिर से उसी कांग्रेस–विपक्ष गठजोड़ को सत्ता सौंपेंगे जिन्होंने:
- आतंकवादियों को गले लगाया
- सैनिकों को भूला दिया
- हिंदुओं को बाँटा
- और भारत को लगभग बर्बाद कर दिया?
या
एक ऐसे भारत को चुनेंगे जो शक्तिशाली है, स्वाभिमानी है, और सनातन मूल्यों पर खड़ा है?
अब नहीं जागे, तो शायद आने वाली पीढ़ियाँ हमसे सवाल करेंगी…
कि हमने भारत को बचाया क्यों नहीं?
🇮🇳जयभारत, वन्देमातरम🇮🇳
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