क्या ममता सरकार और विपक्षी गठबंधन वोटबैंक के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता कर रहे हैं?
1️⃣ प्रस्तावना — जब सत्ता का लालच सुरक्षा से बड़ा हो जाए
- पश्चिम बंगाल के पूर्वस्थली उत्तर क्षेत्र से हज़ारों फर्जी आधार कार्डोंका बरामद होना सिर्फ एक घोटाला नहीं— यह एक सुनियोजित राजनीतिक अपराध का प्रमाण है।
- यह घटना प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि राज्य-प्रायोजित पहचान तस्करी की पुष्टि है।
- बंगाल का तंत्र अब विकास नहीं, वोटबैंक इंजीनियरिंग का प्रयोगशाला बन चुका है।
- राज्य की पहचान व सुरक्षा व्यवस्था का ढह जाना केवल बंगाल का नहीं—पूरे भारत का संकट है।
2️⃣ पहचान दस्तावेज़ राज्य बनाते हैं — और यही विपक्षी राजनीति का असली हथियार है
बहुत कम लोगों को पता है कि— आधार, राशन कार्ड, जाति प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र, वोटर एड्रेस वेरिफिकेशन आदि राज्य सरकारों के नियंत्रण में तैयार होते हैं
- और यही विपक्ष-शासित राज्यों का सबसे बड़ा हथियार है:
- इन्हीं दस्तावेज़ों के सहारे अवैध नागरिक “वैध” बनते हैं।
- इन्हीं के सहारे अवैध घुसपैठिए “मतदाता” बनते हैं।
- और इन्हीं से सत्ता का “स्थायी वोटबैंक” तैयार होता है।
राज्य सरकारें चाहें तो
✔ फर्जी नागरिक बनाए
✔ फर्जी राशन कार्ड जारी करे
✔ वोट बैंक के लिए पहचान का सौदा करें
और यही पिछले 30 सालों में विपक्षी राज्यों का “राजनीतिक मॉडल” रहा है।
3️⃣ केरल में पहले हुआ, अब बंगाल में — बाकी विपक्षी राज्यों में भी मिलेगा
पहले केरल में फर्जी आधार–राशन–PAN कार्ड पकड़े गए।
अब बंगाल में हजारों आधार कार्ड छापे जाने का खुलासा हुआ।
और यह सिर्फ शुरुआत है—
- कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड, दिल्ली— हर जगह यही पैटर्न सामने आएगा।
- विपक्षी दलों ने अवैध प्रवासियों को अवैध तरीकों से बसाया।
- और इस “कृतिम जनसंख्या” को अपने लिए वोट मशीन में बदल दिया।
4️⃣ बंगाल में हज़ारों फर्जी आधार — यह साधारण अपराध नहीं हो सकता
हजारों आधार कार्ड छापना मतलब:
- एक बड़ी प्रिंटिंग यूनिट
- कर्मचारियों का सहयोग
- डेटा नेटवर्क तक ग़ैरकानूनी पहुँच
- और सबसे महत्वपूर्ण— राजनीतिक संरक्षण
यह इतना बड़ा ऑपरेशन बिना सरकार की जानकारी के संभव ही नहीं। यह एक पूरी की पूरी पहचान-तस्करी इंडस्ट्री है।
5️⃣ असली मकसद — घुसपैठियों को “वैध नागरिक” बनाकर वोटबैंक मज़बूत करना
फर्जी आधार कार्ड का उपयोग हो सकता है:
- घुसपैठियों को नागरिक दिखाने में
- मतदाता सूची में नाम जोड़ने में
- सरकारी योजनाओं में घुसपैठ करने में
- बैंकिंग/सिम कार्ड/पासपोर्ट बनवाने में
- और आतंकियों की पहचान छिपाने में
यह सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं— यह राष्ट्र सुरक्षा पर सीधा हमला है।
6️⃣ विपक्ष-शासित राज्यों का “वोटबैंक मॉडल” — देश की जड़ों को कमजोर करने की साजिश
एक पैटर्न हर जगह दिखता है—
- घुसपैठियों को बसाओ
- फर्जी दस्तावेज़ देकर “नागरिक” बनाओ
- उन्हें सरकारी लाभ दिलवाओ
- फिर उन्हें स्थायी वोटबैंक में बदलो
- और सत्ता में लौटकर लूटमार, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण का खेल जारी रखो
यह मॉडल बंगाल से लेकर झारखंड तक चलता आया है। यही कारण है कि अवैध प्रवासन राजनीतिक संसाधन बन चुका है।
7️⃣ इसलिए केंद्र को चुनाव आयोग और SIR प्रक्रिया का सहारा लेना पड़ा
चूंकि राज्य सरकारें ही फर्जी दस्तावेज़ बनाने में शामिल हैं, इसलिए मोदी सरकार को कदम उठाना पड़ा:
- चुनाव आयोग
- UIDAI
- NIA
- और अब SIR (Secure Identification & Registration)
SIR क्यों जरूरी था?
क्योंकि इससे—
✔ फर्जी मतदाता हटेंगे
✔ फर्जी दस्तावेज़ पकड़े जाएंगे
✔ घुसपैठिए चिन्हित होंगे
✔ वोटर लिस्ट साफ़ होगी
राज्य सरकारें यह काम कभी नहीं करेंगी— क्योंकि उनका सत्ता मॉडल ही फर्जी दस्तावेज़ों पर टिकता है।
8️⃣ जैसे ही केंद्र कार्रवाई करता है — ठगबंधन सुप्रीम कोर्ट भागता है
- CAA लागू हो → कोर्ट
- Waqf Board Act संशोधन → कोर्ट
- SIR प्रक्रिया शुरू हो → कोर्ट
- अवैध पशु व्यापार पर रोक → कोर्ट
- घुसपैठ रोकने की नीति → कोर्ट
उद्देश्य सिर्फ एक—
👉 समय खरीदो
👉 प्रक्रिया रोको
👉 वोटबैंक बचाओ
अक्सर अदालतें सहानुभूति दिखा देती हैं, जिससे राष्ट्रीय नीतियाँ वर्षों तक लटकती रहती हैं।
9️⃣ मोदी सरकार धीमी दिखती है— लेकिन यह धीमापन रणनीति है, कमजोरी नहीं
मोदी सरकार का मॉडल है – धीमे चलो, लेकिन कानूनसंगत और अंतिम प्रहार करो। क्योंकि:
- घुसपैठिए
- राज्य-प्रायोजित नेटवर्क
- वामपंथी इकोसिस्टम
- और विपक्षी दल
ये सभी इतने वर्षों में इतनी गहराई से जड़ें जमा चुके हैं कि सीधे कार्रवाई करने से पूरा नेटवर्क भाग जाएगा। इसलिए सरकार:
- शांति से तैयारी करती है
- चुपचाप सबूत जुटाती है
- नेटवर्क मैप करती है
- और सही समय पर सर्जिकल ऑपरेशन करती है
- ताकि विपक्ष संभल भी न पाए।
यही उनकी सफलता आ मुख्य कारण है, कोई हल्ला नहीं, कोई बयानबाजी नहीं।
🔟 भारत को बचाना है तो देशभक्तों को एकजुट होना ही होगा
- पश्चिम बंगाल में बरामद फर्जी आधार कार्ड कोई स्थानीय घोटाला नहीं— यह भारत की पहचान को समाप्त करने की कोशिश है।
- यह अवैध जनसांख्यिकीय युद्ध है।
- अब यह लड़ाई सिर्फ मोदी सरकार की नहीं— यह हमारे हर राष्ट्रभक्त नागरिक की भी ज़िम्मेदारी है।
हमें—
✔ मोदी सरकार पर पूर्ण विश्वास रखना होगा
✔ हर नीतिगत सुधार का समर्थन करना होगा
✔ हर चुनाव में राष्ट्रवादी सरकार को मजबूत बनाना होगा
क्योंकि भारत को
- घुसपैठ-मुक्त, भ्रष्टाचार-मुक्त, फर्जी दस्तावेज़-मुक्त बनाना है।
और यह लड़ाई हम ही जीतेंगे।
- भारत ही जीतेगा।
- सनातन ही जीतेगा।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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