हिंदुओं के लिए चेतावनी यह है कि दशकों से समाज को यह भ्रम दिया गया कि चुप रहना, अपनी पहचान को त्याग देना और बार-बार के अन्याय को सहना ही सेक्युलरिज्म और शांति की पहचान है। लेकिन यही चुप्पी आज सनातन धर्म, सांस्कृतिक पहचान और राष्ट्रीय सुरक्षा के अस्तित्व पर संकट बन गई है।
🛑 जो हम देख रहे हैं: तुष्टिकरण राजनीति का परिणाम
कई दशकों की कांग्रेस-प्रेरित सरकारों के शासन में नेताओं ने वोटबैंक के तुष्टिकरण को न्याय और राष्ट्रहित से ऊपर रखा। नतीजा क्या हुआ?
- नेताओं के परिजनों के बदले आतंकियों की रिहाई
- राम के अस्तित्व को अदालत में नकारना
- हिंदू प्रतीकों का मज़ाक, उन्हें ‘सांप्रदायिक’ ठहराना
- कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार और पलायन पर चुप्पी
- अवैध मदरसे और कट्टर मौलवियों को संरक्षण
- हिंदू आतंकवाद का झूठा नैरेटिव खड़ा करना
📊 जनसंख्या असंतुलन: एक मूक आक्रमण
आइए एक कड़वा सच देखें:
- 1951 में, भारत में मुस्लिम आबादी लगभग 9.8% थी
- 2023 में, यह बढ़कर 16% से अधिक हो चुकी है (असली आँकड़े और भी ज्यादा हो सकते हैं)
- बंगाल, असम, केरल, यूपी के कई जिलों में हिंदू अल्पसंख्यक बन चुके हैं
- रोहिंग्या घुसपैठ, अवैध बसावट और सीमा पार से आ रहे लोगों ने स्थिति बिगाड़ी है
- अगर यही रफ्तार जारी रही, तो 2050 तक हिंदू जनसंख्या काफी कम रह जाएगी
🚩 संस्थानिक और सांस्कृतिक घुसपैठ
- इस जनसंख्या विस्फोट के साथ-साथ:
- अलग शरीयत कानून की माँग
- बॉर्डर राज्यों में कट्टरता का प्रसार
- मंदिरों पर हमले, जमीन कब्जे और धार्मिक परिवर्तन
- अकादमिक संस्थानों में हिंदू ग्रंथों को काल्पनिक बताना, लेकिन इस्लामी विषयों पर प्रचार
⚔️ हिंदुओं के विरुद्ध लॉफेयर और दोहरा मापदंड
जब हिंदू:
- जनसंख्या नियंत्रण की बात करते हैं – तो उन्हें कट्टर कहा जाता है
- राम मंदिर की बात करते हैं – तो उन्हें उग्रवादी कहा जाता है
- लव जिहाद का विरोध करते हैं – तो उन्हें असहिष्णु कहा जाता है
- काशी या मथुरा की माँग करते हैं – तो उन्हें दंगाई कहा जाता है
लेकिन जब दूसरे:
- वंदे मातरम् नहीं बोलते – यह धार्मिक स्वतंत्रता है
- शाहीन बाग जैसे आंदोलन करते हैं – यह शांतिपूर्ण विरोध है
- सेना पर पत्थर फेंकते हैं – यह लोकतांत्रिक अधिकार है
अब यह दोहरापन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
🧠 समस्या सभी में नहीं, पर खतरनाक तत्वों में है – और उन्हें कौन बढ़ावा दे रहा है?
यह किसी शांतिप्रिय व्यक्ति पर हमला नहीं है।
समस्या इनसे है:
- हेट प्रीचिंग करने वाले मौलवी
- वोटबैंक की राजनीति करने वाले दल
- विदेशी फंड से चलने वाले NGO
- ऐसी मीडिया जो हिंदुओं को ही दोषी ठहराती है
ये लोग भारत को भीतर से तोड़ने की साजिश कर रहे हैं – और उनके उपकरण हैं:
- सोशल मीडिया जिहाद
- जनसंख्या जिहाद
- लव जिहाद
- लैंड जिहाद
- नैरेटिव जिहाद
- शिक्षा में जिहाद
🇮🇳 हिंदुओं की जिम्मेदारी: अभी नहीं जागे तो देर हो जाएगी
- हम 100 करोड़ से ज़्यादा हैं – लेकिन जाति, क्षेत्र, अहंकार और अनभिज्ञता में बंटे हुए हैं।
- अगर अब नहीं जगे, तो हम अपने ही देश में शरणार्थी बन जाएंगे।
👉 हमें क्या करना है:
🗳 सही वोट करें – जो पार्टी सनातन का सम्मान न करे, उसे समर्थन नहीं
📚 बच्चों को सही इतिहास, धर्म और संस्कृति सिखाएँ
📢 सोशल मीडिया और समाज में बोलें – डरें नहीं
⚖️ CAA, NRC, NPR, जनसंख्या नियंत्रण, एकसमान नागरिक संहिता, मंदिर सुरक्षा कानून का समर्थन करें
🤝 हिंदू संगठनों को एकजुट करें, जो भी हिंदू विरोधी ताकत हो – उसका बहिष्कार करें
🧱 हमें हिंदू राष्ट्र बनाना है – नफरत से नहीं, धर्म से
- हिंदू राष्ट्र का अर्थ किसी के विरुद्ध नहीं है, ये केवल सत्य, न्याय, और भारतीयता के पक्ष में है।
- यह एक संघर्ष नहीं, पुनर्जागरण है – अपने अस्तित्व को बचाने का।
🔖 अंतिम विचार:
🛑 “एक गलत वोट तुम्हारे घर आतंक ला सकता है,
✅ एक सही वोट तुम्हारी पीढ़ियों की रक्षा कर सकता है।”
अब समय आ गया है कि हिंदू समाज तुष्टीकरण की आदत को छोड़कर जागरूकता और आत्मसम्मान की राह पर चले। अपनी संस्कृति, धर्म और राष्ट्रीय अस्मिता की रक्षा तभी संभव है जब हम एकजुट होकर सच्चाई के साथ खड़े हों। यही वास्तविक शांति और सशक्त भविष्य की नींव है।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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