हिंदू सभ्यता फिर से उठ रही है – पहले से अधिक मजबूत, गर्वित और एकजुट!
एक महान परिवर्तन शुरू हो चुका है। जो सदियों की गुलामी, आक्रमण, लूट और राजनीतिक तुष्टीकरण नहीं कर पाए, वह आज जागते हुए हिंदू कर रहे हैं। यह हिंदू शक्ति का पुनर्जागरण है — जो भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के हिंदुओं को चेतना, आत्मगौरव और धर्म के उद्देश्य से जागृत कर रहा है, बिना किसी हिंसा के।
यह उभरती हुई हिंदू शक्ति सिर्फ मंदिरों या समाजों तक सीमित नहीं है, बल्कि सरकारों, मीडिया, मिशनरी संगठनों और कट्टरपंथी ताकतों की जड़ों को भी हिला रही है। यह आंदोलन एक सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बन चुका है।
I. दुनिया हैरान है हिंदू एकता से
- यूरोप और अमेरिका जैसे देशों में अब हिंदू विरोधी नीतियों के खिलाफ खुलकर विरोध हो रहा है।
- लंदन, मेलबर्न, टोरंटो, न्यूयॉर्क जैसे शहरों में हिंदू अब पाकिस्तान समर्थित दुकानों और हिंदू–विरोधी अभियानों के खिलाफ संगठित विरोध कर रहे हैं।
- अब हमारे त्योहारों और धर्म का मजाक उड़ाने वालों को जवाब मिल रहा है – कानूनी, सामाजिक और डिजिटल स्तर पर।
II. धर्मांतरण और जिहाद की साजिशें उजागर हो चुकी हैं
वर्तमान सरकार के प्रयासों से 22,000 विदेशी फंडिंग प्राप्त NGO और कई बड़े मिशनरी संगठन बैन किए जा चुके हैं।
- लव जिहाद के खिलाफ कड़े कानून बन चुके हैं, कई राज्यों में यह अपराध घोषित किया जा चुका है।
- नकली नोट और हवाला नेटवर्क को नोटबंदी और डिजिटल सुधारों ने लगभग खत्म कर दिया।
- गरीब, अशिक्षित हिंदुओं को धर्मांतरण के जाल में फँसाने वालों के खिलाफ अब वकील, संत और स्वयंसेवक खड़े हो चुके हैं।
III. मीडिया, बॉलीवुड और नकली धर्मनिरपेक्षता अब दबाव में हैं
- सोशल मीडिया पर हिंदुओं ने अपना नैरेटिव वापस ले लिया है।
- व्हाट्सएप, फेसबुक आदि पर त्योहारों और देवी–देवताओं का मजाक अब 80% तक घट चुका है।
- बॉलीवुड की हिंदू-विरोधी फिल्मों और संवादों के खिलाफ अब जबरदस्त बहिष्कार हो रहा है।
- जो राजनीतिक दल कभी हिंदुओं को गाली देते थे, अब मंदिर–मंदिर घूमते नज़र आते हैं।
IV. सबसे बड़ी जीत: आत्मविश्वास लौट आया है
- अब युवा हिंदू संस्कृति, इतिहास और परंपराओं पर गर्व करने लगे हैं।
- वैदिक विज्ञान, आयुर्वेद, योग, पंचांग, गोसेवा और संस्कृत जैसे विषयों में अब दुनिया भी रुचि ले रही है।
- अब हिंदू धर्म अपनाने वाले विदेशी कलाकार, विद्वान और डॉक्टर दिखाई दे रहे हैं।
- हमने खुद को ही छोटा समझना छोड़ दिया है — यह मानसिक गुलामी अब टूट रही है।
V. जातिवाद की दीवारें गिर रही हैं
आज अधिक से अधिक हिंदू कह रहे हैं: “हम सब सनातनी हैं – एक हैं।”
ब्राह्मण, दलित, पिछड़ा, दक्षिणी, उत्तरी, बंगाली, मराठी – सभी एक स्वर में खड़े हो रहे हैं।
मंदिर अब केवल पूजा के स्थान नहीं, बल्कि एकता, सेवा और संगठन के केंद्र बन रहे हैं।
जातियों के बीच विवाह और सामाजिक समन्वय को अब ज्यादा समर्थन मिल रहा है।
अब जब हम गति पकड़ चुके हैं – तो रुकना नहीं है!. यह तो एक अच्छी शुरुआत है। अभी बहुत काम बाकी है। हमें अपनी गति को बढ़ाना होगा।
अब हम वो पीढ़ी हैं जिसे भारत को हिंदू राष्ट्र बनते देखना है।
इतिहास ने हमें एक और मौका दिया है। इसे खोना नहीं है।
हमें क्या करना चाहिए?
जागरूकता फैलाएँ – बोलें, लिखें, पोस्ट करें, शेयर करें। विचार ही सबसे बड़ा अस्त्र है।
देशभक्त और धर्मनिष्ठ नेताओं को समर्थन दें – वोट, सहयोग, प्रचार करें।
अपने बच्चों को सही इतिहास पढ़ाएँ – उनका गर्व और संस्कृति मजबूत करें।
हिंदू विरोधी फिल्मों, चैनलों, उत्पादों और दुकानों का बहिष्कार करें।
हिंदू संगठनों, मंदिरों, धर्म संस्थाओं और गौशालाओं का समर्थन करें।
जातिवाद छोड़कर एक संगठित शक्ति बनें।
यह पीढ़ी इतिहास में अमर हो सकती है
“मेरे माता–पिता ने भारत और सनातन धर्म के लिए लड़ाई लड़ी” — ऐसा कहने का गर्व अगली पीढ़ी को देना है।
भारत एक हिंदू राष्ट्र था, है और रहेगा।
अब पूरी दुनिया देख रही है — यह यात्रा शुरू हो चुकी है। हमें तीव्र गति से आगे बढ़ना है और भारत तो जल्द ही हिन्दू राष्ट्र बनाना है।
दुनिया क्यों डर रही है?
क्योंकि उन्हें अब समझ में आ गया है —
हिंदू जाग चुका है।
अब ना झुकेगा, ना रुकेगा, ना डरेगा।
आओ एक हो जाएं — और भारत को विश्वगुरु बनाएं!
जात-पात, क्षेत्र, भाषा, मतभेद – सब छोड़कर,
एक सनातन शक्ति बनें। एक हिंदू राष्ट्र का सपना साकार करें।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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