🔹 विभाजन — धर्म नहीं, सत्ता की भूख का परिणाम
भारत के विभाजन को अक्सर हिंदू-मुस्लिम धार्मिक मतभेद का ‘अनिवार्य परिणाम’ बताया जाता है। लेकिन असल सच्चाई कहीं ज्यादा कड़वी है: यह व्यक्तिगत लालच और सत्ता की हवस थी, जिसने भारत माता को टुकड़ों में बाँट दिया।
- जिन्ना ने मुसलमानों के लिए अलग पाकिस्तान की माँग की। कारण बताया — हिंदू और मुस्लिम साथ नहीं रह सकते।
- लेकिन असली वजह? जिन्ना खुद प्रधानमंत्री बनना चाहता था।
- नेहरू भी प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं थे।
- गांधी ने समझौते को रास्ता दिखाया — और पाकिस्तान को न केवल जमीन का बड़ा हिस्सा दिया, बल्कि शांति के नाम पर नकद राशि भी सौंपी।
- पर इस गद्दारी के बीच, हिंदुओं और सिखों को भयावह नरसंहार, बलात्कार, लूट और पलायन का शिकार होना पड़ा।
और जब करोड़ों हिंदू अपनी जान बचाकर भारत आए, नेहरू ने यह सुनिश्चित किया कि करोड़ों मुस्लिम भारत में ही रह जाएँ — करुणा से नहीं, बल्कि कांग्रेस को स्थायी मुस्लिम वोट-बैंक चाहिए था।
🔹 हिंदुओं के खिलाफ मौन विश्वासघात
जब हिंदू पंजाब, सिंध, बंगाल और कश्मीर में कत्लेआम झेल रहे थे:
- गांधी और नेहरू मूक दर्शक बने रहे।
- विस्थापित हिंदुओं और सिखों के लिए कोई ठोस पुनर्वास योजना नहीं बनी।
- मुस्लिमों द्वारा छोड़ी गई जमीनें और संपत्तियाँ हिंदुओं को न देकर फिर मुस्लिमों को लौटा दी गईं।
- यानी, जिन्होंने विभाजन का सबसे बड़ा दर्द झेला, उन्हें अपने ही नेताओं ने दूसरी बार दंडित किया।
यह कोई गलती नहीं थी, बल्कि सोच-समझकर बनाई गई तुष्टिकरण नीतिथी, जिसे कांग्रेस ने आगे 70 साल तक संस्थागत बना दिया।
🔹 कांग्रेस और मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति
स्वतंत्रता के बाद से कांग्रेस ने लगातार मुस्लिम तुष्टिकरणको हिंदू न्याय से ऊपर रखा:
- बटला हाउस एनकाउंटर (2008) → सोनिया गांधी ने शहीद इंस्पेक्टर मोहन शर्मा के लिए नहीं, बल्कि मारे गए आतंकियों के लिए आँसू बहाए।
- शाह बानो केस (1985) → राजीव गांधी ने सिर्फ़ मुस्लिम कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया।
- मनमोहन सिंह (2006) → खुलेआम कहा कि “देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है।”
- मंदिर कराधान → हिंदू मंदिरों की आय सरकारी नियंत्रण में लूटी गई, पर मस्जिद और गिरजाघरों को छूट मिली।
- सेक्युलरिज्म की कथा → हिंदू पहचान को “सांप्रदायिक” कहकर अपमानित किया गया, जबकि मुस्लिम तुष्टिकरण को “अल्पसंख्यक अधिकार” बताया गया।
- 70 सालों तक कांग्रेस ने हिंदू आत्मविश्वास को तोड़ा, अधिकार छीने और भारत माता को वोट-बैंक की प्रयोगशाला बना दिया।
और सबसे बड़ी दुख की बात? हिंदू खुद कांग्रेस को वोट देते रहे — बार-बार उसी हाथ को खिलाते रहे, जिसने उन्हें कोड़ा मारा।
🔹 गांधी, नेहरू और कांग्रेस — हिंदुओं के खिलाफ अक्षम्य अपराध
साफ है कि:
- गांधी, नेहरू और कांग्रेस ने पाकिस्तान को टूटने से बचाया।
- उन्होंने 3 करोड़ मुस्लिम भारत में ही रोके, ताकि आगे वोट-बैंक बने।
- उन्होंने हिंदुओं के दर्द की अनदेखी की, कोई सुरक्षा और पुनर्वास नहीं दिया।
- उन्होंने हिंदुओं की ज़मीनें और अधिकार मुस्लिमों को सौंप दिए।
- उन्होंने 70 साल की मुस्लिम तुष्टिकरण राजनीति को जन्म दिया।
👉 ये भूल नहीं हैं। ये हिंदू समाज के खिलाफ अक्षम्य अपराधहैं।
🔹 मोदी युग — हिंदू पुनर्जागरण का सवेरा
लेकिन अब समय बदल रहा है। कालचक्र घूम चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हिंदू समाज का नवजागरण शुरू हो चुका है:
- अनुच्छेद 370 का अंत → कश्मीर के साथ अन्याय का खात्मा।
- राम मंदिर निर्माण → 500 वर्षों की तपस्या और संघर्ष का प्रतिफल।
- सीएए कानून → पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए सताए हुए हिंदुओं को नागरिकता सुरक्षा।
- राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत → सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट जैसी कार्रवाइयों ने दिखा दिया कि नया भारत आतंकवादियों को बख्शता नहीं।
- वैश्विक मान्यता → आज मोदी के नेतृत्व में भारत को हिंदू सभ्यता की गरिमा के साथ वैश्विक मंच पर सम्मान मिल रहा है।
इतिहास में पहली बार, हिंदुओं का खोया हुआ गौरव, सम्मान और पहचान वापस लौट रही है।
🔹 आगे का रास्ता — कांग्रेस कभी वापस नहीं आनी चाहिए
सबक साफ है:
- अगर हमें सम्मान के साथ जीना है,
- अगर हमें सनातन धर्म की रक्षा करनी है,
- अगर हमें भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाना है,
👉 तो हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी कभी सत्ता में वापसी न करें।
- क्योंकि कांग्रेस केवल एक राजनैतिक पार्टी नहीं है — यह एक देशद्रोही, विश्वासघाती तंत्र, एक तुष्टिकरण की मशीन, और हिंदू पीड़ा की जड़ है।
🔹 हिंदुओं के लिए अंतिम आह्वान
अब हिंदुओं को जागना ही होगा:
- अपने दुश्मनों को वोट देना बंद करो।
- उन हाथों को वैधता मत दो, जो तुम्हारे धर्म को नष्ट करना चाहते हैं।
- ऐसे नेतृत्व का समर्थन करो जो सनातन धर्म, भारत और हिंदू गौरव की रक्षा करता है।
> हम अपने शहीदों के कर्जदार हैं।
> हम अपने पूर्वजों की बलिदान गाथा के ऋणी हैं।
> और हमें अपने बच्चों के लिए एक निडर, स्वाभिमानी हिंदू भारत छोड़ना है।
चुनाव हमारा है:
👉 अंधे बने रहें, या इतिहास का सच पहचानें।
👉 तुष्टिकरण का समर्थन करें, या सनातन पुनर्जागरण का।
निर्णय का समय है — अभी और यहीं।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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