हिंदू मंदिर केवल पूजा स्थल ही नहीं, बल्कि समाज और संस्कृति के पुनरुत्थान के केंद्र भी हो सकते हैं। मंदिरों को एक सशक्त संगठन के रूप में विकसित करने के लिए निम्नलिखित मानकों और विचारों को अपनाया जा सकता है। इन मानकों को पूरा करने वाले मंदिरों को प्रमाण पत्र देकर उनके योगदान को मान्यता दी जानी चाहिए।
मंदिर के प्रबंधन और संरचना
1. स्वच्छता और ड्रेस कोड:
- मंदिर परिसर में स्वच्छता का ध्यान रखा जाए।
- मंदिर में गंदे या अनुचित कपड़े पहनकर प्रवेश प्रतिबंधित हो।
2. हिंदू व्यापार और रोजगार:
- मंदिर के आसपास केवल हिंदू व्यापारियों को व्यापार की अनुमति दी जाए।
- मंदिर स्थानीय हिंदू व्यापारियों और श्रमिकों को एक-दूसरे से जोड़ने का कार्य करे।
3. सुरक्षा और संरचना:
- मंदिर की सुरक्षा के लिए मजबूत किलेबंदी की जाए।
- सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और चौकसी बढ़ाई जाए।
4. धार्मिक पारदर्शिता:
- मंदिर के पुजारी चंदे का पूरा हिसाब सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराएं।
5. सांस्कृतिक प्रतीक:
- मंदिरों में केवल सनातन धर्म से जुड़े देवी-देवताओं की मूर्तियां हों।
6. मंदिर का रख-रखाव और संचालन के लिए आर्थिक सहयोग:
- समाज के प्रतिष्ठित लोगों और व्यापारियों को मंदिर के रख-रखाव और संचालन के लिए उचित प्रबंध करना चाहिए ताकि सभी गतिविधियाँ सुचारु रूप से चलती रहें।
शारीरिक और मानसिक विकास के लिए प्रयास
1. कुश्ती और खेल:
- मंदिर परिसर में एक कुश्ती अखाड़ा हो।
- युवाओं के लिए कबड्डी, लाठी-डंडा, रस्सी चढ़ना, तलवारबाजी जैसे पारंपरिक खेलों का आयोजन किया जाए।
2. शिक्षा और संस्कार:
- सभी आयु वर्ग के लिए वैदिक पाठशाला हो, जहां धर्मग्रंथों और संस्कृत का अध्ययन कराया जाए।
- युवाओं को नशे और फिजूल के शौक से दूर रखने के लिए नियमित शारीरिक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं।
समाज सुधार और सुरक्षा के लिए प्रयास
1. महिलाओं की सुरक्षा:
- स्थानीय युवाओं को अपने इलाके की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति जागरूक बनाया जाए।
- बाहरी और संदिग्ध व्यक्तियों पर सतर्क नजर रखी जाए।
2. सम्पत्ति का प्रबंधन:
- गैर-हिंदुओं (मुस्लिम और ईसाई) को घर, दुकान, या संपत्ति किराए पर देने या बेचने से रोका जाए।
- ऐसा करने वालों को समझाने, चेतावनी देने और स्थानीय स्तर पर बहिष्कृत करने का प्रयास किया जाए।
3. गरीबों की सहायता:
- गरीब हिंदुओं को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए।
- उनके बच्चों को शिक्षा और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद की जाए।
धार्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता
1. धार्मिक नेतृत्व:
- धर्माचार्य केवल हिंदू हितों की बात करें और धर्मनिरपेक्ष पार्टियों का विरोध करें।
- हिंदू युवाओं को कट्टर हिंदू और देशभक्त बनाने पर जोर दें।
- धर्मग्रंथों में मिलावट और झूठी व्याख्याओं को हटाने के प्रयास किए जाएं।
2. धार्मिक नियम और शोध:
- हिंदुओं के लिए धार्मिक और राजनीतिक दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।
- धर्म और वेद पुराणों पर शोध करने के लिए संस्थान स्थापित किए जाएं।
3. धार्मिक प्रतीक:
- हिंदुओं को तिलक और अन्य धार्मिक चिह्न धारण करने के लिए प्रेरित किया जाए।
- ईद और क्रिसमस जैसे त्योहारों के संदेशों से बचा जाए।
4. मीडिया और मनोरंजन से दूरी:
- बॉलीवुड और बिग बॉस जैसे शो से दूरी बनाए रखें।
- इस्लाम और ईसाई धर्म का प्रचार करने वाले व्यक्तियों और कार्यक्रमों का बहिष्कार करें।
पेशेवर और सामुदायिक नेटवर्क का निर्माण
1. पेशेवर लाबी:
- हिंदू वकीलों, डॉक्टरों, व्यापारियों, सैनिकों, और मीडियाकर्मियों की मजबूत लाबी बनाई जाए।
2. रोजगार और व्यापार:
- हिंदू व्यवसायों को हिंदू कर्मचारियों और श्रमिकों से जोड़ा जाए।
- स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मंदिर की भूमिका हो।
युवाओं के लिए प्रेरणा और संदेश
- धर्म के प्रति समर्पण: युवाओं को धर्म, संस्कृति, और मातृभूमि के प्रति समर्पित और जागरूक किया जाए।
- सांस्कृतिक संरक्षण: हर हिंदू युवा अपने धर्म और संस्कृति का संरक्षक बने।
- एकता और साहस: जाति और वर्ग के भेदभाव को खत्म कर “केवल हिंदू” पहचान को बढ़ावा दें।
हर हर महादेव! जय श्री राम!