हिंदू समाज और भारत की सुरक्षा
भारत का इतिहास हमें बार-बार यह सिखाता है कि जब हिंदू समाज ने एकता और सजगता खोई, तब हमारी संस्कृति, महिलाएँ और आने वाली पीढ़ियाँ सबसे अधिक पीड़ित हुईं। विदेशी आक्रमणकारियों, आतंकी नेटवर्क और आंतरिक भ्रष्ट ताकतों ने इसका हमेशा लाभ उठाया।
आज भी यही खतरे जारी हैं। अगर हम सजग और संगठित नहीं हुए, तो इतिहास दोहराने का खतरा है।
1️⃣ इतिहास से सबक: कांग्रेस और विदेशी हस्तक्षेप
अंग्रेजों की नीति – “फूट डालो और राज करो”
- हिंदू समाज की जातियों और उपजातियों में दरार डालकर भारत को कमजोर किया गया।
- दलित और पिछड़ों को मुख्यधारा से अलग किया गया।
- क्षेत्रीय और भाषाई मतभेदों को बढ़ावा दिया गया।
- मुस्लिम समाज को विशेष सुविधाएँ देकर हिंदू समाज के खिलाफ खड़ा किया गया।
- यही मानसिकता विभाजन (1947) और लाखों हिंदुओं की हत्याओं की जड़ बनी।
गांधी-नेहरू और कांग्रेस का चरित्र
- गांधी ने खिलाफत आंदोलन के दौरान हिंदू हितों की बलि दी।
- नेहरू ने सत्ता की लालसा में विभाजन स्वीकार किया और पाकिस्तान को जन्म दिया।
- कांग्रेस और वामपंथी दल आज भी मुस्लिम appeasement और हिंदू विरोध की नीति पर चलते हैं।
इतिहास हमें स्पष्ट चेतावनी देता है कि जब हिंदू समाज कमजोर हुआ, तब आंतरिक और बाहरी दुश्मनों ने इसका भरपूर लाभ उठाया।
2️⃣ भ्रष्टाचार और आंतरिक दुश्मन
कांग्रेस का दौर:
- 2G, CWG, हवाई जहाज़ और लैंड घोटाले जैसे घोटाले आम।
- नेताओं और उनके परिवार के लिए नियम, आम जनता के लिए कानून।
- विदेशियों और NGOs के दबाव में नीति निर्माण।
- देश के संसाधनों का निजीकरण और लूट।
मोदी सरकार:
- भ्रष्टाचार और आंतरिक दुश्मनों पर सख्त नियंत्रण।
- दोषियों के खिलाफ कठोर कानून और कार्रवाई।
- राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मोर्चे पर जनता और संगठनों का समर्थन।
सार: कांग्रेस ने देश को लूटने और कमजोर करने में योगदान दिया, जबकि मोदी सरकार ने पारदर्शिता और न्याय को सर्वोपरि रखा।
3️⃣ आर्थिक सुधार और वित्तीय अनुशासन
मोदी सरकार:
- GST: कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाया।
- नोटबंदी: काले धन, भ्रष्टाचार और आतंक फंडिंग पर कड़ा वार।
- विदेशी निवेश और MSME क्षेत्र को बल।
- गरीब और मध्यम वर्ग तक योजनाएँ पहुँचीं।
कांग्रेस दौर:
- बड़े उद्योगपतियों के लिए नियम, आम जनता के लिए नुकसान।
- भ्रष्टाचार, कर चोरी और काले धन पर नियंत्रण में विफल।
- विकास और जनता की आवश्यकताओं की अनदेखी।
सार: मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत किया; कांग्रेस ने इसे कमजोर किया।
4️⃣ राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी रणनीति
मोदी सरकार:
सर्जिकल स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर – आतंकवादियों को उनके अड्डों पर मार।
- सीमा और आंतरिक सुरक्षा के लिए ठोस नीति।
- आतंकवादियों और विदेशी एजेंटों पर निगरानी।
कांग्रेस दौर:
- आतंकवादी हमलों में धीमी प्रतिक्रिया।
- सुरक्षा और नीति में कमज़ोरी।
- विदेशी दबावों में फंसना।
सार: मोदी सरकार ने निर्णायक कार्रवाई से सुरक्षा सुनिश्चित की, कांग्रेस ने सुरक्षा में देरी की।
5️⃣ संवैधानिक सुधार और न्यायपालिका का तालमेल
मोदी सरकार:
- जेल में मंत्री हटाने वाला बिल: 30 दिन हिरासत में रहने पर स्वतः पदमुक्त।
- न्यायपालिका और विधायिका का तालमेल।
- कानून का पालन और न्याय की त्वरित कार्यवाही।
कांग्रेस दौर:
- संवैधानिक सुधारों का दुरुपयोग।
- दोषियों को बचाने के लिए विशेष कानून।
- न्यायपालिका और लोकतंत्र की संस्थाओं को कमजोर करना।
सार: मोदी सरकार ने संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की; कांग्रेस ने इसे अपने हित में मोड़ा।
6️⃣ विदेश नीति और वैश्विक रणनीति
मोदी सरकार:
- वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति मजबूत।
- अमेरिका, रूस, इज़राइल और अन्य देशों के साथ रणनीतिक गठबंधन।
- आतंकवाद और विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ दृढ़ रुख।
कांग्रेस दौर:
- विदेशी दबावों में नीति निर्माण।
- आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय दबाव के प्रभाव में कमजोर भारत।
सार: मोदी सरकार ने भारत को विश्व शक्ति बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए।
7️⃣ आंतरिक और बाहरी खतरे आज
आंतरिक दुश्मन:
- कांग्रेस, वामपंथी दल, भ्रष्टाचारी और आतंकियों के समर्थक।
- NGOs, विदेशी एजेंसियों और डीप स्टेट का सहयोग।
- हिंदू विरोधी एजेंडा और लोकतंत्र की कमजोरियों का फायदा।
बाहरी दुश्मन:
- आतंकवादी संगठन, अंतरराष्ट्रीय जिहादी नेटवर्क।
- सीमा पर और आर्थिक मोर्चे पर भारत को कमजोर करने की कोशिश।
मोदी सरकार की रणनीति:
- बाहरी दुश्मनों को सैन्य और आर्थिक युद्ध से नष्ट।
- आंतरिक दुश्मनों के लिए जनता और संगठनों का सहयोग।
- तेजी से और सटीक कार्रवाई, ताकि देश सुरक्षित और समृद्ध रहे।
8️⃣ हिंदू समाज की जिम्मेदारी
- जात-पात, भाषा और क्षेत्रीय भेद मिटाकर एकजुट होना।
- धर्मांतरण, लव जिहाद और अवैध घुसपैठियों के खिलाफ ठोस कदम।
- भ्रष्ट और हिंदू विरोधी दलों को चुनावों में कभी मौका न देना।
- सनातन धर्म और संस्कृति की रक्षा में सक्रिय भागीदारी
- इतिहास और वर्तमान दर्शाते हैं कि एकजुट हिंदू समाज ही भारत की ताकत है।
- मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा, विकास और न्याय को सर्वोपरि रखा।
- कांग्रेस ने हमेशा व्यक्तिगत और पारिवारिक हित को प्राथमिकता दी।
- आज हिंदू समाज और राष्ट्र की रक्षा के लिए सजगता, एकता और सक्रिय भागीदारी जरूरी है।
- अगर हम आज जागे और संगठित न हुए, तो आने वाले समय में हिंदू, बौद्ध और सिख समाज का अस्तित्व खतरे में होगा। यह केवल भारत की लड़ाई नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की सभ्यता और संस्कृति की रक्षा का समय है।
हमें क्या करना चाहिए
- संगठित होकर समाज और देश की रक्षा।
- धर्म और संस्कृति का ज्ञान फैलाना।
- भ्रष्ट और विरोधी दलों के खिलाफ जागरूकता।
- मोदी सरकार को हर मोर्चे पर समर्थन।
- न्याय और संविधान के प्रति सजग रहना।
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