भारत एक ऐसा देश है, जहां विविधता में एकता का अद्भुत संगम है। लेकिन आज, हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हमारी सनातन संस्कृति, हमारे मूल्य और हमारा राष्ट्र सुरक्षित और संरक्षित रहे। हमें इस दिशा में सोच-समझकर कदम उठाने होंगे।
चेतना का संदेश:
कुछ प्रवृत्तियाँ और गतिविधियाँ जो हमारी सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा बन सकती हैं:
धार्मिक स्थलों का दुरुपयोग:
मस्जिदों का उपयोग हथियारों के संग्रहण के लिए।
मदरसों का उपयोग चरमपंथी विचारधारा के प्रशिक्षण के लिए।
धार्मिक प्रतीक और पहचान:
बुर्का का उपयोग पहचान छिपाने के लिए।
धार्मिक टोपी को एकता और पहचान का प्रतीक बनाना।
हिंसा और आतंक का प्रचार:
निर्दोष जानवरों की बलि देकर निर्दयी बनने का अभ्यास।
आतंकवाद का सहारा लेकर डर और भय का माहौल बनाना।
सांस्कृतिक हमले:
लव जिहाद जैसे कृत्य का उपयोग हमारी बेटियों को फँसाने के लिए।
जनसंख्या वृद्धि का उपयोग राजनीतिक लाभ और सत्ता के लिए।
हमारा कर्तव्य:
हमें अपने समुदाय, समाज और राष्ट्र को इन चुनौतियों से बचाने के लिए एकजुट होना होगा। इसके लिए हमें स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत की भावना को अपनाना होगा।
अपना समर्थन भारतीय और सनातन समाज को दें:
अपने दैनिक जीवन में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें और अपने परिवार व समाज को भी जागरूक करें:
हिंदू व्यापारी, डॉक्टर, वकील, इंजीनियर और दुकानदारों का समर्थन करें।
जब भी कोई सेवा या सामान खरीदें, सुनिश्चित करें कि आप अपने ही समुदाय के लोगों का सहयोग करें।
अपने बच्चों को सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति के मूल्यों की शिक्षा दें।
व्यावहारिक कदम उठाएँ:
अपने परिवार में एक बैठक करें और यह निर्णय लें कि:
नेता: हमेशा हिंदू और राष्ट्रभक्त नेता को चुनें।
खरीदारी: सब्जी, कपड़े, दवा, स्टेशनरी आदि हिंदू व्यापारियों से ही खरीदें।
सेवा: डॉक्टर, वकील, सीए, शिक्षक, और अन्य पेशेवर सेवाओं के लिए हिंदू समाज को प्राथमिकता दें।
समाज में जागरूकता फैलाएँ:
यह संदेश हर दिन कम से कम 10 लोगों तक पहुँचाएँ।
अपने व्हाट्सएप ग्रुप, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर इसे साझा करें।
देशहित में सोचें और अपने विचारों को दूसरों तक पहुँचाने में योगदान दें।
आखिरी बात:
यह कोई घृणा या कटुता फैलाने का संदेश नहीं है। यह जागरूकता और आत्मरक्षा का आह्वान है। हम सभी को एकजुट होकर अपने धर्म, संस्कृति और देश की रक्षा करनी होगी।