भारत एक बार फिर से विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर है। लेकिन अगर हम इसे एक सशक्त हिंदू राष्ट्र और विश्वशक्ति के रूप में देखना चाहते हैं, तो इसके लिए एक मज़बूत और दूरदर्शी नेतृत्व की ज़रूरत है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही वो नेता हैं जो इस सपने को साकार कर सकते हैं।
सुनो हिंदुओं,
आज तुम्हें जो तकलीफ है कि वक्फ बोर्ड सिर्फ “संशोधित” हो रहा है, “समाप्त” नहीं—तो सोचो, इसका जिम्मेदार कौन है?
मोदी ने क्या नहीं किया?
- वो तो चाहता था कि देश से हर असंवैधानिक ढाँचा जड़ से उखाड़ फेंका जाए।
- उसने तो पूरे देश से कहा था—“400 पार दीजिए, मैं हर जख्म पर मरहम भी लगाऊँगा और हर नासूर काट भी दूँगा।”
लेकिन क्या तुमने दिया?
- नहीं… तुमने “सबक सिखाने” का जज्बा दिखाया।
- तुमने “असंतोष” में अपने हाथ काटे और दुश्मनों को ताकत दी।
कमज़ोर मोदी तुम्हारा गुस्सा नहीं, तुम्हारा फैसला है।
अब जो मोदी के पास 240 सीटें हैं, वो उसके कर्म नहीं, तुम्हारे निर्णय का परिणाम है।
अब उसी कमजोर मोदी से तुम उम्मीद कर रहे हो कि वो
- वक्फ बोर्ड भी खत्म करे,
- यूनिफॉर्म सिविल कोड भी लाए,
- जनसंख्या नियंत्रण कानून भी बनाए,
- रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को भी भगाए।
इतनी कमज़ोर ताकत में क्या कोई चमत्कार कर सकता है? फिर भी मोदी कर रहा है – क्योंकि वो मोदी है!
क्या ज़रूरत थी उसे लड़ने की?
वो तो आराम से बिना किसी बड़े फैसले के पाँच साल निकाल सकता था।
- न वक्फ को छेड़ता,
- न यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात करता,
- न अग्निपथ लाता,
- न संसद में इतना कुछ बोलता।
पर वो रुका नहीं।
- उसने संकल्प लिया है कि जब तक साँस है, देश, धर्म और जनता के लिए लड़ना है।
- वो तुम्हारे लिए लड़ रहा है, तुम्हारे बच्चों के लिए लड़ रहा है, सनातन की रक्षा के लिए लड़ रहा है।
अगर आज भी नहीं जागे तो फिर कब?
क्या तुम चाहते हो –
- एक ऐसा भारत जो फिर से सोने की चिड़िया बने?
- एक ऐसा भारत जिसमें सनातन संस्कृति, धर्म और परंपराएं सुरक्षित हों?
- एक ऐसा भारत जो विश्वगुरु के रूप में दुनिया को मार्ग दिखाए?
तो फिर एक ही रास्ता है—मोदी को फिर से ताक़तवर बनाना।
क्या होगा अगर फिर चूक गए?
अगर दुबारा विपक्ष सत्ता में आया तो…
- देश फिर 1991 की आर्थिक स्थिति में पहुँच जाएगा,
- फिर से सोना गिरवी रखना पड़ेगा,
- फिर से भ्रष्टाचार, भाई–भतीजावाद और तुष्टीकरण की राजनीति लौट आएगी,
- हिंदू फिर दूसरे दर्जे के नागरिक बना दिए जाएँगे।
और तब पछताना भी चाहोगे तो अवसर नहीं मिलेगा।
तय करो—क्या मोदी तुम्हारे लायक नहीं, या तुम मोदी के लायक नहीं?
- क्या तुम उस नेता के साथ खड़े हो जो अकेले तुम्हारे लिए लड़ रहा है?
- या उस भीड़ का हिस्सा बनोगे जो सिर्फ शिकायत करना जानती है, सहयोग करना नहीं?
फैसला तुम्हारे हाथ में है।
यह आखिरी मौका हो सकता है।
अगर हम चाहते हैं—
- हिंदू राष्ट्र बने,
- भारत वैश्विक शक्ति बने,
- सनातन धर्म की रक्षा हो,
- देश की संप्रभुता पर कोई आँच न आए,
तो हमारे पास सिर्फ एक विकल्प है —
मोदी पर भरोसा करें, उनका समर्थन करें, उन्हें पहले से भी ज़्यादा ताकतवर बनाएं।
अंततः, अगर हम भारत को एक हिंदू राष्ट्र और विश्वशक्ति के रूप में देखना चाहते हैं, तो हमें एक मज़बूत नेतृत्व की आवश्यकता है। नरेंद्र मोदी जैसे निर्णायक और दूरदर्शी नेता को मज़बूती देना ही उस भविष्य की नींव रखेगा जिसकी हम कल्पना करते हैं।
जय सनातन, जय भारत, जय हिंदू राष्ट्र।
अब भी वक्त है – एकजुट हो जाइए, संगठित हो जाइए, और भारत को उसका गौरव वापस दिलाइए।
🇳🇪 जय भारत, वन्देमातरम🇳🇪
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