“धीमा ज़हर” एक विचारोत्तेजक विश्लेषण है जो भारत के हिंदू बहुल समाज के खिलाफ चुपचाप चल रही वैश्विक और अंदरूनी साजिशों को उजागर करता है। यह पुस्तक उन सूक्ष्म मगर गहरे प्रभाव डालने वाले प्रयासों की पड़ताल करती है, जो सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक स्तर पर हिंदू समाज को कमजोर करने की दिशा में हो रहे हैं।
🔴 क्या आप जानते हैं कि आपको पिछले 75 सालों से मानसिक रूप से गुलाम बनाने का एक प्लान चल रहा है?
यह युद्ध बंदूकों से नहीं, किताबों, भाषणों, फिल्मों, न्यूज़ चैनलों और सोशल मीडिया से लड़ा गया है।
📌 1. हिंदू पहचान पर सुनियोजित हमला कैसे हुआ?
इतिहास बदला गया —
गुलामी के इतिहास को गौरव और मुगलों को “महान बादशाह” बना दिया गया
जबकि महाराणा प्रताप, शिवाजी, गुरु गोविंद सिंह और नेताजी को हाशिये पर धकेल दिया गया।
धर्म की गलत व्याख्या फैलाई गई —
हिंदू धर्म को जातिवादी, हिंसक और पाखंडी बताकर कलंकित किया गया, जबकि इस्लामी आक्रमणों और चर्च प्रायोजित धर्मांतरण पर मौन साधा गया
संवेदनशील विषयों का मज़ाक उड़ाया गया —
हिंदू देवी–देवताओं पर फिल्में, वेब सीरीज और कार्टून में अपमानजनक चित्रण, लेकिन किसी और मज़हब के खिलाफ बोलना ‘हेट स्पीच’ बन गया।
🧨 2. “संवैधानिक सेक्युलरिज़्म” का असली रूप क्या था?
- हिंदू त्योहारों को पर्यावरण संकट कहा गया।
- गो–हत्या रोकने की बात “अल्पसंख्यक विरोध“ बन गई।
- बकरीद पर कत्ल होता रहा, वो ‘धार्मिक अधिकार’ बना रहा।
- “भारत माता की जय” बोलना सांप्रदायिक
- “भारत तेरे टुकड़े होंगे” कहना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता!
🚨 3. समाज में विभाजन पैदा किया गया
- जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषा विवाद को सत्ता हथियाने का हथियार बनाया गया।
- हिंदू बनाम हिंदू की लड़ाई खड़ी की गई —
ब्राह्मण बनाम दलित, उत्तर बनाम दक्षिण, हिंदू बनाम हिंदुत्व।
मुसलमानों को एकजुट रखा गया और हिंदुओं को जातियों में बांटकर निर्बल किया गया।
🧠 4. मनोवैज्ञानिक नियंत्रण कैसे किया गया?
- शिक्षा प्रणाली में गौरव का इतिहास हटाया गया।
- फिल्मों और मीडिया में सेक्युलर हीरो और कट्टर हिंदू विलेन बनाए गए।
- बच्चों को हिंदू धर्म के बारे में शंका और ग्लानि सिखाई गई।
नतीजा: हिंदू युवा अपने ही धर्म, संस्कृति और राष्ट्र के लिए शर्मिंदा हो गया।
5. राजनीतिक रूप से हिंदू को कमजोर कैसे किया गया?
- हिंदू वोट बैंक नहीं बन पाया, क्योंकि वह जातियों और पार्टियों में बंटा रहा।
- विपक्षी पार्टियाँ ‘संविधान खतरे में’, ‘लोकतंत्र मर गया’ जैसे झूठे नैरेटिव्स से मोदी सरकार की छवि खराब करती रहीं।
PFI जैसी जिहादी संस्थाएं खुलकर 2047 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की बात करती हैं — और सरकारी डाटा के मुताबिक लाखों हथियार भी जुटा रखे हैं।
🔥 6. असली खतरा क्या है?
- लव जिहाद, लैंड जिहाद, सर्विस जिहाद, UPSC जिहाद, घुसपैठ और 4 बीवियों-25 बच्चों की आबादी रणनीति — सब एक एजेंडे के तहत हो रहा है।
- फिर भी हिंदू समाज अब भी सोशल मीडिया पर पोस्ट पढ़कर शांत बैठा है, जबकि दूसरा पक्ष हर रोज़ ज़मीन पर तैयारी कर रहा है।
🧱 7. क्यों यह धीमा ज़हर सबसे खतरनाक है?
- यह चेतना को नष्ट करता है:
जब इंसान को अपने धर्म और राष्ट्र पर गर्व नहीं होता, तो वह हर झूठ स्वीकार कर लेता है। - यह प्रतिक्रिया शक्ति को खत्म करता है:
जब आप बार-बार सुनते हैं कि “हिंदू कट्टरपंथी हैं”, तो आप सच्चाई के खिलाफ बोलना बंद कर देते हैं।
यह समाज को निष्क्रिय बना देता है:
आप सोचते हैं, “सरकार देख लेगी”, “संघ कुछ करेगा”, “मोदी हैं न” — और खुद सोते रह जाते हैं।
🚩 यह चेतावनी नहीं, धर्मयुद्ध का आह्वान है
- अगर अभी नहीं जागे, तो:
- भारत में जजिया कर लौटेगा
- मंदिरों की जगह मस्जिदें होंगी
- आपकी बहनों-बेटियों की इज़्ज़त खतरे में होगी
- और आप “काफ़िर” कहकर मिटा दिए जाओगे —
जैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश में हुआ।
“धीमा ज़हर: भारत के हिंदू बहुल समाज को खत्म करने की चुपचाप चलती हुई वैश्विक-अंदरूनी साजिश” एक विचारोत्तेजक विश्लेषण है जो भारत के हिंदू बहुल समाज के खिलाफ जारी सुनियोजित, धीमी और अदृश्य साजिशों को सामने लाता है। यह पुस्तक उन वैश्विक और अंदरूनी प्रयासों की परतें खोलती है, जो सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक रूप से हिंदू समाज को कमजोर करने में लगे हैं।
🕉️ अब निर्णय आपका है:
जागो या मिट जाओ।
खड़े हो जाओ या गुलामी स्वीकार कर लो।
📣 जय सनातन | जय भारत | हिंदू एकता ज़िंदाबाद
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