भारत के अमीर वर्ग को अब आगे आना होगा। समय की मांग है कि वे केवल संपत्ति नहीं, बल्कि अपने देश, धर्म और सभ्यता की रक्षा में भी निवेश करें।
क्या हमने कभी 1947 के विभाजन का सबक गहराई से सोचा है?
- क्यों महान व्यक्तित्व जैसे लाल कृष्ण आडवाणी, आई.के. गुजराल, लाला अमरनाथ, मनमोहन सिंह, राम जेठमलानी और हजारों सम्पन्न हिंदू और सिख सब कुछ छोड़कर पाकिस्तान से भागने को मजबूर हुए?
- ये लोग गरीब या असहाय नहीं थे। ये धनवान, शिक्षित, प्रभावशाली और सफल थे। लेकिन जब इस्लामी कट्टरता और भीड़ की हिंसा का तूफ़ान उनके ऊपर टूटा, तब उनकी सारी संपत्ति, प्रतिष्ठा और जीवनभर की मेहनत धूल हो गई।
- उन्हें तीन ही विकल्प दिए गए: इस्लाम कबूल करो, सब कुछ छोड़कर भागो या बेरहमी से मारे जाओ।
- वे भाग्यशाली थे कि उनके पास लौटने के लिए एक हिंदू–बहुल भारत था। कल्पना कीजिए, अगर ऐसा सहारा न होता, तो उनका क्या होता?
यह सिर्फ इतिहास नहीं है। यह अतीत से मिली एक चेतावनी है, जिसे भारत फिर से नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता।
⚠️ इतिहास खुद को दोहरा रहा है — इस बार वैश्विक स्तर पर और भारत के भीतर
- भारत का विभाजन केवल एक राजनीतिक दुर्घटना नहीं था। यह एक कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा का परिणाम था, जिसका घोषित लक्ष्य है एक वैश्विक इस्लामी ख़िलाफ़त स्थापित करना, जहाँ शरीयत कानून लागू हो और गैर-मुसलमान या तो धर्मांतरित हों या मिटा दिए जाएँ।
- यही विचारधारा विभाजन के दौरान हिंदुओं और सिखों के नरसंहार का कारण बनी। यही विचारधारा अब न सिर्फ भारत बल्कि यूरोप, अफ्रीका और एशिया को भी डस रही है।
आज की सच्चाई देखें:
- यूरोप में — जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन और ब्रिटेन जैसे देश बेकाबू जनसंख्या परिवर्तन, शरिया-प्रभावित इलाकों और बढ़ती हिंसा से जूझ रहे हैं।
- भारत में — जिहाद ने नए-नए भेष धारण कर लिए हैं:
> लव जिहाद — हिंदू बेटियों को जाल में फँसाकर धर्मांतरण।
> लैंड जिहाद — हिंदू-बहुल इलाकों में ज़मीन कब्ज़ा करके जनसंख्या बदलना।
> बिज़नेस जिहाद — आर्थिक दबाव और स्थानीय बाज़ारों पर कब्ज़ा।
> एजुकेशन जिहाद — इतिहास विकृत करना और हिंदू युवाओं का मनोबल तोड़ना।
- केरल, पश्चिम बंगाल, असम और कई मुस्लिम-बहुल जिलों में हिंदू धीरे-धीरे पलायन को मजबूर हो रहे हैं। यह काश्मीरी पंडितों की त्रासदी की पुनरावृत्ति है।
🚨 आज का खतरा: भीतर के गद्दार बाहर के दुश्मनों से ज़्यादा खतरनाक
आज भारत का सबसे बड़ा दुश्मन बाहरी नहीं, बल्कि भीतर छिपा हुआ है।
एक खतरनाक भारत–विरोधी और हिंदू–विरोधी तंत्र सक्रिय है:
- विपक्षी पार्टियाँ जो मुस्लिम वोट-बैंक के लिए देश बेचने को तैयार हैं।
- लेफ्ट-लिबरल बुद्धिजीवी जो सनातन धर्म का मज़ाक उड़ाते हैं लेकिन जिहादियों को महिमामंडित करते हैं।
- छद्म मानवाधिकारवादी जो आतंकवादियों के लिए रोते हैं लेकिन हिंदू पीड़ितों के लिए चुप रहते हैं।
- विदेशी फंडिंग वाले NGO जो सरकार की नीतियों को बिगाड़ते हैं।
- कट्टर मौलवी, घुसपैठिए और जिहादी समर्थक जिन्हें राजनीतिक दल और न्यायपालिका बचाती है।
इनका मिशन साफ है: हिंदू बहुसंख्या को कमजोर करना और धीरे–धीरे भारत को इस्लामी प्रभाव में धकेलना।
🛑 अमीर और सम्पन्न हिंदुओं के लिए जागरण संदेश
भारत के धनवान, उद्योगपति, बड़े कारोबारी, पेशेवर और उच्च वर्ग — एक कठोर सच्चाई समझ लीजिए:
- आपका धन, महल और गाड़ियाँ उस दिन कचरे से ज़्यादा नहीं होंगी जब भारत अराजकता में डूब जाएगा।
- आप सोचते हैं राजनीति ग़रीबों का खेल है। लेकिन याद रखिए, सबसे पहले आपका कारोबार लूटा जाएगा, आपकी संपत्ति जब्त होगी और आपके बच्चों को धर्मांतरण या पलायन का सामना करना पड़ेगा।
- इतिहास गवाह है कि 1947 में भी सबसे ज्यादा झटका अभिजात्य वर्ग को ही लगा।
🔥 तुरंत उठाए जाने वाले कदम
- सनातनी एकजुटता — जाति, भाषा और क्षेत्रीय भेद भूलकर एक झंडे तले खड़े हों।
- धर्म और राष्ट्र में निवेश — गुरुकुल, राष्ट्रवादी मीडिया, जन-जागरण और कानूनी सहायता में सहयोग करें।
- मजबूत नेतृत्व का समर्थन — मोदी सरकार ने राम मंदिर, धारा 370 का हटना, CAA, सर्जिकल और एयर स्ट्राइक जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए। ऐसे नेतृत्व को 2029 और आगे भी पूर्ण बहुमत देना होगा।
- कथानक (Narrative) पर नियंत्रण — सोशल मीडिया, फ़िल्म, साहित्य और मंचों के ज़रिए असली ख़तरे उजागर करें।
- आध्यात्मिक और शारीरिक तैयारी — हर हिंदू को शास्त्र (ज्ञान) और शस्त्र (शक्ति) दोनों से लैस होना होगा। संत, अखाड़े और हिंदू संगठन एकजुट हों और अपने आपको अपने बचाव और मजबूत प्रतिकार के लाइट तैयार करेँ।
🕉️ हर हिंदू से अंतिम प्रश्न
- क्या हम आज आराम की नींद सोकर कल शरणार्थी बनना चाहते हैं?
- क्या हम शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप, गुरु तेग बहादुर और रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान को व्यर्थ जाने देंगे?
- क्या हम अपने ही देश भारत को पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसी स्थिति में बदलने देंगे?
- याद रखो — अगर हम असफल रहे तो हमारी आने वाली पीढ़ियाँ हमें कायर और गद्दार कहेंगी।
- अगर हम उठ खड़े हुए तो वही पीढ़ियाँ हमें भारत और धर्म के रक्षक के रूप में याद करेंगी।
> अब जागने का समय है। कल शायद बहुत देर हो जाएगी।
🇮🇳 जय भारत, वंदे मातरम् 🇮🇳
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