भारतीय राष्ट्रीय चेतना को झकझोरने वाला एक विस्तृत सावधानिक संदेश।
🕯️ 1. इतिहास कभी नहीं मरता — वह लौटकर सवाल पूछता है
- इतिहास केवल घटनाओं का संग्रह नहीं, बल्कि एक निर्मम दर्पण है, जो बताता है कि सभ्यताएँ कौन-सी गलतियाँ दोहराती हैं और कैसे उन गलतियों के कारण वे स्वयं विनाश को आमंत्रित करती हैं।
- जो लोग इतिहास की कठोर चेतावनियों को नज़रअंदाज़ करते हैं, वे अनजाने में अपने ही विनाश के जुलूस के सहभागी बन जाते हैं।
20वीं सदी के यूरोप में यह त्रासदी भयानक रूप से घटी —
- यहूदी, जिन्होंने विज्ञान, गणित, चिकित्सा, संगीत, बैंकिंग, साहित्य और दर्शन में असाधारण योगदान दिया था, उन्हें “दोषी”, “गैर-राष्ट्रभक्त”, “षड्यंत्रकारी” कहकर बदनाम किया गया — यह इतिहास का सबसे बड़ा व्यंग्य था।
- यह दुष्प्रचार धीरे-धीरे शुरू हुआ, और यही पैटर्न आज भी कई जगहों पर दिखाई देता है — जहाँ किसी समुदाय की उपलब्धियों को ही उनके खिलाफ हथियार बना दिया जाता है।
सभ्यताएँ बाहर के आक्रमण से कम, और अपने अंदर की अंधी लापरवाही से अधिक टूटती हैं।
⚠️ 2. कैसे एक संगठित प्रोपेगेंडा मशीन ने एक सभ्य समाज को तोड़ दिया
- नाज़ी विचारधारा ने एक खतरनाक खाका बनाया:
- पहले शिक्षा पर कब्ज़ा करो
- फिर मीडिया को हथियार बनाओ
- राजनीति को कट्टर बनाओ
- और अंत में समाज में यह जहर भरो
“ये हमारे दुश्मन हैं… ये हमारी गरीबी का कारण हैं… ये हमारी संस्कृति मिटा देंगे…”
- नतीजा: कुछ वर्षों में ही पूरी सभ्यता नष्ट हो गई।
आधुनिक भारत में इसकी गूँज साफ दिखती है—
- इस्लामी कट्टरपंथ PFI जैसे संगठनों और मस्जिद–मदरसों की आड़ में युवाओं को कट्टर बनाने के लिए शिक्षा, मीडिया और ऑनलाइन नेटवर्क का उपयोग कर रहा है।
- ISIS की शाखाएँ भारत के 12 राज्यों में सक्रिय हैं — केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल आदि में।
- स्थानीय भाषाओं में कट्टरपंथी प्रचार युवाओं को भड़काने का सबसे बड़ा हथियार बन चुका है।
काँग्रेस और ठगबंधन पिछले कई दशकों से यही फार्मूला अपना रहा है।
💀 3. चार वर्षों में 60 लाख लोग मार दिए गए — और दुनिया खड़ी देखती रही
- 25 लाख नाज़ी सैनिकों ने 60 लाख यहूदियों को गैस चेंबर, भूख, यातना, श्रम शिविर और ज़िंदा जलाने जैसे तरीकों से मौत के घाट उतार दिया।
- सबसे बड़ी विडम्बना यह थी कि पीड़ित समाज शिक्षित था पर संगठित नहीं।
- वे सोचते रहे — “हम अच्छे लोग हैं, हमारे साथ कुछ बुरा नहीं होगा…”
- बस यही भ्रम उनकी सभ्यता की समाधि बन गया।
- इतिहास बताता है — असंगठित समाज हमेशा हारता है।
✡️ 4. राख से उठा एक देश — इस्राइल का जन्म
- होलोकॉस्ट की राख से इस्राइल ने दुनिया को बताया— “अस्तित्व सिर्फ ताकत से नहीं, संगठन से बचता है।”
- इस्राइल में हर युवा सैनिक है, हर नागरिक रक्षक है, और पूरे समाज का पहला धर्म — अपने राष्ट्र की रक्षा है।
- आकार छोटा, पर संकल्प अटूट — यही कारण है कि इस्राइल दुनिया में सबसे मजबूत देशों में शामिल है।
- इस्राइल का संदेश पूरी दुनिया के लिए स्पष्ट है — “जागो, संगठित हो, तैयार रहो — तभी बचोगे।”
🇮🇳 5. अब भारत को देखो — क्या हम भी वही गलती दोहरा रहे हैं?
- हिंदू समाज जाति, क्षेत्र, राजनीति और छोटे-छोटे विवादों में बँटा हुआ है।
- विरोधी दल वोट-बैंक के लिए कट्टरपंथियों को खुला समर्थन देते हैं — चाहे देश की सुरक्षा खतरे में क्यों न पड़े।
- PFI, ISIS और कट्टरपंथी नेटवर्क एक-एक राज्य में धीरे-धीरे पकड़ मजबूत कर रहे हैं।
और दुःखद यह कि
- कई हिंदू ही ऐसे दलों को वोट दे रहे हैं जो हमारा अस्तित्व मिटाने की नींव खोद रहे हैं।
- एक कट्टरपंथी न तो जाति देखता है, न राज्य, न विचारधारा — उसके लिए हर हिंदू केवल “काफ़िर” है।
- यदि हिंदू संगठित नहीं हुआ— गलती वही दोहराई जाएगी तो हमारा अंजाम यूरोप की तरह होगा और हालात पाकिस्तान जैसे ।
- अगर हम संगठित हुए तो हमें इसराएल की तरह ताकतवर और सुपरपावर बनने से दुनिया की कोई शक्ति नहीं रोक सकती है।
🌍 6. वैश्विक सच्चाई — धार्मिक-सांस्कृतिक एकता ही सुरक्षा देती है
- यहूदी एकजुट हुए — इस्राइल सुरक्षित।
- मुस्लिम राष्ट्र एकजुट — उनका मजहबी ढाँचा सुरक्षित।
- ईसाई राष्ट्र अपनी संस्कृति बचाने के लिए खड़े हैं।
- पर हिंदुओं का अपना कोई और देश नहीं है।
- भारत ही उनका एकमात्र घर है।
- अगर भारत हारा— तो हिंदू सभ्यता का कोई दूसरा अस्तित्व नहीं बचेगा।
- फिर भी हम असंगठित और बिखरे हुए है और इस भ्रम मैं हैं की हम सुरक्षित है।
सेना आपको सीमपार दुश्मनों से बच सकती है। परंतु आंतरिक दुश्मनों से निबटने के लिए राष्ट्रवादी सरकार को हमारा पूरा राजनीतिक और सामाजिक समर्थन चाहिए।
🛑 7. भारत हारा = हिंदू सभ्यता समाप्त
अमेरिका, यूरोप, अरब — कहीं हिंदुओं के लिए सुरक्षित आश्रय नहीं।
केवल भारत ही अंतिम शरणस्थल है।
यदि यह सभ्यता यहाँ टूटी, तो यह हमेशा के लिए मिट जाएगी।
इतिहास गवाह है —
- जिस सभ्यता का कोई एकमात्र घर बर्बाद होता है, वह फिर कभी खड़ी नहीं होती।
🧭 8. वर्तमान भारत — खतरे की घंटी बज चुकी है
- घुसपैठियों के पास वकील, राशन कार्ड, वोटर कार्ड।
- पर संस्कृति की रक्षा करने वाला “कट्टर” कह दिया जाता है।
- गीता पढ़ने वाला “अति धार्मिक” कहा जाता है।
- मंदिरों की बात करने वाला “राजनीतिक” कहा जाता है।
- समाज चुप है — और यही चुप्पी सबसे बड़ा खतरा है।
- ISIS डिजिटल सेल दक्षिण भारत और बंगाल में तेजी से बढ़ रहे हैं।
- वोट-बैंक की राजनीति देश की रीढ़ तोड़ रही है।
🚩 9. हिंदुओ! अगर अब नहीं जागे — तो आने वाली पीढ़ियाँ माफ़ नहीं करेंगी
- इतिहास गवाह है — शक्तिशाली, बुद्धिमान, सम्पन्न सभ्यताएँ भी असंगठन और आंतरिक विभाजन के कारण मिट गईं।
- आज भारत उसी चौराहे पर खड़ा है।
- अगर आज हिंदू संगठित नहीं हुआ, तो आने वाली पीढ़ियाँ हमें कोसेंगी।
- क्या हम अपने पूर्वजों की धरोहर को सुरक्षित रखने का प्रयास करेंगे या अपनी अगली पीढ़ियों को बेसहारा छोड़ देंगे?
🔥 10. यह समय अंतिम चेतावनी है
अब तुरंत:
- जातिगत दीवारें गिराओ
- हिंदू एकता को प्राथमिकता दो
- इतिहास पढ़ो, आत्मरक्षा सीखो
- सनातन संस्कृति का गर्व महसूस करो
- हर मोहल्ले में संगठन बनाओ
- भारत, सनातन धर्म और अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए मानसिक और शारीरिक तैयारी करो।
- राष्ट्र को परिवार से भी ऊपर रखो
यह समय सोने का नहीं — उठने, जागने और संकल्प लेने का है।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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