भारत अपने राजनीतिक सफर के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। पिछले 70 वर्षों में, कुछ राजनीतिक ताकतों, विशेष रूप से कांग्रेस, वामपंथी दलों और तथाकथित धर्मनिरपेक्ष समूहों ने हिंदुओं को जाति, धर्म और समुदाय के आधार पर बांटने का प्रयास किया है। इस रणनीति ने हिंदू एकता को कमजोर किया है, जिसके गंभीर परिणाम हुए हैं। हाल के बंगाल चुनाव इस समस्या को उजागर करते हैं, जहां हिंदू बहुमत होने के बावजूद, वोटों के विभाजन के कारण हिंदू उम्मीदवार हार गए। यदि हमने अभी ध्यान नहीं दिया, तो भविष्य में इसके और भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
खतरे को समझें: जिहादी तत्व और उनका एजेंडा
भारत जिहादी तत्वों से बढ़ते खतरे का सामना कर रहा है, जो राष्ट्र को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं। उनका दीर्घकालिक एजेंडा हिंदू जनसंख्या को कम करना और मुस्लिम जनसंख्या को बढ़ावा देना है, ताकि एक इस्लामी राज्य की स्थापना की जा सके।
चिंताजनक बात यह है कि इन समूहों को विपक्षी पार्टियों का समर्थन मिला हुआ है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता से अधिक अपने राजनीतिक लाभ को महत्व देती हैं। जबकि ये ताकतें संगठित और दृढ़ हैं, हिंदू समाज बंटा हुआ और निष्क्रिय है। यदि हमें अपने राष्ट्र और धरोहर की रक्षा करनी है, तो हमें जागरूक, एकजुट और सतर्क बनना होगा।
हिंदू एकता को कमजोर करने में विपक्ष की भूमिका
विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस और इस्लामी गुट, हिंदू समाज को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। मुस्लिम नेता खुलेआम धमकियां दे रहे हैं, जबकि कश्मीर और बंगाल जैसे क्षेत्रों में समूह भारत की एकता को चुनौती दे रहे हैं।
जबकि ये ताकतें मजबूत हो रही हैं, हिंदू समाज बहुत लंबे समय से चुप है। अब समय आ गया है कि हम इस बढ़ते खतरे का सामना करने के लिए कदम उठाएं।
एकता की आवश्यकता: इतिहास से सबक
जाति, संप्रदाय और समुदाय के आधार पर विभाजन हिंदुओं की हमेशा से कमजोरी रही है, जिसका विपक्षी पार्टियां अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए फायदा उठाती हैं। हमें इन विभाजनों को खारिज करना होगा और एकजुट होकर खड़ा होना होगा।
बांग्लादेश में हुए दुखद घटनाक्रम, जहां हिंदुओं को केवल उनके धर्म के कारण मारा गया, हमें एक कड़ी चेतावनी देते हैं। यदि हमने एकजुटता नहीं दिखाई, तो भारत में भी ऐसी ही घटनाएं हो सकती हैं। यह हमारी एकता ही है जो हमें इन चुनौतियों से पार दिला सकती है।
वैश्विक शक्तियां और उनका प्रभाव
भारत की चुनौतियां केवल आंतरिक खतरों तक सीमित नहीं हैं। अमेरिका सहित वैश्विक शक्तियों ने ऐतिहासिक रूप से यूक्रेन, अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों को अस्थिर किया है, ताकि अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाया जा सके।
ये शक्तियां अब विभाजनकारी समूहों और विपक्षी दलों का समर्थन करके भारत को कमजोर करने की योजना बना रही हैं। हमें सतर्क रहना होगा और भारत की संप्रभुता की रक्षा करनी होगी।
कार्यवाही के लिए आह्वान: भारत के भविष्य की रक्षा
यदि हम अभी एकजुट नहीं हुए तो हमें अपनी संस्कृति, विरासत और संप्रभुता खोने का खतरा है। बांग्लादेश में हिंदुओं के बीच एकता की कमी उनके पतन का कारण बनी। आइए हम इतिहास से सीखें और सुनिश्चित करें कि ऐसा भाग्य हमारे साथ न हो। यह हिंदुओं के लिए मतभेदों को दूर करने और हमारी संस्कृति, धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए एक साथ खड़े होने का समय है। एकता इन चुनौतियों पर काबू पाने और हिंदू धर्म में निहित भारत के लिए एक उज्जवल भविष्य सुरक्षित करने की कुंजी है।
उठो, जागो, और कार्य करो
हिंदू समाज अब और निष्क्रिय नहीं रह सकता। हमें विभाजनकारी राजनीति को खारिज करना होगा और अपनी एकता को अपनी ताकत बनानी होगी। यह वह क्षण है जब हमें उन ताकतों के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने होंगे, जो हमें कमजोर और विभाजित करना चाहती हैं।
आइए हम एकजुट हों, अपनी संस्कृति की रक्षा करें, और भारत की सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित करें।
“जागो, उठो, और तब तक रुको मत जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।”