🔴 “इस्लामी जिहाद एक घातक कैंसर की तरह पूरी मानवता की नस–नस में फैलता जा रहा है। यह अब कोई क्षेत्रीय समस्या नहीं, बल्कि एक सभ्यतागत आपातकाल है।“
आज दुनिया एक ऐसे मोड़ पर खड़ी है जहाँ या तो हम मिलकर इस वैश्विक इस्लामी जिहाद और आतंकवाद को जड़ से समाप्त करें, या फिर सभ्यता का पतन स्वीकार कर लें।
⚔️ इस्लामी जिहाद: 21वीं सदी का सबसे घातक विचारधारात्मक युद्ध
यह कोई पारंपरिक युद्ध नहीं है जहाँ दुश्मन की कोई सीमा या यूनिफॉर्म हो। इस्लामी जिहाद एक वैश्विक, अदृश्य विचारधारा है — जो मस्जिदों, स्कूलों, सोशल मीडिया, शरणार्थी शिविरों और राजनीतिक गलियारों से चलाई जा रही है। इसका उद्देश्य केवल सत्ता नहीं, बल्कि पूरे विश्व को एक कट्टरपंथी इस्लामी शासन में परिवर्तित करना है।
- शहरों में बम धमाके
- हवाई जहाजों की हाईजैकिंग
- बच्चों कों ब्रेनवॉश करना
- महिलाओं के साथ दुराचार
- काफिरों का संहार
- सरकारों को धमकी
नाइजीरिया से न्यूयॉर्क, काबुल से कश्मीर, तेल अवीव से टूलूज़ — हर जगह कहानी एक जैसी है। नाम भले अलग हों — आईएसआईएस, हमास, अलकायदा, जैश–ए–मोहम्मद, हिजबुल्ला, बोको हराम, लश्कर–ए–तैयबा — लेकिन मकसद एक है: पूरी दुनिया में कट्टर इस्लामी शासन लागू करना।
🛑 भारत और इज़राइल अकेले क्यों लड़ रहे हैं?
भारत और इज़राइल — दो मज़बूत लोकतांत्रिक राष्ट्र — वर्षों से जिहादी आतंक के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं, लेकिन आज भी अकेले लड़ रहे हैं।
- भारत ने कश्मीर और देशभर में पाकिस्तान पोषित जिहाद के कारण हज़ारों निर्दोष नागरिकों और सैनिकों की कुर्बानी दी है।
- इज़राइल हमास और हिजबुल्ला से लगातार अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है, जबकि वैश्विक मीडिया उसे ही दोषी ठहराता है।
अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन जैसी जगहों पर भी आतंकी हमले हो चुके हैं, फिर भी अधिकतर देश या तो चुप बैठे हैं, या इस्लामी कट्टरपंथ को तुष्ट कर रहे हैं।क्यों केवल भारत और इज़राइल पर यह जिम्मेदारी है, जबकि यह खतरा वैश्विक है?
🌐 अब जरूरी है एक वैश्विक, संयुक्त और कठोर रणनीति
यह समय कूटनीतिक दिखावों और राजनीतिक संतुलन का नहीं है। अब केवल संगठित वैश्विक कार्रवाई ही इस जहर को रोक सकती है।
🔐 अब दुनिया को क्या करना चाहिए:
1. वैश्विक आतंक विरोधी सैन्य गठबंधन बनाएं
जिस प्रकार नाटो ने शीत युद्ध के समय पश्चिम की रक्षा की, उसी प्रकार हमें एक वैश्विक आतंक–विरोधी गठबंधन (GAAJ) बनाना होगा, जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सीरिया, ईरान, गाज़ा आदि में सक्रिय आतंकवादी संगठनों को निशाना बनाए।
2. आतंकी पोषक राष्ट्रों को प्रतिबंधित करें
जो देश किसी भी रूप में आतंक को शह या समर्थन देते हैं, उन्हें राजनयिक रूप से अलग–थलग, आर्थिक रूप से प्रतिबंधित, और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में दोषी ठहराया जाए।
3. संयुक्त खुफिया एवं साइबर नेटवर्क तैयार करें
मोसाद, रॉ, सीआईए, एमआई6 जैसे संगठनों को मिलाकर एक साझा खुफिया और साइबर फोर्स बनाई जाए जो वैश्विक जिहादी नेटवर्क, फंडिंग और ऑनलाइन ब्रेनवॉशिंग को ध्वस्त करे।
4. आप्रवासन नीति की सख्त समीक्षा करें
आतंकियों की घुसपैठ रोकने के लिए शरणार्थी नीति और मस्जिदों की फंडिंग पर कड़ा नियंत्रण आवश्यक है।
5. मस्जिदों से कट्टर भाषण और सांस्कृतिक जिहाद पर रोक लगे
संयुक्त राष्ट्र को इस्लामी कट्टरता, महिलाओं पर अत्याचार, और लोकतंत्र विरोधी उपदेशों पर प्रतिबंध लगाने का कठोर कानून लाना होगा।
💣 भारत का विभाजन, कश्मीर का संहार और दुनिया की चुप्पी — एक ही कहानी
1947 के विभाजन में पाकिस्तान में हिंदुओं और सिखों का नरसंहार, कश्मीरी हिंदुओं की 1990 में पूर्ण जातीय सफ़ाई, और आज भी बंगाल, राजस्थान, केरल, कर्नाटक जैसे राज्यों में हिंदुओं के खिलाफ सुनियोजित अत्याचार — फिर भी सरकारें चुप, और दुनिया बेखबर।
यह वही पैटर्न है — जिहादियों को शरण, पीड़ितों की उपेक्षा।
⚠️ दुनिया धीरे–धीरे इस्लामी नियंत्रण की ओर बढ़ रही है
यह लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि उस विचारधारा के खिलाफ है जो:
- हत्या और बलात्कार को धर्म के नाम पर जायज़ ठहराती है
- लोकतंत्र और स्वतंत्रता को नष्ट करना चाहती है
- मस्जिदों को आतंक के अड्डे बनाती है
- मानवाधिकारों को हथियार बनाकर सभ्यताओं को तोड़ती है
यदि अभी नहीं रुका, तो यह आतंक आपके स्कूल, आपके बच्चों, आपके क़ानून, आपके अधिकारों और आपकी संस्कृति तक पहुंचेगा।
✊🏽 मोदी और नेतन्याहू का धन्यवाद — जिनसे आशा है
यदि 2014 में भारत में मोदी सरकार न आई होती, तो आज हम एक इस्लामी राष्ट्र बन चुके होते।
इसी प्रकार नेतन्याहू ने इज़राइल को साहस के साथ खड़ा किया है।
इन दोनों देशों को अलग–थलग करने की नहीं, बल्कि पूर्ण अंतरराष्ट्रीय समर्थन की जरूरत है।
🧠 जन जागरण की आवश्यकता: इतिहास का पुनर्लेखन अनिवार्य
हमें अपने इतिहास को दोबारा लिखना होगा —
- इस्लामी आक्रमणकारियों की झूठी महिमा को हटाना होगा
- गांधी–नेहरू की छवि को पुनर्मूल्यांकन करना होगा, जिन्होंने:
- विभाजन को रोका नहीं
- हिंदुओं की रक्षा नहीं की
- मुसलमानों को खुश रखने की नीति अपनाई
- भगत सिंह, नेताजी सुभाष, सावरकर जैसे असली नायकों को दबाया
- कांग्रेस ने 2014 तक देश को तुष्टिकरण और इस्लामीकरण के मार्ग पर धकेला।
मोदी सरकार ने उस पतन को रोका और राष्ट्र को फिर से खड़ा किया।
🕊️ वैश्विक नेताओं के लिए अंतिम संदेश:
यदि दुनिया सच में शांति, स्वतंत्रता और मानवता की रक्षा करना चाहती है, तो इस्लामी जिहाद के खिलाफ लड़ाई को इस सदी का सबसे बड़ा मिशन बनाना ही होगा।
- चुप्पी की कीमत – गुलामी।
- तुष्टिकरण की कीमत – संस्कृति का पतन।
- अवज्ञा की कीमत – नरसंहार।
- अभी एकजुट हों — या फिर टुकड़ों में बर्बाद हो जाएं।
पूरे विश्व को एकजुट होकर इस्लामिक जिहाद और आतंकवाद का डटकर सामना करना होगा और उसे समूल नष्ट करना होगा।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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