🔥 इस्लामी जिहाद, कांग्रेसी गद्दारी और हिंदू प्रतिरोध की एक भयानक गाथा
16 अगस्त 1946 को डायरेक्ट एक्शन डे के नाम पर कोलकाता की सड़कों पर हिंदुओं का संगठित नरसंहार हुआ। यह केवल एक दंगा नहीं, बल्कि इस्लामी जिहाद था — और उसी समय गोपाल पाथा जैसे वीरों ने हिंदू प्रतिरोध की चिंगारी जलाई।
- 16 अगस्त 1946 — यह वह दिन है जिसे भारत के इतिहास में पहला संगठित इस्लामी नरसंहारकहा जाना चाहिए था,
- लेकिन इसे किताबों में “सांप्रदायिक दंगा” कहकर धो दिया गया।
- हकीकत में यह मुहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में हुआ एक ऐसा जिहाद था जिसमें हजारों हिंदुओं को मार डाला गया, और भारत की राजधानी को खून की नदी में बदल दिया गया।
📜 पृष्ठभूमि: मुस्लिम लीग का खुलेआम ब्लैकमेल
- जब कैबिनेट मिशन ने पाकिस्तान की मंजूरी नहीं दी, तब जिन्ना ने ऐलान किया – “अब पाकिस्तान लेंगे या सिविल वॉर होगी।”
- मस्जिदों में जुम्मे की नमाज़ के बाद नारा गूंजा:
“काफिरों का सफाया करो, इस्लाम ज़िंदाबाद करो!” - मुख्यमंत्री सुहरावर्दी के नेतृत्व में, कलकत्ता पुलिस को हिंदुओं के नरसंहार की अनुमति दे दी गई।
💣 नतीजा: कलकत्ता बना नरसंहार का मैदान
- 72 घंटे में 5,000 से अधिक हिंदुओं की हत्या कर दी गई।
- हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार, अंग-विच्छेदन, और जिन्दा जलाने जैसी क्रूरता की गई।
- मंदिरों को अपवित्र किया गया, घर जलाए गए, दुकानों को लूटा गया।
- पुलिस और सरकार ने चुप्पी साध ली।
यह कोई दंगा नहीं था — यह इस्लामी जिहाद था।
⚔️ गोपल पाथा – वो शेर जिसे इतिहास ने भुला दिया
जब नेता चुप थे और हिंदू काटे जा रहे थे, तब एक आम हिंदू व्यापारी गोपल चंद्र मुखर्जी उर्फ गोपाल पाथा ने धर्म की रक्षा के लिए हथियार उठाए।
- उन्होंने हिंदू युवाओं को इकट्ठा कर आत्मरक्षा के दस्ते बनाए।
- हथियार, बम, चाकू जो भी मिला, बांट दिया – और सिर्फ एक आदेश दिया:
“पहले हमला मत करो, लेकिन अगर कोई मारे, तो छोड़ना मत!” - उन्होंने हजारों हिंदू परिवारों को बचाया और इस्लामी भीड़ को पीछे हटने पर मजबूर किया।
अगर गोपाल पाथा जैसे हजार हिंदू होते, तो शायद भारत का विभाजन रुक जाता।
🕊️ गांधी की चुप्पी और नेहरू की गद्दारी
- गांधी जी ने हिंदुओं से कहा, “मार खा लो, लेकिन जवाब मत दो।”
- उन्होंने पाकिस्तान को ₹55 करोड़ देने की मांग की, जबकि पाकिस्तान हिंदुओं को मार रहा था।
- नेहरू ने विभाजन के मूल सिद्धांत की हत्या कर दी — कि हिंदू और मुस्लिम साथ नहीं रह सकते।
- नेहरू ने करोड़ों मुसलमानों को भारत में रोक लिया, ताकि वे उनका स्थायी वोट बैंक बन सकें। इसकी सजा देश आज तक भुगत रहा है।
और हिंदुओं को दहशत, तुष्टिकरण और आतंकवाद की सौगात मिली।
🔫 नाथूराम गोडसे – वो जिसने धोखे के खिलाफ आवाज़ उठाई
- जब गांधी जी केवल मुसलमानों के हित में फैसले ले रहे थे,
जब पाकिस्तान को पैसा और सम्मान दिया जा रहा था,
जब हिंदुओं को आत्मसमर्पण करने को कहा जा रहा था — - तब नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर जी और हिंदुओं की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया वरना गांधीजी पाकिस्तान की और मदद करने वाले थे।
उनका उद्देश्य हिंसा नहीं था — बल्कि हिंदू सभ्यता को आत्मघात से बचाना था।
⚠️ मुसलमानों को रोकने की गलती का परिणाम
नेहरू और कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टीकरण नीति ने भारत को क्या दिया?
- कश्मीरी हिंदुओं का पलायन
- असम, बंगाल, केरल में हिंदू कत्लेआम
- गोधरा ट्रेन जलाना और गुजरात दंगे
- लव जिहाद, लैंड जिहाद और इस्लामी आतंकवाद
- हिंदू मंदिरों पर हमले और वक्फ बोर्ड का अत्याचार
और इन सबका कारण?
मुस्लिम तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति।
🛑 कांग्रेस = कट्टरपंथी मुसलमानों की रक्षा और हिंदुओं का अपमान
- मुस्लिम पर्सनल लॉ, यूनिफॉर्म सिविल कोड नहीं
- राम मंदिर रोकना, लेकिन वक्फ बोर्ड को जमीन देना
- हिंदुओं को “आतंकवादी” कहना, लेकिन इस्लामी आतंकियों का बचाव करना
- संविधान में मुस्लिम हित में दर्जनों बदलाव और
- योजनाएं, स्कॉलरशिप्स, और विशेषाधिकार सिर्फ मुसलमानों के लिए
ये सेक्युलरिज्म नहीं — यह योजनाबद्ध इस्लामीकरण की शुरुआत थी।
🌟 मोदी जी – हिंदू सभ्यता के अंतिम रक्षक
- अगर 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनते, तो आज:
- भारत आधा इस्लामी देश बन चुका होता।
- राम मंदिर सिर्फ एक सपना होता।
- धारा 370 आज भी जिंदा होती।
- CAA पास नहीं होता।
- आतंकी खुले घूम रहे होते।
लेकिन मोदी जी ने किया:
- राम मंदिर का निर्माण
- CAA के ज़रिए हिंदुओं की सुरक्षा
- तीन तलाक पर रोक
- सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान को जवाब
- हिंदू स्वाभिमान की वापसी
🚩 अब बारी हमारी है – हर सनातनी, हर राष्ट्रवादी की ज़िम्मेदारी
अगर हम चाहते हैं कि:
- कांग्रेस द्वारा बनाए गए प्रो-मुस्लिम, एंटी-हिंदू कानूनों को हटाया जाए
- भारत को एक गर्वित हिंदू राष्ट्रबनाया जाए
- लव जिहाद, कट्टरपंथ और जनसंख्या जिहादको रोका जाए
- एक कानून, एक राष्ट्र, एक पहचान की नींव रखी जाए
तो हमें:
अभीसे दशकों तक हर राज्य/स्थानीय चुनाव में मोदी जी को समर्थन देना होगा।
कांग्रेस और विपक्षी दलों को हर चुनाव में पराजित करना होगा।
2029 में भाजपा को पूर्ण बहुमत दिलाना होगा। तभी संविधान में किए गए एंटी-हिंदू और प्रो-मुस्लिम बदलावों की वापसी संभव होगी।
जाति, भाषा, क्षेत्र से ऊपर उठकर एकजुट हिंदू शक्ति बननी होगी और आत्मरक्षा और प्रतिकार के लिए अपने आपको तैयार करना होगा।
🗣️ आज कहां हैं गोपाल पाथा? कहां हैं गोडसे जैसे राष्ट्र भक्त?
- जब हिंदुओं को उदयपुर में गला काटकर मारा जाता है,
- नागपूर ऐन हिंदुओं पर हमला होता है,
- तो क्या हम गोधरा जैसा सशक्त जवाब नहीं दे सकते?
- जब मंदिरों पर हमले होते हैं,
- जब लड़कियों को लव जिहाद में फंसाया जाता है,
- जब हर बार हिंदू ही आरोपी बना दिया जाता है —
तब हम और हमारा समाज कहाँ है? क्या हम अब भी चुप रहेंगे?
अब वक्त आ गया है — केवल अस्तित्व नहीं, अब धर्म की विजय के लिए उठ खड़े होने का।
✊🏼 इतिहास को पढ़ो नहीं, समझो – और कार्य करो
डायरेक्ट एक्शन डे कोई इतिहास नहीं — एक चेतावनी थी।
विभाजन कोई समाधान नहीं था — यह एक लंबी लड़ाई की शुरुआत थी।
आज हमारे पास नेतृत्व में नरेंद्र मोदी हैं — और हमारे पास विकल्प है कि हम अपनी संस्कृति को पुनर्जीवित करें।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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