पिछले कुछ वर्षों में भारत ने भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, और बाहुबल के जाल से निकलकर एक नयी दिशा में कदम रखा है। यह बदलाव न केवल नीतियों और शासन में साफ़ दिखाई देता है, बल्कि समाज में भी एक नई ऊर्जा और आशा का संचार हुआ है।
हमारे देश में ऐसे कई प्रश्न और उदाहरण हैं, जो इस बदलाव की कहानी बयाँ करते हैं। आइए, इन पर विचार करें और समझें कि एक सशक्त और पारदर्शी भारत कैसा दिखता है:
भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद पर लगाम:
चिदंबरम के गमले और करोड़ों की गोभी: क्या यह संभव है कि गमलों में करोड़ों की फसल उगाई जाए? यह केवल भ्रष्ट शासन और अवैध तरीकों का प्रतीक था। आज, ऐसी कहानियाँ इतिहास बन गई हैं।
सुप्रिया सुले और 20 करोड़ की फसल: जब नीति और प्रशासन पारदर्शी हो, तो अवैध साधनों से धन अर्जित करना असंभव हो जाता है। आज हर खेत और किसान को ईमानदारी से काम करना पड़ता है।
रोबर्ट वाड्रा और जमीन सौदे: हरियाणा और अन्य राज्यों में सत्ता परिवर्तन के बाद जमीन के अवैध सौदों पर अंकुश लग गया है। यह पारदर्शी शासन का नतीजा है।
सांस्कृतिक और बाहुबल का प्रभाव:
सैफई महोत्सव और अखिलेश यादव: करदाताओं के पैसे पर आयोजित होने वाले महोत्सव अब इतिहास बन गए हैं। जनता के धन का सही उपयोग हो रहा है, और यही सच्चे लोकतंत्र की निशानी है।
मायावती का जन्मदिन और दिखावा: सत्ता से अलग होते ही, अवैध साधनों से धन और सम्मान जुटाने की प्रथा बंद हो गई है। अब राजनीति सेवा का माध्यम बन रही है।
अपराध और बाहुबल पर नियंत्रण:
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी: कोई नया अतीक अहमद, आजम खान, या मुख्तार अंसारी अब उभर नहीं पा रहा है।
यादव सिंह जैसे भ्रष्टाचार के मामलों पर न केवल अंकुश लगा है, बल्कि न्याय व्यवस्था भी तेजी से काम कर रही है।
भ्रष्टाचार के प्रतीक गायब क्यों हैं?
प्रियंका गांधी और करोड़ों की पेंटिंग: देश में पारदर्शिता और ईमानदारी का माहौल ऐसा बन चुका है कि ऐसे भ्रष्ट तरीकों से धन कमाने की गुंजाइश लगभग खत्म हो चुकी है।
मुंबई और अंडरवर्ल्ड: कांग्रेस सरकार के पतन के बाद, हाजी मस्तान, करीम लाला, और दाऊद इब्राहिम जैसे अंडरवर्ल्ड डॉन अब इतिहास के पन्नों में सिमट चुके हैं।
युवाओं के लिए संदेश
यह बदलाव महज संयोग नहीं है। यह इस बात का प्रमाण है कि यदि नेतृत्व ईमानदार हो, तो एक देश को नई दिशा में मोड़ा जा सकता है।
जागरूकता: हमें यह समझने की जरूरत है कि पारदर्शी शासन और कड़े कानून ही हमारे समाज को बेहतर बना सकते हैं।
जवाबदेही: हर नागरिक को सरकार से जवाबदेही मांगनी चाहिए।
भागीदारी: युवाओं को न केवल सिस्टम पर सवाल पूछना चाहिए, बल्कि खुद उस बदलाव का हिस्सा भी बनना चाहिए।
आज का भारत न केवल एक नए युग में प्रवेश कर रहा है, बल्कि अपने आप को दुनिया के सामने एक सक्षम और सशक्त देश के रूप में पेश कर रहा है।
आपका कर्तव्य है कि इस बदलाव का हिस्सा बनें और एक उज्जवल भविष्य की नींव रखें।
🚩 वंदे मातरम्! 🚩
– युवा भारत, सक्षम भारत
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