INS सिंधु रक्षक हादसा भारत की नौसेना के इतिहास का एक बेहद दुखद पल था। 13 अगस्त 2013 की रात मुंबई में हुए INS सिंधु रक्षक हादसा में 18 नौसैनिकों की दर्दनाक मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया, लेकिन सरकार की खामोशी ने कई सवालों को जन्म दे दिया।
2013: जब पनडुब्बी डूबी और साथ में डूब गया था हमारे सिस्टम का चरित्र
- 14 अगस्त 2013, भारतीय नौसेना की पनडुब्बी INS सिंधु रक्षकमुंबई के तट पर विस्फोट के बाद डूब गई।
- 18 बहादुर नौसेना जवानउस हादसे में शहीदहो गए।
- ये वही पनडुब्बी थी जिसे 2010-13 में 80 मिलियन डॉलरखर्च कर अपग्रेड किया गया था।
- लेकिन उसकी बैटरी बदलने के लिए मात्र 70 करोड़ रुपएनहीं दिए गए।
- नौसेना ने तीन बार अनुरोध किया, मगर सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया।
नतीजा: देश के जवान मरे, मगर सरकार और विपक्ष निर्लज्ज चुप्पीसाधे रहे।
पैसा था नहीं — क्योंकि पहले ही लुट चुका था!
सवाल ये नहीं है कि 2013 में पैसा क्यों नहीं था। सवाल ये है कि पैसा गया कहाँ था?
- देश वही है , अर्थव्यवस्था वही है , जरूरतें भी वही है। बदली है तो सिर्फ सरकार।
- कांग्रेस और गठबंधन सरकारों ने भ्रष्टाचार और घोटालों से देश की अर्थव्यवस्था को खोखला कर दिया था।
- 2G, CWG, कोयला, एयरसेल-मैक्सिस — लिस्ट लंबी है लेकिन विकास कहीं नहीं था।
- जनता का पैसानेताओं और अफसरों की तिजोरियों में जा रहा था।
2014: जब देश ने एक ईमानदार नेतृत्व चुना
नरेंद्र मोदी की अगुवाई में जब भाजपा सत्ता में आई, तब देश कर्ज़, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लकवे से जूझ रहा था।
मगर फर्क ये हुआ कि:
- भ्रष्टाचार का ड्रेनेज बंद किया गया।
- नेताओं और अफसरों की ब्लैक इनकम के स्रोत खत्म किए गए।
- हर रुपया विकास में लगाया गया — जनता के लिए, राष्ट्र के लिए।
जो पैसा घोटालों में जाता था, वही आज भारत निर्माण में लग रहा है
गंगा की सफाई, बोगीबील पुल, जोजिला टनल, लद्दाख ग्रिड कनेक्शन, उत्तर पूर्व में रेलवे, 6 करोड़ गैस कनेक्शन, मुफ्त घर, आयुष्मान भारत, किसान सम्मान निधि, मेट्रो प्रोजेक्ट्स, S-400, राफेल —
ये सब अचानक संभव कैसे हुआ?
क्योंकि भ्रष्टाचार बंद हुआ, व्यवस्था में ईमानदारी आई और हर योजना का पैसा सही जगह पहुँचा।
और इसलिए “पुराने सिस्टम“के ठेकेदार मोदी से नफरत करते हैं
- जिन राजनीतिज्ञों और नौकरशाहोंकी अवैध कमाई के रास्तेबंद हो गए हैं, वही आज मोदी को कोसते हैं।
- कुछ मीडिया घराने, बुद्धिजीवी और वामपंथी एजेंडा वाले लोग इसलिए बौखलाए हुए हैं क्योंकि देश में पहली बार उनके दबदबे के बिना भी काम हो रहा है।
- यही वजह है कि मोदी को हटाने की साजिशें, प्रोपेगेंडा, और झूठ फैलाने का अभियान चलाया जा रहा है।
अगर भारत को विश्वशक्ति बनाना है, तो…
- हमें यह समझना होगा कि यह बदलाव किसी चमत्कार से नहीं आया — यह ईमानदार नेतृत्व, कठोर फैसलों और देशप्रेम का नतीजा है।
- मोदी और भाजपा, आरएसएस के समर्थन से, एक स्थिर, मजबूत और राष्ट्रवादी सरकार का प्रतीक हैं।
- अगर हमें यह विकास बनाए रखना है, तो:
भारत की स्थिरता और उन्नति के लिए मोदी सरकार को अगले कई दशकों तक सत्ता में बनाए रखना होगा — किसी भी कीमत पर।
याद रखिए:
2013 में देश में पैसा नहीं था, क्योंकि वो लूट लिया गया था।
2024 में देश में पैसा है, क्योंकि मोदी ने उस लूट को बंद किया।
मोदी है तो मुमकिन है।
देश को मोदी चाहिए — विकास के लिए, सुरक्षा के लिए, आत्मसम्मान के लिए।
🇮🇳जयभारत, वन्देमातरम🇮🇳
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