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हिंदुओं की घटती जनसंख्या

क्या हिंदू समाज अगली सदी तक बचेगा? क्या हम समय रहते जागेंगे?

👨‍👩‍👦 हिंदुओं की घटती जनसंख्या के पीछे क्या कारण हैं?

जब हमारे शास्त्र, परंपराएँ और मंदिर किसी हथियार से नहीं, बल्कि निष्क्रियता, अनदेखी और जनसांख्यिकीय पतन से खतरे में हैं—तब हमें खुद से एक सख़्त सवाल पूछना चाहिए:

क्या हिंदू सभ्यता अगले शतक तक जीवित रह पाएगी?

आँखें खोलकर चारों ओर देखिए:

  • शिक्षित हिंदू बेटियाँ 32–35 की उम्र तक अविवाहित।
  • बेटे करियर की दौड़ में विवाह टालते हैं या करते ही नहीं।
  • यदि विवाह होता भी है तो देर से — और बच्चा सिर्फ़ एक।
  • तलाक़ बढ़ रहे हैं। परिवार टूट रहे हैं। माता-पिता अकेले।
  • और अगली पीढ़ी लगभग ख़त्म हो चुकी है।

यह कोई सामाजिक फैशन नहीं — यह जनसांख्यिकीय आत्महत्या है।

👉 और दूसरी ओर क्या हो रहा है?

  • कुछ समुदायों में 3–4 बीवियाँ और 10–20 बच्चे आम बात बन चुकी है।
  • तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या से वे कई राज्यों में बहुसंख्यक बनने की ओर बढ़ रहे हैं।
  • उत्तर प्रदेश, असम, बंगाल, केरल और बिहार के कई इलाकों में हिंदू अल्पसंख्यक हो चुके हैं।
  • चुनावी ताकत संख्या बल से तय होती है, और ये लोग रणनीतिक रूप से कब्जा कर रहे हैं।

और जब बहुसंख्यक बनते हैं तो:

📜 संविधान की जगह शरिया कानून की माँग
🕌 हिंदू प्रतीकों का अपमान,
📢 काफिरों (हिंदुओं) के लिए नफ़रत,
💣 और फिर “या इस्लाम कबूल करो या मर जाओ” जैसी मानसिकता।

❗ क्या हमें तब जागना है जब हालात 1947 जैसे हो जाएं?

  • जब पाकिस्तान में लाखों हिंदू मारे गए, बलात्कार हुए, जबरन धर्म परिवर्तन हुआ — क्या हमें वही हालात दोहराने का इंतजार है?
  • क्या हम तब जागेंगे जब हिंदू बच्चे अपने ही देश में अल्पसंख्यक बन जाएँगे?

🔥 जनसंख्या का गणित क्या कहता है?

  • हर हिंदू जोड़ा सिर्फ एक बच्चा पैदा करता है → हर पीढ़ी में संख्या आधी।
  • अगर दूसरी ओर एक जोड़ा 4–5 बच्चे पैदा करता है → हर पीढ़ी में उनकी संख्या दोगुनी।
  • इस गति से 2060 तक कई राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक बन सकते हैं।

यह कोई डर नहीं, यथार्थ है — जो आंकड़ों में और ज़मीनी सच्चाई में साफ दिख रहा है।

✅ मोदी सरकार के साहसिक कदम

  • प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भारत ने:
  • पाकिस्तान के भीतर कई सर्जिकल स्ट्राइक कीं — जिसमें सैकड़ों आतंकवादी मारे गए।
  • ऑपरेशन सिंदूर जैसे ऐतिहासिक अभियान चलाए, जिसमें पाकिस्तान के कई आतंकवादी अड्डे ध्वस्त कर दिए गए।
  • आतंकियों को फंड करने वालों को भी आतंकवादी घोषित करने वाला सख्त कानून बनाया।
  • पाकिस्तान, तुर्की और बांग्लादेश पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए ताकि उनके आतंकी नेटवर्क कमजोर हों।
  • आतंक के खिलाफ भारत की नीति स्पष्ट कर दी — जो आतंक का समर्थन करेगा, वो बचेगा नहीं।
  • वे जिहाद और आतंकवाद, अवैध घुसपैठ को कम से कम करने का भरसक प्रयास कर रहे हैं और पहले की सरकारों द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई के लिए सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने की दिशा में भी पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं।

लेकिन एक बात याद रखिए:

  • कोई सरकार तब तक कुछ नहीं कर सकती, जब तक जनता जागरूक और एकजुट न हो ।
  • यह सिर्फ राजनीतिक युद्ध नहीं है — यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक अस्तित्व की लड़ाई है।

🚨 अब क्या करना होगा?

  • समय पर विवाह आवश्यक करें — पुत्र 22 के बाद और पुत्री 20 के बाद विवाह करें।
  • कम से कम तीन संतानें हों — “बस एक बच्चा” जैसी मानसिकता समाज को खत्म कर रही है।
  • संस्कृति और धर्म को पुनर्जीवित करें — बच्चों को सनातन धर्म, इतिहास और मूल्यों से जोड़ें।
  • राजनीतिक जागरूकता बढ़ाएँ — केवल उन्हीं नेताओं को समर्थन दें जो सनातन धर्म और भारत की संप्रभुता की रक्षा करते हैं।
  • एकजुट होकर बोलें, शिक्षित करें, डरें नहीं — अब “हिंदू खतरे में है” बोलना डर नहीं, धरातली सच्चाई है।

🕉 चेतावनी

  • अगर आज भी हम चुप रहे, तो:
  • ना युवक बचेंगे, ना युवतियाँ।
  • ना बच्चे होंगे, ना संस्कार।
  • ना मंदिर बचेंगे, ना मूर्तियाँ।
  • ना धर्म बचेगा, ना भारत।

इतिहास हमें माफ़ नहीं करेगा अगर हमने अभी कदम नहीं उठाया।

🌺 धर्मो रक्षति रक्षितः — जो धर्म की रक्षा करता है, वही सुरक्षित रहता है।

🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳

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