हिंदुओं की निष्क्रियता का संकट
आज अधिकांश हिंदू चार श्रेणियों में आते हैं:
🔹 ज्ञानचंद – जो ज्ञान का प्रदर्शन तो करते हैं, लेकिन जब कार्रवाई की जरूरत होती है तो कुछ नहीं करते।
🔹 रायचंद – जो सिर्फ सलाह देते हैं लेकिन स्वयं कोई योगदान नहीं देते।
🔹 जयचंद – जो व्यक्तिगत लाभ के लिए अपने ही लोगों के साथ विश्वासघात करते हैं।
🔹 कर्मचंद – जो धर्म और राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित होते हैं।
दुर्भाग्य से, कर्मचंदों की संख्या बहुत कम है।
अधिकांश हिंदू अपने ज्ञान, उपलब्धियों और व्यक्तिगत सफलता पर बहुत गर्व करते हैं, लेकिन यह अहंकार हमें विभाजित रखता है।
हम सामूहिक रूप से कार्य करने में हिचकिचाते हैं, क्योंकि हमें डर रहता है कि कहीं श्रेय किसी और को न मिल जाए।
यही स्वार्थी मानसिकता हमारे धर्म, समाज और राष्ट्र के पतन का मुख्य कारण है।
भौतिकवाद और उदासीनता में डूबी हुई हिंदू जीवनशैली
अधिकांश हिंदू अपने व्यक्तिगत दायित्वों—परिवार, करियर और धन–संपत्ति में इतने उलझे हुए हैं कि उनके पास समाज, धर्म या राष्ट्र के लिए समय ही नहीं बचता।
🔹 भारत में हिंदू 70-80% बहुसंख्यक हैं, फिर भी हम अपने ही देश में हमलों, अत्याचारों और हाशिए पर धकेले जाने का शिकार हो रहे हैं।
🔹 विपक्षी पार्टियां हमें दशकों से जाति, भाषा और क्षेत्र के आधार पर बांटती आई हैं, और “धर्मनिरपेक्षता” (सेक्युलरिज़्म) के नाम पर हमें मूर्ख बना रही हैं।
🔹 लेकिन असल में, धर्मनिरपेक्षता केवल हिंदुओं पर थोपी गई है, जबकि अल्पसंख्यकों को विशेष अधिकार, आरक्षण और लाभ दिए जा रहे हैं।
वे बातें जिन पर हिंदू सवाल तक नहीं उठाते
✅ क्यों हिंदू मंदिरों का सरकारी नियंत्रण है, जबकि चर्च और मस्जिदें पूरी तरह स्वतंत्र हैं?
✅ क्यों हिंदू संस्थानों पर प्रतिबंध और कर लगाए जाते हैं, जबकि मिशनरी स्कूलों और मदरसों को सरकारी फंड मिलता है?
✅ क्यों हिंदुओं को अपनी पुश्तैनी ज़मीनें और व्यवसाय छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है, जबकि अल्पसंख्यकों को विशेष संरक्षण दिया जा रहा है?
✅ क्यों अल्पसंख्यकों को विशेष लाभ और योजनाएं मिलती हैं, लेकिन हिंदुओं से चुप रहने की अपेक्षा की जाती है?
और सबसे बड़ा सवाल—हम हिंदू चुप क्यों हैं?
हमारी निष्क्रियता ने वामपंथियों, लिबरल्स, इस्लामिस्टों और विपक्षी पार्टियों को तेजी से अपना हिंदू–विरोधी और भारत–विरोधी एजेंडा फैलाने का मौका दे दिया है।
आंतरिक विश्वासघात: हिंदुओं द्वारा हिंदू–विरोधी ताकतों का समर्थन
आज की सबसे बड़ी त्रासदी यह है कि स्वयं हिंदू ही हिंदू–विरोधी ताकतों का समर्थन कर रहे हैं:
🔹 20-30% हिंदू उन पार्टियों को वोट देते हैं जो हिंदू हितों को कमजोर कर रही हैं।
🔹 कई हिंदू वामपंथी–लिबरल मीडिया के झूठे नैरेटिव को सच मान लेते हैं और अपने ही धर्म के खिलाफ खड़े हो जाते हैं।
🔹 कुछ हिंदू तो इस्लामी चरमपंथियों और मिशनरियों के साथ मिलकर अपने ही धर्म को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
विपक्षी पार्टियां सत्ता में वापसी के लिए इतनी बेताब क्यों हैं?
❌ राष्ट्र के विकास के लिए नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार, घोटालों और लूट को फिर से शुरू करने के लिए।
❌ अल्पसंख्यक तुष्टीकरण को बढ़ावा देकर हिंदू समाज को और कमजोर करने के लिए।
❌ विदेशी ताकतों के इशारों पर काम करके भारत की संप्रभुता को खतरे में डालने के लिए।
मोदी सरकार: भ्रष्टाचार के रास्ते की सबसे बड़ी बाधा
2014 के बाद से, मोदी सरकार ने:
✅ भ्रष्टाचार पर रोक लगाई।
✅ सरकारी कामकाज में डिजिटल पारदर्शिता लाई।
✅ भ्रष्ट नेताओं की काली कमाई के रास्ते बंद किए।
इसीलिए विपक्षी पार्टियां, इस्लामी कट्टरपंथी, वामपंथी और लिबरल मीडिया एकजुट होकर राष्ट्र-विरोधी साजिशें रच रहे हैं।
वे देश में अस्थिरता, दंगे और झूठी खबरें फैलाकर जनता को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि किसी भी तरह मोदी सरकार को हटाकर सत्ता पर कब्जा कर सकें।
मोदी सरकार के तहत भारत का पुनर्जागरण
10 साल पहले भारत:
❌ विदेशी कर्ज और सहायता पर निर्भर था।
❌ वैश्विक राजनीति में कोई प्रभाव नहीं रखता था।
❌ हर कुछ महीनों में आतंकी हमलों से दहल जाता था।
❌ भ्रष्ट नेताओं द्वारा लूटा जा रहा था।
आज मोदी सरकार के नेतृत्व में:
✅ भारत शीर्ष 5 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है।
✅ हम दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं।
✅ अब हम विदेशी मदद लेने के बजाय खुद अन्य देशों की मदद कर रहे हैं।
✅ भारत की वैश्विक राजनीति में मजबूत पकड़ बन गई है।
✅ हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पहले से कहीं अधिक मजबूत हुई है।
इस प्रगति ने भारत की हिंदू सभ्यता को वैश्विक मंच पर स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है।
अब हिंदुओं को संगठित होकर राजनीतिक शक्ति बनना होगा
अगर हम भारत और सनातन धर्म को बचाना चाहते हैं, तो हमें अब निर्णायक कदम उठाने होंगे:
🔹 मोदी सरकार का राजनीतिक समर्थन करें और हर चुनाव में विपक्षी पार्टियों को हराएं।
🔹 वामपंथी–लिबरल मीडिया द्वारा फैलाए गए हिंदू–विरोधी झूठ को उजागर करें।
🔹 हिंदुत्व संगठनों को मजबूत करें और समाज में एकता लाएं।
🔹 युवा हिंदुओं को उनके धर्म, संस्कृति और इतिहास के बारे में शिक्षित करें।
🔹 राष्ट्र–विरोधी तत्वों के खिलाफ सरकार पर कड़ी कार्रवाई करने का दबाव बनाएं।
हमें अब दर्शक बनकर नहीं बैठना, बल्कि अपनी सभ्यता की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से भाग लेना है।
हिंदुओं को आत्मरक्षा के लिए तैयार रहना होगा
🔹 इस्लामी कट्टरपंथी हिंदू मंदिरों, व्यापारों और समुदायों पर हमला कर रहे हैं।
🔹 मिशनरी संगठन हिंदुओं का छल–कपट से धर्मांतरण कर रहे हैं।
🔹 वामपंथी मीडिया हिंदू–विरोधी झूठे नैरेटिव फैलाकर हमारी छवि खराब कर रहा है।
यदि हम आज नहीं जागे, तो हम भी कश्मीरी पंडितों की तरह अपने ही देश में शरणार्थी बन जाएंगे।
🔥 अगर हम पर हमला हो, तो हम जवाब दें।
🔥 अगर हमें उकसाया जाए, तो हम चुप न रहें।
🔥 अगर हमारे अधिकार छीने जाएं, तो हम संगठित होकर लड़ें।
अब कार्रवाई करने का समय है!
🚩 यह केवल अस्तित्व की लड़ाई नहीं है, यह सम्मान, गौरव और हमारी सभ्यता की रक्षा की लड़ाई है।
हर हिंदू को अब जागरूक, संगठित और सक्रिय होना होगा।
“उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक रुको मत!” – स्वामी विवेकानंद
🇳🇪 जय भारत, वन्देमातरम🇳🇪