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हिंदू सोया शेर है

“हिंदू एक मरती नस्ल” नहीं, बल्कि एक सोया हुआ शेर है, जागो, नहीं तो विलुप्त हो जाओगे!

हिंदू सोया शेर है, जागो, नहीं तो विलुप्त हो जाओगे!

1. यू.एन. मुखर्जी की 1914 की चेतावनी: भविष्यदृष्टा की पुकार

सन् 1914 में, जब स्वतंत्रता संग्राम की आंच धीमी थी, तब बंगाली लेखक यू.एन. मुखर्जी ने “Hindus – A Dying Race” नामक पुस्तक लिखी, जिसमें हिंदू समाज के भविष्य पर चिंता जताई गई।

  • 1911 की जनगणना में मुसलमानों की दर बढ़ती देख उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हिंदू समाज नहीं जागा, तो वह धीरे-धीरे अपनी ही भूमि में अल्पसंख्यक और फिर समाप्त हो जाएगा।
  • यह चेतावनी तब दी गई थी जब ना कोई हिंदू संगठन था, ना कोई राजनीतिक नेतृत्व — लेकिन उन्होंने जो देखा, वही 1947 में विभाजन और फिर पाकिस्तान-बांग्लादेश में नरसंहार बनकर सामने आया।

2. 100 साल बाद — वही खतरे, पर अब अधिक संगठित रूप में

जनसंख्या युद्ध (Population Jihad):

  • शहरी इलाकों में मुस्लिम आबादी असंतुलित रूप से तेज़ी से बढ़ रही है। सीमाओं से घुसपैठ, बहु-विवाह, लव जिहाद और धर्मांतरण की खुली छूट के चलते कई राज्यों में स्थानीय जनसंख्या संरचना बिगड़ रही है।

बिजनेस कब्ज़ा (Economic Encroachment):

  • हर प्रमुख शहर के बाजारों, मोबाइल-इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानों, टायर वर्कशॉप, टैक्सी नेटवर्क, होटल्स, चिकन-मटन शॉप्स आदि में एक खास समुदाय का आर्थिक नियंत्रण तेजी से बढ़ रहा है।
  • ये सिर्फ़ व्यापार नहीं, एक रणनीतिक कब्ज़ा है — जिसे अक्सर “बिजनेस जिहाद” कहा जाता है। जहाँ-जहाँ ये जमते हैं, वहाँ धीरे-धीरे स्थानीय हिंदू व्यापार सिमटता है या बिक जाता है।

विचारधारा कब्ज़ा (Ideological Subversion):

  • स्कूल, कॉलेज, सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए सनातन संस्कृति को पिछड़ा, रूढ़िवादी और हिंसक दिखाने का षड्यंत्र चल रहा है।
  • वहीं इस्लामिक कट्टरवाद को “विक्टिम” और “प्रगतिशील” दिखाने का ट्रेंड है।

3. घटनाएं जो चेतावनी देती हैं:

कन्हैयालाल हत्याकांड (2022):

  • उदयपुर के दर्ज़ी की केवल एक फेसबुक पोस्ट पर गला रेत दिया गया। हत्यारे खुलेआम वीडियो बनाकर इस्लाम की शान के नाम पर प्रधानमंत्री को धमकी देते हैं, और कुछ सेक्युलर लोग इस पर ‘समझ’ और ‘सहिष्णुता’ की अपील करते हैं।

नुपुर शर्मा को धमकी:

  • एक महिला ने पैगंबर पर सवाल किया, तो पूरे देश में दंगे हुए, सर कलम करने की धमकियाँ दी गईं। उन पर तो FIR हुई, लेकिन धमकी देने वालों पर कार्रवाई नहीं के बराबर।

स्वातंत्र्य वीर सावरकर का अपमान:

  • राहुल गांधी और वामपंथी बार-बार सावरकर जैसे राष्ट्रनायकों का मज़ाक बनाते हैं, क्योंकि वे हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के प्रतीक हैं। लेकिन अफजल गुरु या ओसामा के लिए ‘जी’ लगाना उन्हें अपमानजनक नहीं लगता।

⚖️ 4. भारत में सेक्युलरिज़्म का विषाक्त रूप

  • भारत माता की जय बोलो तो कट्टरपंथी, अल्लाह हू अकबर बोलो तो धर्मनिरपेक्ष?
  • मंदिर निर्माण करो तो विवादास्पद, कब्रिस्तान जमीन ज़मीन पर कबजा करो  तो मौलिक अधिकार?
  • RSS देशभक्तों का संगठन हो कर भी “आतंकवादी” ठहराया जाता है, लेकिन “टुकड़े-टुकड़े गैंग” को वामपंथी बुद्धिजीवी बताकर सम्मानित किया जाता है।

🔧 5. समाधान: सिर्फ़ वोट नहीं, संगठित क्रिया-कलाप चाहिए

🛡️ सामाजिक और आर्थिक संगठन:

  • हर हिंदू को अपने व्यापार, स्कूल, NGO, मीडिया हाउस शुरू करने की दिशा में सोचने की जरूरत है।
  • ‘Buy Hindu’, ‘Hire Hindu’, ‘Support Hindu’— ये नारे नहीं, अस्तित्व का सवाल हैं।

🧠 शिक्षा और वैचारिक युद्ध:

  • हमें अपने बच्चों को इतिहास, धर्म, संस्कृति और वर्तमान खतरे की पूरी जानकारी देनी होगी। और यह स्कूलों से नहीं मिलेगा — परिवार, मंदिर, और संगठन को ये जिम्मेदारी लेनी होगी।

🧘 धार्मिक पुनर्जागरण और एकता:

  • केवल कर्मकांड से नहीं, धर्मबोध और राष्ट्रबोध से सनातन को जीवित रखना होगा।
  • जाति, संप्रदाय, भाषा के भेद को मिटाकर एकजुट होना होगा।

🕉️ यही अंतिम सदी है जागने की। इसके बाद कोई विकल्प नहीं होगा।

  • यदि अब भी हिंदू समाज नहीं जागा, तो आने वाली पीढ़ियाँ या तो मानसिक ग़ुलाम होंगी, या किसी मजहबी व्यवस्था की चौथी पत्नी या फ़िदायीन सैनिक बनेंगी — और तब यह कहने का अवसर भी नहीं रहेगा कि हमने कुछ किया।

🔥 जय सनातन, जय भारत! 🔥

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