यह वैश्विक संकट लगातार क्यों बढ़ रहा है
1. संकट की जड़
- पिछले कई दशकों से दुनिया भर में एक जैसी घटनाएँ सामने आ रही हैं – हिंसा, उग्रवाद, आतंकवाद, अवैध घुसपैठ और जनसांख्यिकीय असंतुलन।
- हैरानी की बात यह है कि इन समस्याओं की जड़ ज़्यादातर एक ही विशेष समुदाय आधारित विचारधारा में पाई जाती है, जो स्थानीय क़ानून और संस्कृति को मानने से इनकार करती है और दूसरों पर प्रभुत्व जमाना चाहती है।
- सच्चाई को पहचानना घृणा नहीं है। यदि आग लगी है तो उसे “आग” कहना नफ़रत नहीं बल्कि ज़िम्मेदारी है।
2. पहले से जूझ रहे देश
- भारत – आतंकवाद, रोहिंग्या और अन्य अवैध घुसपैठ, वोट-बैंक राजनीति और तुष्टिकरण ने इसकी एकता को चोट पहुँचाई है। शाहीन बाग़ जैसे आंदोलनों ने यह साफ़ किया कि यह सुनियोजित षड्यंत्र है।
- फ़्रांस – पेरिस और कई शहर दंगों और उग्रवाद की चपेट में हैं। नागरिक अपने ही मोहल्लों में असुरक्षित हैं।
- जर्मनी और ब्रिटेन – भारी संख्या में उग्र शरणार्थियों की घुसपैठ से अपराध बढ़े हैं और ग़ैर-क़ानूनी गेट्टो बन गए हैं। राजनीतिक शिष्टाचार (political correctness) ने सच्चाई बोलना बंद कर दिया है।
- इज़रायल – एक लोकतांत्रिक राष्ट्र जो हर दिन जिहादी हमलों का सामना कर रहा है और अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है।
- अमेरिका – धीरे-धीरे इसी जाल में फँस रहा है। गेट्टो, विरोध प्रदर्शन और तुष्टिकरण की राजनीति वहाँ भी पैर पसार रही है।
लेकिन दुख की बात है कि कई सरकारें इन समस्याओं को मानने की बजाय छिपाती, नज़रअंदाज़ करती या तुष्ट करती हैं। यही ढिलाई उग्रवादियों को और ताकत देती है।
3. समस्या क्यों बढ़ रही है
- सच्चाई छिपाना और “बुरा मानने” का डर – विचारधारा का नाम लेने से डरकर सरकारें अपनी जनता को ही असुरक्षित छोड़ रही हैं।
- आर्थिक सौदे – कई देश उन उग्रवादी देशों से व्यापार कर रहे हैं जो आतंक और कट्टरता को बढ़ावा देते हैं।
- तुष्टिकरण की राजनीति – वोट पाने के लिए पार्टियाँ उग्रवादी तत्वों को संरक्षण देती हैं।
- वैश्विक चुप्पी – लोकतांत्रिक देश जानते हुए भी चुप हैं ताकि उन पर राजनीतिक गलत ठप्पा न लगे।
यह चुप्पी तटस्थ नहीं है – यह खतरनाक है।
4. जिन देशों ने कठोर कदम उठाए
कुछ देशों ने वास्तविकता को स्वीकार कर साहसिक कदम उठाए:
- चीन – उग्रवाद को रोकने के लिए कड़े आंतरिक कदम उठाए।
- जापान – आप्रवासन पर सख़्त नियंत्रण रखा, जिससे संस्कृति सुरक्षित है।
- ऑस्ट्रेलिया – क़ानून मज़बूत किए और उग्र तत्वों को नियंत्रण में रखा।
- म्यांमार – अवैध घुसपैठ पर सख़्त कार्यवाही की।
आज ये देश यूरोप या भारत की तुलना में अपेक्षाकृत सुरक्षित हैं।
5. यह प्लेग से भी ज़्यादा खतरनाक क्यों
- यह समस्या कोई बीमारी नहीं बल्कि विचारधारा है।
- बीमारी समाज को जोड़ती है, सब मिलकर इलाज ढूँढते हैं।
- लेकिन यह विचारधारा समाज को बाँटती है और देशों को भीतर से कमजोर करती है।
- अगर अभी नहीं रोका गया तो यह लोकतंत्रों को गिरा देगा, अर्थव्यवस्थाएँ ध्वस्त करेगा और दुनिया को युद्धों में झोंक देगा।
6. आगे का रास्ता – वैश्विक एकता
अब और देर नहीं। दुनिया को मिलकर जागना होगा।
सच्चाई को नाम दें – यह मानना होगा कि समस्या कट्टर इस्लामी विचारधारा से है, न कि गरीबी या अशिक्षा से।
तुष्टिकरण बंद करें – राष्ट्रीय हित, संस्कृति और जनता की सुरक्षा वोट या सौदे से ऊपर होनी चाहिए।
आंतरिक सुरक्षा मज़बूत करें – अवैध घुसपैठ, जिहादी नेटवर्क और विदेशी फंडिंग पर सख़्त रोक लगे।
वैश्विक सहयोग – जैसे कोरोना से लड़ने के लिए दुनिया एकजुट हुई थी, वैसे ही जिहादी उग्रवाद को जड़ से मिटाने के लिए भी एक होना पड़ेगा। भारत, इज़रायल, फ़्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका को मिलकर अगुवाई करनी होगी।
शांतिप्रिय आवाज़ों को समर्थन – समुदाय के भीतर जो लोग शांति चाहते हैं, उन्हें सशक्त किया जाए।
जन-जागरूकता – आम नागरिकों को जागरूक होना होगा और सरकारों पर दबाव बनाना होगा कि वे मज़बूती से खड़े हों।
7. संदेश
- बहुत समय से भारत, फ़्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, इज़रायल और अब अमेरिका इस समस्या की मार झेल रहे हैं। यदि इसे अभी नहीं रोका गया तो यह दुनिया के लिए प्लेग से भी भयानक सिद्ध होगा।
- यह किसी धर्म के खिलाफ़ नहीं है, बल्कि उन कट्टर तत्वों और जिहादी विचारधारा के खिलाफ़ है जो शांति, संस्कृति और मानवता को खतरे में डाल रहे हैं।
👉 जब शांति से समस्या का समाधान न निकले और शरारती तत्व समझने को तैयार न हों, तब राष्ट्रहित, सुरक्षा और जनहित में उन्हें सख़्ती से निपटाना ही एकमात्र रास्ता होता है।
✅ जनता के लिए मुख्य संदेश
- तुष्टिकरण और चुप्पी का मतलब है कल का विनाश।
- शांति की कोशिशें असफल हों तो कठोर कदम ज़रूरी हैं।
- राष्ट्रों और नागरिकों की एकता ही सुरक्षा की गारंटी है।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
पुराने ब्लॉग्स के लिए कृपया हमारी वेबसाईट www.saveindia108.in पर जाएं।
हमारे व्हाट्सएप कम्यूनिटी में जुड़ने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें: https://chat.whatsapp.com/FMr2WNIgrUVG9xK78FW5Dl?mode=r_t
टेलीग्राम ग्रुप से जुडने के लिए https://t.me/+T2nsHyG7NA83Yzdlपर क्लिक करेँ। पुराने ब्लॉग्स टेलीग्राम ग्रुप पर भी उपलब्ध हैं।
