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हिंदू समाज में बढ़ता भ्रम और विभाजन

हिंदू समाज में बढ़ता भ्रम और विभाजन — अब जागने का समय आ गया है!

हिंदू समाज में बढ़ता भ्रम और विभाजन

आज हिंदू समाज आंतरिक भ्रम, मतभेद और विभाजन के दौर से गुजर रहा है। यह समय आत्ममंथन और एकजुट होकर जागने का है, ताकि समाज फिर से सशक्त बन सके।

🔶 1. सोशल मीडिया का नया युद्धक्षेत्र सनातन पर सुनियोजित हमला

  • आज भारत एक डिजिटल युग में प्रवेश कर चुका है, जहां सोशल मीडिया केवल संवाद का माध्यम नहीं रहा, बल्कि विचारों, मतों और मानसिकता का युद्धक्षेत्र बन चुका है।
  • इस युद्धक्षेत्र में सनातन धर्म, हिंदू संस्कृति और राष्ट्रवादी विचारधारा के खिलाफ एक गहरी साजिश चल रही है।
  • हर दिन फेसबुक, इंस्टाग्राम, X (ट्विटर) और यूट्यूब पर ऐसे हजारों पोस्ट और वीडियो डाले जा रहे हैं, जिनमें हिंदू परंपराओं, देवीदेवताओं और सनातन मूल्यों का मज़ाक उड़ाया जा रहा है।
  • विडंबना यह है कि इनमें से कई पोस्ट खुद उन लोगों द्वारा डाले जा रहे हैं जो खुद को हिंदू या सनातनी कहते हैं!
  • परंतु जब इन खातों की तह तक जाया जाता है, तो पता चलता है कि इनमें से कई फर्जी अकाउंट हैं, जो विरोधी दलों, विदेशी फंडेड NGOs और इस्लामिक प्रचारक संगठनों द्वारा चलाए जा रहे हैं

जिनका मकसद केवल एक है:
👉 हिंदू समाज को आपस में बाँट देना,
👉 सनातन धर्म को बदनाम करना,
👉 और राष्ट्रवादी एकता को तोड़ना।

🔶 2. कांग्रेस और विपक्षी दलों की राजनीतिक साज़िश

  • यह कोई संयोग नहीं है कि ज्यादातर हिंदूविरोधी कंटेंट कांग्रेस समर्थक या वामपंथी विचारधारा वाले पेजों से फैलाया जा रहा है।
  • इनका उद्देश्य बहुत स्पष्ट है — हिंदू समाज की आस्था को कमजोर करना और मोदीसरकार के राष्ट्रवादी एजेंडे को अस्थिर करना।
  • विपक्ष जानता है कि यदि हिंदू समाज एकजुट हो गया, तो उनकी राजनीति हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।

इसलिए ये दल अब धर्म, जाति, और क्षेत्रीय विभाजन को हथियार बना रहे हैं।

  • कहीं दक्षिण बनाम उत्तर का मुद्दा उछाला जा रहा है,
  • कहीं ब्राह्मण बनाम पिछड़ा का,
  • कहीं मराठी बनाम हिंदी भाषी का

और यह सब केवल इसीलिए ताकि हिंदू वोट विभाजित हो जाएं।

🔶 3. स्वार्थी हिंदुओं की गद्दारी इतिहास का कड़वा सच

  • इतिहास गवाह है कि हिंदू समाज को बाहरी आक्रमणों से जितना नुकसान नहीं हुआ, उतना अपने ही गद्दारों से हुआ।
  • राजा दाहर की पराजय से लेकर पृथ्वीराज चौहान की हार तक — हर बार कोई न कोई भीतरघाती हिंदू ही कारण बना।
  • आज वही गलती दोहराई जा रही है।
  • कुछ स्वार्थी हिंदू, अपने निजी लाभ, राजनीतिक पहचान या प्रसिद्धि के लिए अपने ही धर्म को नीचा दिखाने में लगे हैं।
  • वे सोशल मीडिया पर “तथाकथित तार्किकता” और “आधुनिक सोच” के नाम पर अपनी जड़ों पर वार कर रहे हैं।
  • पर क्या आपने कभी देखा है कि कोई मुस्लिम या ईसाई व्यक्ति अपने धर्म के खिलाफ खुलकर बोलता हो?
  • नहीं। क्योंकि उनके अंदर धर्म के प्रति निष्ठा और एकजुटता है।
  • वे अपने धर्म की आलोचना करने वालों का समर्थन नहीं करते — चाहे वो उनके अपने समाज से ही क्यों न हो।
  • लेकिन हमारे बीच ऐसे लोग हैं जो गर्व से कहते हैं कि वे हिंदू हैं फिर भी हिंदू धर्म के विरोधी हैं!
  • यही हमारी सबसे बड़ी कमजोरी है।

🔶 4. डिजिटल प्रोपेगेंडा हिंदू नाम से चलाए जा रहे फर्जी अकाउंट्स

  • आज अनेक विदेशी और भारत-विरोधी संगठन हिंदू नामों से फर्जी अकाउंट्स चला रहे हैं।
  • इनका उद्देश्य है हिंदू समाज में भ्रम और नफरत फैलाना।
  • वे झूठी कहानियाँ, मनगढ़ंत घटनाएँ और फर्जी वीडियो शेयर करते हैं ताकि हिंदू समाज अपने ही धर्म पर शक करने लगे।

उदाहरण के तौर पर —

  • वे पोस्ट करते हैं कि “हिंदू धर्म महिलाओं को दबाता है।”
  • “मूर्तिपूजा पिछड़ेपन की निशानी है।”
  • “ब्राह्मणवाद हिंदू धर्म का शत्रु है।”

इन सब झूठों के पीछे एक ही मंशा होती है — हिंदू को हिंदू से लड़ाना।

  • एक बार अगर हम जाति, वर्ग और क्षेत्र में बँट गए, तो कोई भी बाहरी शक्ति हमें आसानी से नियंत्रित कर सकती है।

🔶 5. सनातन धर्म और राष्ट्र की रक्षा का कर्तव्य

  • सनातन धर्म केवल पूजा पद्धति नहीं है, यह एक जीवन दर्शन, संस्कृति और राष्ट्र की आत्मा है।
  • इस धर्म ने दुनिया को सहिष्णुता, करुणा, सत्य और वैश्विक एकता का संदेश दिया।
  • और आज उसी धर्म को असहिष्णु, हिंसक और पिछड़ा बताने की साजिशें रची जा रही हैं।

हमें समझना होगा —
👉 यह केवल धर्म की लड़ाई नहीं,
👉 यह भारत की आत्मा की लड़ाई है।

  • यदि सनातन कमजोर होगा, तो भारत भी कमजोर होगा।
  • और इसलिए हर सनातनी का कर्तव्य है कि वह अपने धर्म, संस्कृति और राष्ट्र की रक्षा के लिए खड़ा हो।

🔶 6. एकजुटता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति

भारत की ताकत उसकी विविधता में नहीं, उसकी एकता में निहित विविधता में है।
जब हिंदू समाज जाति, भाषा, क्षेत्र, समुदाय और स्वार्थ से ऊपर उठकर एकजुट होता है, तब वह अजेय हो जाता है।

👉 यही एकता 2014 और 2019 में दिखी जब देश ने मोदी जी को पूर्ण बहुमत से जिताया।
👉 यही एकता आज फिर आवश्यक है, ताकि भारत विश्वगुरु बने और सनातन की ध्वजा सदा ऊँची रहे।

हमें याद रखना होगा —

  • स्वार्थ से ऊपर उठना ही धर्म है।
  • राष्ट्र के प्रति निष्ठा ही पूजा है।
  • और सनातन की रक्षा ही सच्ची भक्ति है।

🔶 7. एकजुट राजनीतिक संकल्प धर्म, राष्ट्र और संस्कृति की रक्षा

सनातन धर्म और राष्ट्र के रक्षक के रूप में आज केवल एक ही राजनीतिक धारा कार्य कर रही है

  • भारतीय जनता पार्टी (BJP) और NDA सरकार।
  • यह वही नेतृत्व है जो भारत की संस्कृति, सेना, परंपराओं और आध्यात्मिक धरोहर की रक्षा कर रहा है।

हमें अब यह निर्णय लेना होगा कि

  • क्या हम विभाजन की राजनीति में उलझे रहेंगे?
  • या एकजुट होकर उस राष्ट्रवादी नेतृत्व को मजबूत करेंगे जो भारत को विश्वगुरु बना रहा है?

🔶 8. सनातनी जागरण का अंतिम आह्वान

अब समय है आत्ममंथन और एकता का।
हमें यह प्रण लेना होगा कि —

  • हम किसी भी हिंदू-विरोधी पोस्ट या फर्जी अकाउंट के झांसे में नहीं आएंगे।
  • हम अपने धर्म के खिलाफ किसी भी अपमान को सहन नहीं करेंगे।
  • हम हर स्तर पर सनातन की रक्षा करेंगे — विचार से, शब्द से, कर्म से।

हमें याद रखना होगा —

  • “जब तक हिंदू एक रहेगा, तब तक भारत अजेय रहेगा।”

संदेश

👉 धर्म पर प्रश्न उठाना नहीं, धर्म को समझना आवश्यक है।
👉 आलोचना नहीं, आत्मबल की आवश्यकता है।
👉 और सबसे महत्वपूर्ण — विभाजन नहीं, एकता की आवश्यकता है।

🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮

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