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हिंदू समाज पर मंडराता खतरा और उसका समाधान

सनातन पर घात — जब धर्म, स्त्री और संस्कृति पर एक साथ आक्रमण हो

हिंदू समाज आज दोहरी चुनौतियों से जूझ रहा है—एक तरफ बाहरी जिहादी मानसिकता, दूसरी तरफ आंतरिक भ्रम और निष्क्रियता।

बांग्लादेश के कोमिला ज़िले के मुरादनगर में जो हुआ — वह केवल किसी एक महिला का बलात्कार नहीं था, वह पूरी हिंदू सभ्यता का चीरहरण था।

  • 4 मौलवी,
  • 18 मदरसे के छात्र,
  • 9 जिहादी गिरोह के सदस्य,

👉 इन सभी ने एक हिंदू महिला को उसके घर से घसीटा, निर्वस्त्र किया और बारी-बारी से बलात्कार किया — यह केवल पशुता नहीं, यह एक योजनाबद्ध इस्लामी युद्धनीति है जिसे इतिहास में हम बार-बार देख चुके हैं — मालवा, बंगाल, सिंध, राजस्थान में।

🧠 लेकिन सवाल है — हम इतने चुप क्यों हैं?

❌ क्योंकि हमारी चेतना को पहले ही ब्रिटिश और कांग्रेस ने गुलाम बना दिया है।

🇬🇧 ब्रिटिश शासन ने जो किया:

  • हमारे गुरुकुल नष्ट किएसंस्कृति को “अंधविश्वास” कहा, और संस्कृत को निष्क्रिय कर दिया।
  • शिक्षा का उद्देश्य आत्मनिर्भरता नहीं, बल्कि क्लर्क और वफादार गुलाम बनाना तय किया।
  • रामायण, महाभारत, उपनिषद — इनकी जगह लॉर्ड बायरन, शेक्सपियर और डार्विन पढ़ाया गया।

👉 एक पूरी पीढ़ी को अपनी जड़ों से काट दिया गया, और यह आज तक जारी है।

⚫ कांग्रेस ने क्या किया:

  • जो इतिहास और संस्कृति थोड़ी बहुत बची थी, उसे भी “सेक्युलरिज़्म” के नाम पर नष्ट किया।
  • मुग़लों को “कल्चरल हीरो” बना दिया, छत्रपति शिवाजी और महाराणा प्रताप को खलनायक।
  • भारतीयों के दिमाग में यह भर दिया गया कि अपने धर्म की बात करना सांप्रदायिकता है, लेकिन अल्पसंख्यक तुष्टिकरण “विकास” है।

💥 आज की समस्या — धर्मविहीन, राष्ट्रविहीन, स्वार्थी युवा पीढ़ी

  • एक बड़ा वर्ग आज केवल नौकरी, EMI, हॉलिडे प्लान और नेटफ्लिक्स तक सीमित है।
  • उन्हें न देश के लिए चिंता है, न धर्म के लिए, न समुदाय के लिए।
  • उन्हें सिर्फ़ अपनी अगली पीढ़ियों की ऐशोआराम की तैयारी करनी है, जबकि उन्हें ये समझ नहीं कि यदि आज हिंदू सभ्यता नहीं बची, तो आने वाली पीढ़ियाँ गुलाम होंगी या मिटा दी जाएंगी।

🔥 और यही मानसिकता जिहादियों के लिए वरदान बन चुकी है

  • जिन्हें धर्म से प्रेम नहीं, उन्हें धर्म की रक्षा में कोई रुचि नहीं।
    जिन्हें अपने पूर्वजों के बलिदान की जानकारी नहीं, वो अपने धर्म के अस्तित्व को क्या समझेंगे?
  • हिंदू समाज के इसी टूटे हुए मनोबल और असंगठित ढांचे का लाभ उठाकर जिहादी मानसिकता हमारी बहनों, माताओं, जमीनों, मंदिरों, और यहां तक कि हमारी आत्मा तक को निशाना बना रही है।

🛑 क्या केवल विदेश जाकर बसने की योजना बनाना ही “सक्सेस” है?

  • क्या आपकी आने वाली पीढ़ियां एक इस्लामी भारत में अपना नाम भी रख पाएंगी?
  • क्या वे खुले में रामकथा, भगवद गीता, या दुर्गा पूजा कर पाएंगी?

👉 यदि नहीं, तो आज आपकी खामोशी, आपकी असली कायरता है।

🧱 समाधान — हिंदू समाज को चाहिए एक मनोबलिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण

  • शिक्षा में क्रांति:
    – गुरुकुल आधारित वैकल्पिक शिक्षा, धर्म, शास्त्र, सैन्य प्रशिक्षण अनिवार्य करें।
  • ॐ 108 आर्थिक आंदोलन:
    – केवल हिंदू दुकानों, टैक्सियों, डॉक्टरों, सेवा प्रदाताओं का उपयोग करें।
    – जिहादी अर्थतंत्र को आर्थिक बहिष्कार से तोड़ें।
  • सांस्कृतिक जागरण:
    – घर-घर रामायण, गीता, उपनिषद पाठ हो।
    – हर युवा को धर्म, इतिहास और कर्तव्य का बोध कराया जाए।
  • सोशल मीडिया रणनीति:
    – हर फर्जी, विकृत, वामपंथी प्रोपेगेंडा का सशक्त और तथ्यात्मक उत्तर दिया जाए।
  • राजनीतिक चेतना:
    – केवल धर्म-संस्कृति-राष्ट्र समर्थक सरकारों को ही सत्ता में लाएं।
    – कांग्रेस और वामपंथी सोच को समाज से जड़ से उखाड़ फेंकें

यदि आप केवल अपने बच्चों की फीस, कार की EMI और फ्लैट के रिनोवेशन में ही व्यस्त रहे…
…तो जल्द ही वह दिन आएगा जब आपके बच्चों को यह पूछने की आज़ादी भी नहीं होगी कि राम कौन थे, भारत क्या था, और हिंदू धर्म किसे कहते थे।

🔔 अब भी जागो — यह समय केवल विरोध करने का नहीं, रणनीति बनाने और सक्रिय होने का है।

जय श्रीराम • जय सनातन धर्म • जय भारत

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