हिंदू समाज को लक्ष्य बनाया जा रहा है
भारत को खंडित करने का, हिंदू समाज को कमजोर करने का, और सनातन संस्कृति को नष्ट करने का एक लंबा खेल चल रहा है — और इसमें सीधा युद्ध नहीं, बल्कि छद्म युद्ध (proxy war) चल रहा है।
🧠 हमें यह समझना ज़रूरी है कि ये हमले केवल तलवारों या बमों से नहीं हो रहे —
- बल्कि दिमाग, जनसंख्या, भूमि कब्ज़ा, आर्थिक कब्ज़ा, और हिन्दू बेटियों के माध्यम से हो रहे हैं।
🔥 इस्लामी विस्तारवाद की रणनीति – अब तक हम क्या देख रहे हैं?
1. ❌ धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल — सिर्फ पूजा के लिए नहीं
- मस्जिदें कई जगह हथियार और पत्थर जमा करने का अड्डा बन गईं (जैसे दिल्ली दंगे, प्रयागराज, बरेली आदि में देखा गया)
- मदरसों में CBI और ATS ने कई बार कट्टरपंथी साहित्य, फंडिंग, और संदिग्ध गतिविधियाँ पाई हैं
- मजारें और कब्रें सार्वजनिक जगहों पर बसाकर धीरे-धीरे इलाकों पर कब्ज़े की नीति चल रही है
2. 👳♀️ बुर्का और जनसंख्या का दोहरा खेल
- बुर्का का दुरुपयोग पहचान छुपाने, दंगे-हिंसा के बाद बच निकलने और अपराधों से बचने के लिए किया जा रहा है
- मुस्लिम समाज में जनसंख्या को ‘जिहाद का हथियार’ माना जा रहा है — हिंदू इलाकों में घुसपैठ, बसावट, और फिर प्रभुत्व का प्रयास
- जहाँ वे 25% हो जाते हैं, वहाँ हिंदू लड़कियाँ, मंदिर और गणेशोत्सव तक सुरक्षित नहीं रहते
3. ❤️🔥 लव जिहाद – बेटी बचाओ की असली परीक्षा
- योजनाबद्ध तरीके से नाम छिपाकर, धर्म छिपाकर, पढ़े-लिखे, भोले परिवारों की बेटियों को फंसाना
- बाद में जबरन धर्मांतरण, निकाह, और मानसिक उत्पीड़न — कुछ मामलों में तो हिंदू लड़कियों की हत्या तक की गई (श्रद्धा वालकर केस, अंकिता भंडारी आदि)
4. 💣 दंगे, आतंकी हमले और अलगाव की राजनीति
- हिजाब आंदोलन, CAA दंगे, नूपुर शर्मा के विरोध में दंगे, ट्रेनों में आगज़नी — ये सभी किसी न किसी “बहाने” से शुरू हुए
- जुमे की नमाज़ के बाद देश में अधिकांश दंगे क्यों होते हैं?
- हर आतंकी या दंगाई के पकड़े जाने पर एक ही बात क्यों उठती है — “इस्लाम खतरे में है”?
😡 और हिंदू अब तक क्या कर रहा है?
✅ शांतिप्रियता, सहिष्णुता, भाईचारा — लेकिन इसके पीछे छिपकर उसके ही धर्म पर हमले हो रहे हैं।
🔻 जब तक हिंदू जाति, भाषा, क्षेत्र में बंटा रहेगा — तब तक वह शिकार बना रहेगा।
💪 समाधान: हिंदू समाज को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से संगठित करना होगा
🧱 ये करें — मजबूत राष्ट्र और समाज के लिए:
1. आर्थिक रूप से संगठित हों (Economic Unity)
- हर सेवा, हर व्यापार, हर खरीदारी — सोच-समझ कर करें
- अपने धन को अपने ही समाज में लगाएँ — फल, सब्ज़ी, कपड़ा, दवा, मोबाइल रिचार्ज, मेडिकल, LIC, ट्रैवल — हिंदू से ही लें
- याद रखिए: आपके हर ₹100 की खरीद किसी न किसी कट्टरपंथी संस्था को फंड कर सकती है — अगर आप सजग नहीं हुए
2. राजनीतिक रूप से जागरूक रहें
- मूल्य आधारित वोटिंग करें, मजहबी या जातिगत नहीं
- हमेशा देखें: क्या उम्मीदवार राष्ट्रवादी है? क्या वह हिंदू हितैषी है?
3. अपनी बहनों और बेटियों की रक्षा करें
- बेटियों को संस्कृति, धर्म और सामाजिक चेतना की शिक्षा दें
- इंटरनेट और कॉलेजों में चल रहे जिहादी नेटवर्क से सावधान रहें
4. सांस्कृतिक घुसपैठ को रोकें
- अपने मोहल्लों, मंदिरों, गणेशोत्सव, रामलीला जैसे आयोजनों में हिंदू नेतृत्व बनाए रखें
- गैर-हिंदू प्रभाव और प्रचार से इन स्थलों को बचाएं
5. हिंदू शिक्षा केंद्र, सहायता समूह, स्वदेशी संगठन बनाएं
- बच्चों को सनातन मूल्यों पर आधारित शिक्षा दें
- स्थानीय स्तर पर हिंदू सेवा संगठन, महिला मंडल, युवक मंडल बनाएं
- धर्म रक्षक समिति हर कॉलोनी, हर गली में तैयार हो
📣 केवल मोदी या सरकार पर निर्भर मत रहिए — हर हिंदू स्वयं नेतृत्व करे।
- यह कोई चुनावी नारा नहीं — यह सनातन अस्तित्व की लड़ाई है
इस बार हार हुई तो सिर्फ सरकार नहीं, हिंदू सभ्यता की अंतिम दीवार टूटेगी
📜 एक ही मार्ग है:
“विचार से एकता, एकता से शक्ति, शक्ति से विजय!”
🔱 सभी हिंदुओं से आग्रह:
- रोज़ कम से कम 5 लोगों को ये जागरूकता पहुँचाइए
- परिवार में बैठक कर संकल्प लीजिए — हर खरीद, हर संबंध, हर वोट — सनातन के लिए होगा
🇮🇳 भारत बचेगा तभी जब हिंदू जागेगा
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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