- भारत आज अपने इतिहास के सबसे निर्णायक दौर से गुजर रहा है। पिछले ग्यारह वर्षों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने का महायज्ञआरंभ किया है। यह केवल एक राजनीतिक अभियान नहीं, बल्कि हिंदू राष्ट्र की आत्मा को पुनः जागृत करने का प्रयास है।
- लेकिन इस यज्ञ की अग्नि केवल बाहरी दुश्मनों को ही नहीं, बल्कि भीतर छिपे आंतरिक शत्रुओं को भी भस्म कर रही है। यही आंतरिक शत्रु भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं क्योंकि ये भारतीय समाज की देह में छिपकर दीमक की तरह काम करते हैं।
⚔️ आंतरिक शत्रु – अदृश्य मगर विनाशकारी
भारत के भीतर कुछ ऐसी शक्तियाँ हैं जिनका एकमात्र उद्देश्य है – भारत को भीतर से खोखला करना।
इनमें शामिल हैं:
- कांग्रेस और उसका वंशवाद – सत्ता में आने के बाद इसने हमेशा हिंदुओं को कमजोर किया और तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा दिया। इनके लिए भारत केवल सत्ता का चरखा है, राष्ट्र का उत्थान नहीं।
- वामपंथी और तथाकथित लिबरल गिरोह – जिनका झुकाव हमेशा विदेशी विचारधाराओं की ओर रहा है। ये भारत की संस्कृति और परंपराओं का उपहास करते हैं और भारत विरोधी एजेंडों को सही ठहराते हैं।
- तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले विपक्षी दल – जिनका मकसद है वोट बैंक के लिए राष्ट्रहित का सौदा करना।
- जिहादी नेटवर्क और उनके दलाल – जो गजवा-ए-हिंद के ख्वाब देखते हैं और आतंकी सोच को राजनीतिक छत्रछाया में पोषण देते हैं।
- भ्रष्ट नेता और अफसरशाही – जिन्होंने दशकों तक विदेशी कंपनियों और ताकतों से सांठगांठ करके भारत का धन लूटा।
👉 यही वे लोग हैं जो देश के अंदर बैठे दुश्मन हैं। ये बाहर से नहीं आते, बल्कि यहीं रहते हैं और भारत की जड़ों को काटते रहते हैं।
🌍 अंतरराष्ट्रीय साज़िश – आंतरिक दुश्मनों के सहयोगी
यह आंतरिक गिरोह अकेला नहीं है। इसे लगातार अंतरराष्ट्रीय ताकतों से सहयोग और संरक्षण मिलता है।
- विदेशी NGO – समाजसेवा और मानवाधिकार के नाम पर भारत में अरबों रुपये भेजे जाते हैं। इन पैसों से आंदोलन खड़े किए जाते हैं, किसानों, छात्रों और अल्पसंख्यकों को भड़काया जाता है।
- Deep State और पश्चिमी शक्तियाँ – अमेरिका और यूरोप की छिपी हुई ताकतें चाहती हैं कि भारत कभी सुपरपावर न बने। उनकी कोशिश रहती है कि भारत की राजनीतिक स्थिरता भंग हो और उसकी अर्थव्यवस्था रुक जाए।
- जिहादी संगठन और आतंकवादी नेटवर्क – भारत के भीतर हिंसा, दंगे और विभाजनकारी घटनाओं को हवा देते हैं ताकि गजवा-ए-हिंद का सपना जीवित रहे।
👉 इन सबका साझा उद्देश्य है
- भारत की सबसे तेज़ आर्थिक वृद्धि को रोकना।
- भारत की सैन्य और तकनीकी शक्ति को कमजोर करना।
- और भारत को राजनीतिक रूप से अस्थिरकरना।
- पाकिस्तान और बांग्लादेश की तरह तख्तापलट करना।
🚩 मोदी टीम की उपलब्धियाँ – बाहरी दुश्मनों का विनाश
पिछले ग्यारह वर्षों में मोदी टीम ने यह स्पष्ट कर दिया कि बाहरी दुश्मन अब भारत को छू भी नहीं सकते।
- पाकिस्तान को सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से सबक सिखाया।
- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के आतंकी केंद्रों और नूक्लीअर एरबेस तो एक छोटे और सटीक हमले के द्वारा ध्वस्त किया।
- चीन की आर्थिक चालों को करारा जवाब दिया।
- रक्षा खरीद और तकनीकी आत्मनिर्भरता से भारत को मजबूती दी।
- वैश्विक मंच पर भारत को एक निर्णायक शक्ति के रूप में स्थापित किया।
👉 बाहरी मोर्चे पर भारत अब आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी है।
🔱 आंतरिक मोर्चा – असली युद्ध
लेकिन असली जंग है इन आंतरिक दुश्मनों से।
👉 ये दुश्मन मीडिया, राजनीति, न्यायपालिका, NGO और सामाजिक ढाँचों में गहराई तक जमे हुए हैं।
👉 ये बहुतायत में हैं और इनकी पहचान करना आसान नहीं है।
इन्हें ध्वस्त करने के लिए मोदी जी को चाहिए –
- अटूट राजनीतिक समर्थन – भाजपा को हर स्तर पर मज़बूत करना।
- जमीनी समर्थन – बूथ स्तर पर हिंदू समाज का संगठित होना।
- सामाजिक समर्थन – हिंदू समाज में जागरूकता, शिक्षा और संस्कार का प्रसार।
👉 मोदी जी अकेले यह युद्ध नहीं जीत सकते।
👉 अर्जुन का गांडीव तभी सफल हुआ जब पूरा धर्मपक्ष एकजुट था।
🪔 हमारी भूमिका – आहुति
- यह महायज्ञ तभी पूर्ण होगा जब हम सभी अपनी-अपनी आहुति देंगे।
- वोट की आहुति – राष्ट्रवादी सरकार को बार-बार चुनना।
- समय की आहुति – समाज में सक्रिय रहना और सत्य का प्रचार करना।
- बलिदान की आहुति – जब सनातन पर हमला हो, तब संगठित होकर उसका प्रतिकार करना।
- संस्कार की आहुति – अगली पीढ़ी को हिंदुत्व, संस्कृति और राष्ट्रप्रेम से संस्कारित करना।
आज भारत दो राहों पर खड़ा है –
- या तो हम इन आंतरिक दुश्मनों को अनदेखा करें और फिर से गुलामी और अराजकता की ओर लौट जाएँ।
- या फिर मोदी टीम के साथ खड़े होकर इस हिंदू राष्ट्र महायज्ञ को पूर्णता की ओर ले जाएँ।
👉 बाहरी दुश्मनों को मोदी जी ने लगभग निष्प्रभावी कर दिया है।
👉 लेकिन आंतरिक दुश्मनों को हराने के लिए उन्हें हमारी अटूट निष्ठा और समर्थन चाहिए।
- अब समय है कि हम सब मोदी जी का गांडीव बनें और इस धर्मयुद्ध को निर्णायक विजय तक पहुँचाएँ।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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