📜 इतिहास, सबक और आगामी रणनीति
🧭 I. जब इतिहास हमारी चेतावनी देता है…
🔸 मुगल और तुर्क हमलावरों का आतंक:
- 11वीं सदी से शुरू हुए अरब-तुर्क-मुगल आक्रमणों ने भारत की जड़ें हिला दीं।
- सैकड़ों मंदिर तोड़े गए — काशी विश्वनाथ, सोमनाथ, मथुरा, विजयनगर जैसे पूज्य तीर्थ ध्वस्त किए गए।
- करोड़ों स्त्रियों का अपहरण, बलात्कार, धर्मांतरण हुआ, लेकिन हिंदू समाज राजाओं और क्षत्रियों के भरोसे बैठा रहा।
🔸 अंग्रेजों की मानसिक गुलामी:
- ब्रिटेन जो क्षेत्रफल में सिर्फ गुजरात जितना है, 200 साल तक भारत को लूटता रहा।
- उनके पास सेना नहीं थी, हमारे अपने लोग थे — जो दुश्मन की भाषा बोलते और अपनों पर डंडा चलाते।
- 1857 में मात्र कुछ हजार अंग्रेज़ों को मारने की बजाय, करोड़ों हिंदू “मूक दर्शक” बनकर खड़े रहे।
🧱 II. हिंदू समाज की आत्मघाती भूलें
🔹 धर्म की रक्षा को “राजनीति” मान लिया:
- हजारों वर्षों से सनातन धर्म को राष्ट्रधर्म माना गया, परंतु मुगलकाल और अंग्रेजकाल में हमने इसे “व्यक्तिगत मामला” मान लिया।
🔹 रक्षा का कार्य केवल क्षत्रिय वर्ग तक सीमित:
- पूरे समाज ने रक्षा का दायित्व केवल क्षत्रियों पर डाल दिया।
- जब युद्ध देशव्यापी होता है, तब समाजव्यापी प्रतिरोध ही काम आता है।
🔹 असुरक्षा से कुप्रथाओं का जन्म:
- बाल विवाह, स्त्री शिक्षा का विरोध, बेटी की भ्रूण हत्या — ये सनातन परंपरा नहीं, अपवाद हैं जो आक्रमण के भय से जन्मे।
- हमने समस्या का प्रतिकार नहीं, उससे समझौता करना सीखा — यही सबसे बड़ी भूल थी।
🕳️ III. आज का भारत: एक नया युद्धकाल
🔻 सेकुलरिज्म की आड़ में हिन्दू संस्कृति पर हमला:
- कांग्रेस, वामपंथी, मीडिया और टुकड़े-टुकड़े गैंग — सभी का एक ही एजेंडा:
“हिंदू जागरण को कुचलो, हिंदू गौरव को दबाओ।”
🔻 जिहादी मानसिकता और जनसंख्या युद्ध:
- लव जिहाद, जमीन जिहाद, वक्फ एक्ट का दुरुपयोग — ये भारत को इस्लामी राज्य बनाने के प्रयास हैं।
- घुसपैठिए बांग्लादेशी और रोहिंग्या, मुस्लिम बहुल इलाकों में पुलिस तक पर हमले — और हम अब भी चुप हैं?
🔻 हिंदू युवाओं का भ्रम और आत्महीनता:
- IIT, IIM से निकला युवा इतिहास नहीं जानता।
- उसे श्रीराम, शिवाजी, गुरु गोविंद सिंह की वीरता नहीं पढ़ाई गई — केवल गांधी और नेहरू पढ़ाए गए।
🚩 IV. अब क्या करें? — रणनीतिक जागरण की दिशा
✅ 1. धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन का मिशन बनाएं:
- हर सनातनी को क्षत्रिय भावना से जीवन जीना होगा — चाहे वह शिक्षक हो, दुकानदार, या इंजीनियर।
- रक्षा, सेवा और शिक्षा — ये तीन स्तंभ हर सनातनी अपनाए।
✅ 2. परिवार में जागरण शुरू करें:
- बच्चों को रामायण, महाभारत, भगवद गीता और वीरों का इतिहास पढ़ाएं।
- हर सप्ताह परिवार सभा कर सनातन मूल्यों पर चर्चा करें।
✅ 3. राष्ट्रवादी संगठनों से जुड़ें:
- RSS, VHP, सेवाभारती, आर्य समाज जैसी संस्थाओं से जुड़ें।
- सोशल मीडिया पर सत्य प्रसारित करें, फर्जी नैरेटिव का डटकर प्रतिकार करें।
✅ 4. सनातनी आर्थिक नेटवर्क बनाएं:
- अपने जैसे राष्ट्रवादी व्यापारियों से खरीददारी करें।
- मुस्लिम कट्टरता पोषित व्यवसायों का शांतिपूर्वक बहिष्कार करें।
✅ 5. चुनाव को युद्ध माने:
- 2024 के बाद कांग्रेस, INDI गठबंधन, वामपंथी एजेंडा को जनता ने बहुमत नहीं दिया।
- आने वाले चुनावों में 100% मतदान, सिर्फ राष्ट्रवादी और सनातन रक्षक उम्मीदवारों को ही दें।
🧠 V. इतिहास से सबक — और आज का कर्तव्य
- अगर महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, नेताजी सुभाष जैसे हजार लोग पूरे भारत में हुए होते, तो कभी कोई आक्रमण सफल न होता।
- आज हर गली में एक राष्ट्रभक्त शिवाजी चाहिए, हर परिवार में एक अर्जुन चाहिए।
🔚 अब नहीं जागे, तो इतिहास फिर दोहराया जाएगा
🕉️ यह केवल पूजा का समय नहीं है — यह रक्षा, संगठन और संघर्ष का समय है।
🙏 हम 100 करोड़ हैं लेकिन संगठित नहीं हैं, सुनियोजित नहीं हैं। यही हमारी कमजोरी है।
🚩 लेकिन अब समय बदल रहा है —
- हर सनातनी का यह कर्तव्य है कि वह अपने धर्म, अपनी संस्कृति और अपने भारत को बचाने और उन्नत करने के लिए खड़ा हो।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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