राष्ट्र, समाज और आत्मरक्षा के लिए त्वरित तैयारी की आवश्यकता
आज के बदलते समय में जहां बाहरी खतरे और आंतरिक चुनौतियाँ निरंतर बढ़ रही हैं, वहाँ राष्ट्र, समाज और आत्मरक्षा के लिए सजग और तत्पर रहना अनिवार्य हो गया है। त्वरित तैयारी ही हमारी सुरक्षा, एकता और अस्तित्व की गारंटी बन सकती है।
Scene 1 – आज की कड़वी सच्चाई (वर्तमान भारत की हकीकत):
- आप सड़क पर चल रहे हैं। एक मामूली कहासुनी होती है एक जिहादी से।
- गलती उसकी थी, पर वह मानने के बजाय आक्रामक हो जाता है।
- आप 100 नंबर पर पुलिस को कॉल करते हैं।
- तब तक वह भागता है, और वापस लौटता है कसाई की छुरी लेकर — और आप पर बर्बर हमला करता है।
- जब तक पुलिस आती है, तब तक आपकी आत्मा भगवान के पास पहुँच चुकी होती है।
- पुलिस केस दर्ज करती है, शव का पंचनामा करती है। जिहादी जेल जाता है…
- लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती।
- दो महीने बाद वह ज़मानत पर बाहर आ जाता है। सालों तक केस चलता है — और अंत में उसे “सबूतों के अभाव” या “गवाही में संदेह” के आधार पर बाइज्जत बरी कर दिया जाता है।
- आपका परिवार टूट जाता है, बच्चे अनाथ हो जाते हैं — और समाज एक वीर खो देता है।
👉 यह है आज की न्याय प्रणाली — सच्चाई, जो हमारी बेबसी का प्रतीक बन गई है।
Scene 2 – कल का भारत (धर्म और आत्मरक्षा का मार्ग):
- वही स्थिति — वही जिहादी, वही हथियार।
- लेकिन इस बार आप तैयार हैं — आपके पास कानूनी रूप से लाइसेंसी हथियार है।
- IPC की धारा 96 के तहत आप आत्मरक्षा में कार्रवाई करते हैं — और हमलावर वहीं ढेर हो जाता है।
- पुलिस आपको गिरफ़्तार करती है, लेकिन ज़मानत तुरंत मिल जाती है।
- कोर्ट में आप सम्मानपूर्वक बरी होते हैं — आत्मरक्षा का अधिकार साबित होता है।
- आपका परिवार सुरक्षित रहता है, और आपकी बहादुरी दूसरों के लिए प्रेरणा बनती है।
👉 यही है वह भारत, जिसे हमें बनाना है — जहां धर्म और जीवन की रक्षा सर्वोपरि हो।
- 🛑 “Scene 1 वर्तमान है। Scene 2 भविष्य की ज़रूरत है।
- निर्णय आपको करना है — अगली पीढ़ी को आप कौन–सा भारत सौंपना चाहते हैं?”
🔥 “आज” का यथार्थ – हिंदू सभी तरफ से खतरे में
1. इस्लामी कट्टरता:
- लव जिहाद: मासूम बेटियों को फंसाकर धर्मांतरण और गुलामी।
- जनसंख्या जिहाद: “हम पाँच, हमारे पच्चीस” की खुली रणनीति।
- लैंड जिहाद: गाँव, खेत और मंदिर की ज़मीनों पर कब्जा।
- जेहादी नेटवर्क: PFI, SDPI जैसे संगठन स्कूलों में भी घुस चुके हैं।
2. ईसाई मिशनरी एजेंडा:
- पैसे, धोखे और लालच से आदिवासी इलाकों में ज़ोरदार धर्मांतरण।
- स्कूल और NGO के नाम पर बाइबल संविधान से ऊपर सिखाई जा रही है।
- खुला एजेंडा: “ईसाई बनाओ – भारत तोड़ो”।
3. अवैध मुस्लिम घुसपैठिए:
- रोहिंग्या और बांग्लादेशी सेना, पुलिस, नगरपालिकाओं और राजनीति में तक घुस चुके हैं।
- ये राशन, वोटर ID, और सरकारी नौकरियाँ हथिया रहे हैं — जबकि हिंदू सिर्फ टैक्स भर रहा है।
4. भीतरघाती ‘सेक्युलर‘ गैंग:
- तथाकथित बुद्धिजीवी और मीडिया हिंदू जागरण को ‘हेट स्पीच’ बताते हैं।
- JNU जैसे वामपंथी कैंपसों में खुलेआम “भारत तेरे टुकड़े होंगे” के नारे।
🩸 हिंदू बेटियाँ सबसे असुरक्षित
- लव जिहाद की शिकार बहनों को धर्म बदलवाकर गुलामी, बलात्कार, हत्या या खाड़ी देशों में बेच दिया जाता है।
- हर दिन कोई “आफताब” किसी श्रद्धा को 35 टुकड़ों में काट देता है — और हमारी चुप्पी उनकी ताकत बन जाती है।
- क्या हम सिर्फ वीडियो देखकर दुःखी होने के लिए पैदा हुए हैं? या कुछ बदलने के लिए?
⚠️ अगर अब भी नहीं जागे तो…
- अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश — कभी हिंदू बहुल थे।
- और अब केरल, बंगाल, मालदा, मुर्शिदाबाद, कैराना, रामपुर, असम, हैदराबाद… हिंदू-मुक्त होते जा रहे हैं।
- क्या आप सब कुछ देखने के बाद भी ‘सेक्युलर’ बने रहना चाहेंगे?
- क्या आपकी बच्चे अपने ही देश में अल्पसंख्यक बनेंगी?
⚔️ अब दूसरा दृश्य रचने का समय आ गया है
🛡️ आत्मरक्षा = धर्म रक्षा = राष्ट्र रक्षाआत्मरक्षा अपराध नहीं है — IPC की धारा 96 इसके लिए संवैधानिक अधिकार देती है।
- हर हिंदू को अब प्रशिक्षित और संगठित होना होगा:
- शस्त्र चलाना सीखें; कानूनी जानकारी रखें।
- युवाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा सिखाएँ।
- अपने क्षेत्र में “हिंदू सुरक्षा समिति” बनाएं।
🚩 संगठन और रणनीति:
- मंदिरों को केवल पूजा नहीं, प्रशिक्षण और संगठन केंद्र बनाएं।
- धर्मशालाओं को हिंदू नवजागरण का केंद्र बनाएं।
- बच्चों को भगवद गीता, इतिहास, संस्कार और देशभक्ति सिखाएँ।
🙏 राजनीतिक मोर्चा:
- राष्ट्रवादी सरकारों को केवल वोट नहीं, ज़मीनी समर्थन दें।
- मिशनरी फंडिंग, NGO नेटवर्क और वोट बैंक गैंग का सामाजिक बहिष्कार करें।
- लव जिहाद, धर्मांतरण, जनसंख्या विस्फोट और घुसपैठ के ख़िलाफ़ जन जागरण करें।
🚨 आपका मौन भी एक बड़ा अपराध है
- “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” सिर्फ नफरत फैलाने वालों के लिए नहीं,
धर्म और राष्ट्र की रक्षा करने वालों के लिए भी है। - जागो, संगठित होओ — यदि हथियार नहीं, तो विचारों और आत्मरक्षा से सुसज्जित बनो।
- अगर अब नहीं जागे, तो आने वाली पीढ़ियाँ हमें “कायर” कहेंगी।
✊ अंतिम आह्वान:
समाज और राष्ट्र की रक्षा अब केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता बन गई है।
अब धर्म भी बचाना है, देश भी बचाना है, और बेटियों को भी।
समय आ गया है जब हर हिंदू को शिवाजी की वीरता और रणछोड़दास की बुद्धिमत्ता को अपनाना होगा।
अब कोई और नहीं आएगा हमें बचाने—यह ज़िम्मेदारी अब हमारी है।
या तो हम संगठित होकर समाज और राष्ट्र की रक्षा करें, या फिर विनाश को गले लगाने को तैयार रहें।
अब केवल दो ही रास्ते हैं—संगठन या समाप्ति।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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