15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। यह सिर्फ एक भाषण नहीं था, बल्कि एक गंभीर चेतावनी और रणनीतिक संदेश था।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा:
“जैसे–जैसे भारत शक्तिशाली होगा, बाहरी और आंतरिक खतरे बढ़ेंगे। लेकिन हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि भारत का उत्थान विश्व के लिए कोई संकट नहीं, बल्कि वैश्विक कल्याण के लिए एक वरदान है।“
यह सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं था, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति के सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक – थ्यूसीडाइड्स ट्रैप की ओर संकेत था।
थ्यूसीडाइड्स ट्रैप क्या है?
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ग्राहम एलिसन ने थ्यूसीडाइड्स ट्रैप की अवधारणा प्रस्तुत की। यह सिद्धांत बताता है कि जब भी एक उभरती हुई शक्ति किसी स्थापित शक्ति को चुनौती देती है, तो यह टकराव या युद्ध की संभावना को जन्म देता है।
📌 पिछले 500 वर्षों में 16 बार ऐसा हुआ है, जब एक उभरती हुई शक्ति को एक स्थापित शक्ति ने खतरा माना। इनमें से 12 बार यह संघर्ष युद्ध में बदला।
📌 अमेरिका ने अपने हितों की रक्षा के लिए 30 से अधिक देशों में हस्तक्षेप किया है – कभी सैन्य हमले से तो कभी विरोधी नेताओं को हटाकर।
भारत को बढ़ते खतरे का सामना क्यों करना पड़ रहा है?
आज, भारत एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में तेजी से उभर रहा है:
✅ 7.8% जीडीपी वृद्धि दर – दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक।
✅ वैश्विक विनिर्माण केंद्र (ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब) बनने की ओर अग्रसर।
✅ यदि भारत और चीन मिलकर प्रभाव बढ़ाते हैं, तो यह वैश्विक शक्ति संतुलन को पूरी तरह बदल सकता है।
📌 थ्यूसीडाइड्स ट्रैप के अनुसार, वैश्विक महाशक्तियां (जैसे अमेरिका, चीन, आदि) भारत के इस उभार को रोकने की हरसंभव कोशिश करेंगी।
कैसे भारत को अस्थिर करने की साजिश हो रही है?
🔹 भारत को बाहरी संघर्षों में उलझाना:
👉 पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों को भारत के खिलाफ भड़काना।
🔹 आंतरिक अस्थिरता और हिंसा को बढ़ावा देना:
👉 सांप्रदायिक दंगे, हिंसक प्रदर्शन और अलगाववादी आंदोलनों को भड़काना।
🔹 आर्थिक स्थिरता को कमजोर करना:
👉 भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने से रोकने के लिए औद्योगिक विकास में रुकावटें डालना।
भारत को अस्थिर करने के प्रयास: बार–बार दोहराया जाने वाला पैटर्न
हमने देखा है कि हर कुछ महीनों में भारत में बड़े विरोध–प्रदर्शन या आंदोलन खड़े किए जाते हैं।
👉 शाहीन बाग आंदोलन – सीएए के खिलाफ एक सुनियोजित, वित्तपोषित विरोध।
👉 किसान आंदोलन – सड़कों को अवरुद्ध कर आर्थिक नुकसान पहुँचाने का प्रयास।
👉 मणिपुर हिंसा – उत्तर-पूर्व में अस्थिरता फैलाने की कोशिश।
❗ इन घटनाओं का उद्देश्य सिर्फ सरकार का विरोध नहीं था, बल्कि भारत को आंतरिक संघर्षों में उलझाकर उसकी प्रगति को धीमा करना था।
अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र: रूस–यूक्रेन युद्ध से सीखने की जरूरत
रूस-यूक्रेन युद्ध सिर्फ एक क्षेत्रीय संघर्ष नहीं, बल्कि पश्चिमी देशों द्वारा रूस को कमजोर करने की रणनीति है।
📌 लक्ष्य: रूस की बढ़ती शक्ति और प्रभाव को खत्म करना।
📌 भारत के खिलाफ भी यही रणनीति अपनाई जा रही है।
सरकार की रणनीति: हर षड्यंत्र को समझदारी से नाकाम करना
भारत सरकार को अच्छी तरह पता है कि वैश्विक शक्तियां भारत के उत्थान को रोकना चाहती हैं।
📌 इसीलिए सरकार हर साजिश को धैर्य और समझदारी से संभाल रही है, अनावश्यक टकराव से बच रही है।
👉 शाहीन बाग आंदोलन को रणनीतिक रूप से समाप्त किया गया।
👉 किसान आंदोलन को बिना अत्यधिक बल प्रयोग के संभाला गया।
👉 मणिपुर हिंसा को बड़े स्तर पर फैलने से रोका गया।
हमारी भूमिका: सतर्क रहें, सरकार पर भरोसा रखें
📌 भारत एक महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है।
👉 प्रचार (प्रोपेगैंडा) और झूठी कहानियों के झांसे में न आएं।
👉 ऐसे किसी भी आंदोलन का समर्थन न करें जो देश में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा हो।
👉 सरकार के निर्णयों पर विश्वास रखें और धैर्य बनाए रखें।
👉 इन वैश्विक षड्यंत्रों के बारे में लोगों को जागरूक करें।
140 करोड़ भारतीयों की जिम्मेदारी – लेकिन असली कर्तव्य 100 करोड़ राष्ट्रवादियों का है
भारत की जनसंख्या 140 करोड़ है, लेकिन इनमें से 20-25 करोड़ लोग देशविरोधी ताकतों का समर्थन करते हैं।
इसलिए, 100 करोड़ सच्चे भारतीयों की जिम्मेदारी बनती है कि वे सतर्क रहें और इन चुनौतियों के बारे में दूसरों को जागरूक करें।
🚩 याद रखें, यह सिर्फ एक राजनीतिक संघर्ष नहीं है – यह भारत के भविष्य की लड़ाई है। 🚩
🇮🇳 जय भारत, वंदे मातरम् 🇮🇳
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