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हिंदू समाज

हिंदू समाज की सबसे बड़ी भूल — इतिहास से न सीखना

हिंदू समाज ने इतिहास से जो सबक नहीं लिया, वही उसकी सबसे बड़ी भूल साबित हुई — जानें इसके पीछे की सच्चाई और सबक।

1. कुत्ता बनाम गाय — प्रतीकात्मक सच्चाई

भारतीय समाज की आज की सबसे बड़ी त्रासदी यह है कि लोकतंत्र और सत्ता उन्हीं की सुनती है जो शोर मचाते हैं, गिरोह में रहते हैं और काटने की क्षमता रखते हैं।

  • कुत्ता भौंकता है, काटता है, गिरोह में रहता है और संगठित है।
    👉 इसलिए सुप्रीम कोर्ट से लेकर अभिजात्य समाज तक कुत्ता बचाओ आंदोलन चलाते हैं।
  • गाय शांत है। काटती नहीं, भौंकती नहीं, संगठित नहीं है।
    👉 जबकि वही गाय दूध देकर मानव का और गोबर-मूत्र से धरती का पोषण करती है, लेकिन कोर्ट और अभिजात्य समाज की नजर में बेकार और निरर्थक है।

यह प्रतीक है कि लोकतंत्र में नैतिकता नहीं, बल्कि ताक़त और संगठन ही मायने रखता है।

2. इतिहास का कड़वा सबक

इतिहास गवाह है कि भारत हर बार बाहरी आक्रमणकारियों से इसलिए नहीं हारा कि वे ज़्यादा शक्तिशाली थे, बल्कि इसलिए हारा क्योंकि अंदरूनी गद्दारों ने उनका साथ दिया।

  • पानीपत की तीसरी लड़ाई (1761): अहमद शाह अब्दाली यमुना पार नहीं कर पा रहा था। लेकिन चंद चांदी के सिक्कों के लालच में एक हिंदू ने रास्ता दिखा दिया। नतीजा – हजारों हिंदू महिलाओं को गुलाम बनाया गया।
  • 1192, तराइन की दूसरी लड़ाई: पृथ्वीराज चौहान ने कई बार गोरी को हराया, लेकिन गद्दारी और असंगठन के कारण पराजित हुए।
  • मुगल आक्रमण: हर दौर में हिंदू सरदारों ने व्यक्तिगत स्वार्थ और थोड़े से लाभ के लिए आक्रमणकारियों की मदद की।

👉 इतिहास कहता है कि हिंदू समाज की सबसे बड़ी कमजोरी गद्दारी  और दूरदर्शिता का अभाव रहा है।

3. आज की स्थिति — गद्दारी फिर उसी रूप में

आज भी हालात अलग नहीं हैं।

  • विपक्षी पार्टियाँ,
  • वामपंथी और लुटियन मीडिया,
  • सेकुलर और लिबरल गिरोह,

👉 ये सब मुसलमानों के तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के लिए हिंदुओं को दबाने और अपमानित करने में लगे हैं।

  • 70 वर्षों से मुसलमानों को अत्यधिक संवैधानिक अधिकार और सुविधाएँ दी गईं।
  • समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून आज तक लागू नहीं किया गया।
  • मंदिरों पर सरकारी कब्ज़ा है, लेकिन मस्जिदों और चर्चों पर कोई नियंत्रण नहीं।

यह सब केवल इसलिए हुआ क्योंकि हिंदू समाज अपने अधिकारों के लिए संगठित होकर लड़ता नहीं।

4. हिंदू समाज की सबसे बड़ी कमजोरी

आज भी हिंदू समाज की स्थिति इतिहास जैसी ही है:

  • व्यक्तिगत सुख-सुविधा और परिवार तक सीमित।
  • समाज, संस्कृति और सनातन धर्म की चिंता नहीं।
  • न तो मानसिक तैयारी, न शारीरिक और न ही संगठनात्मक क्षमता।
  • हम अपने व्यक्तिगत स्वार्थ और अहंकार मैं डूबे हुए हैं।

👉 यही कारण है कि मुसलमान और उनके संगठन संगठित होकर लगातार अपने एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं, जबकि हिंदू केवल सोशल मीडिया पर बहस तक सीमित है।

5. भविष्य की चेतावनी

यदि हिंदू इसी तरह निष्क्रिय और असंगठित रहे तो:

  • अगले 20–30 साल में हिंदू भारत में अल्पसंख्यक हो जाएगा।
  • यदि राष्ट्रवादी सरकार (BJP) सत्ता से हट गई तो इस प्रक्रिया की रफ्तार और तेज हो जाएगी।
  • परिणामस्वरूप हिंदुओं की स्थिति वैसी ही होगी जैसी आज पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदुओं की है — गुलामी, अपमान और पलायन।

👉 यह केवल चेतावनी नहीं, बल्कि ठोस संभावना है।

6. समाधान — हिंदुओं को अब क्या करना होगा?

(1) राजनीतिक समर्थन

  • हिंदुओं के पास कोई और विकल्प नहीं है।
  • यदि सनातन धर्म और हिंदू समाज को बचाना है तो BJP जैसी राष्ट्रवादी सरकार को सत्ता में लाना ही होगा।

(2) संगठन और एकता

  • सभी हिंदू संगठन, साधु-संत, धार्मिक नेता और आम हिंदू को एकजुट होकर एक मंच पर आना होगा।
  • हमें कुत्तों की तरह संगठित गिरोह नहीं, बल्कि धर्म और राष्ट्र रक्षा के लिए संगठित शक्ति बनानी होगी।

(3) मानसिक और शारीरिक तैयारी

  • हिंदू समाज को अपने परिवार और बच्चों को तैयार करना होगा कि यदि हम पर आक्रमण होता है तो हम उसका संगठित प्रतिरोध करेंगे।
  • केवल सोशल मीडिया पर गुस्सा दिखाने से काम नहीं चलेगा।

(4) गद्दारों को सबक

जो हिंदू गद्दार विपक्ष, वामपंथ या मीडिया के नाम पर इस्लामीकरण का साथ दे रहे हैं, उन्हें पहचानना और कठोर दंड देना समय की आवश्यकता है।

7. अंतिम आह्वान

  • आज भी हिंदू समाज अहिंसा और परोपकार की गलत व्याख्या में उलझा हुआ है।

लेकिन धर्मग्रंथ कहते हैं:
👉 दुष्टों से नीति और सज्जनों से शांति।

  • हमें धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए सायं, दाम, दंड, भेद और चल का प्रयोग करना ही होगा।
  • यदि आज हम संगठित नहीं हुए तो आने वाली पीढ़ियों को केवल गुलामी और अपमान ही विरासत में मिलेगा।
  • लेकिन यदि आज हिंदू जागा तो भारत फिर से विश्वगुरु बन सकता है।

✊ अब निर्णय हमें करना है — गुलामी या स्वाभिमान।

🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮

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