महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है—यह सनातन धर्म की जीवंत आत्मा है, आस्था, भक्ति और आध्यात्मिक जागृति का महापर्व। यह हिंदू सभ्यता की अखंड निरंतरता का प्रतीक है, जो अनगिनत चुनौतियों के बावजूद अडिग खड़ी है। करोड़ों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान केवल एक परंपरा के रूप में नहीं, बल्कि शुद्धिकरण, मोक्ष और दिव्य अनुग्रह की प्राप्ति के लिए करते हैं।
लेकिन हर व्यक्ति महाकुंभ को अपने दृष्टिकोण से देखता है। यह एक आंतरिक दर्पण की तरह कार्य करता है, जो व्यक्ति की अपनी सोच और पूर्वाग्रहों को प्रतिबिंबित करता है:
- गिद्धों ने केवल शव देखे, क्योंकि उनका मन नाश और मृत्यु से जुड़ा है।
- सुअरों ने केवल गंदगी देखी, क्योंकि उनके भीतर अशुद्धि बसी है।
- नास्तिकों ने अंधविश्वास देखा, क्योंकि वे आध्यात्मिक सत्य को समझ नहीं सकते।
- वामपंथियों ने उग्रवाद देखा, क्योंकि वे धर्म को राजनीति से जोड़ते हैं।
- मीडिया ने केवल टीआरपी देखी, क्योंकि उनके लिए भक्ति भी व्यापार है।
- धर्मांतरण कराने वालों ने भूखा हिंदू देखा, क्योंकि वे इसे अपने स्वार्थ के लिए तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करते हैं।
- नारीवादियों ने पितृसत्ता देखी, भले ही यहां हजारों संन्यासिनियां आध्यात्मिक नेतृत्व कर रही थीं।
- राजनीतिक अवसरवादियों ने वोट देखा, क्योंकि उनके लिए धर्म भी केवल सत्ता पाने का साधन है।
- नक्सलियों ने ‘भगवा आतंक’ देखा, क्योंकि उनका अस्तित्व ही हिंदू विरोध पर टिका है।
- हिंदू विरोधियों ने खतरा देखा, क्योंकि वे समझ नहीं पाते कि सनातन धर्म शाश्वत और समावेशी है।
सत्य खोजने वालों ने क्या देखा?
🚩 गंगा के पवित्र जल में आत्मा का शुद्धिकरण।
🚩 जाति–प्रांतीय भेदभाव से ऊपर करोड़ों लोगों की एकता।
🚩 ऋषि–मुनियों के वचनों में विश्व का मार्गदर्शन।
🚩 सनातन चेतना का जागरण, जो अब कोई रोक नहीं सकता।
महाकुंभ हमें क्या सिखाता है?
“जिसकी आत्मा मलिन हो, उसके लिए गंगा का जल भी गंदा प्रतीत होगा।“
सनातन धर्म का पुनर्जागरण
यह महाकुंभ एक नया संकेत दे रहा है। यह हिंदू पुनर्जागरण के एक नए युग की शुरुआत है। अब समय आ गया है कि:
🔥 अपने धर्म और परंपराओं को सशक्त बनाएं।
🔥 उन शक्तियों के खिलाफ एकजुट हों, जो हिंदू समाज को कमजोर करना चाहती हैं।
🔥 धर्म के विरुद्ध रचे जा रहे षड्यंत्रों को विफल करें।
🔥 सनातन चेतना के उदय में अपना योगदान दें, जिससे भारत का भविष्य धर्म के आधार पर निर्मित हो।
सनातन धर्म शाश्वत, अजेय और निरंतर बढ़ने वाला है। कोई भी शक्ति सत्य, भक्ति और दिव्य इच्छा से संरक्षित धर्म को समाप्त नहीं कर सकती।
🚩 हर हर महादेव! 🚩
जय भारत, वन्देमातरम