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जैश-ए-मोहम्मद

जैश-ए-मोहम्मद: भारत के खिलाफ पाकिस्तान का प्रॉक्सी वार मशीन

1. प्रस्तावना: भारत पर थोपे गए छद्म युद्ध की सच्चाई

  • कई दशकों से भारत को एक ऐसे युद्ध का सामना करना पड़ रहा है, जिसे पाकिस्तान के सैन्य-खुफिया तंत्र ने जानबूझकर थोप रखा है।
  • इस प्रॉक्सी वार का सबसे घातक हथियार है जैश-ए-मोहम्मद (JeM) — पाकिस्तान द्वारा बनाया, पोषित और चलाया जाने वाला आतंकवादी संगठन।
  • यह केवल एक आतंकी संगठन नहीं, बल्कि पाकिस्तान की विदेश नीति का हथियार है।
  • इसकी गतिविधियाँ भारत को राजनीतिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक रूप से कमजोर करने के लिए डिजाइन की गई हैं।
  • इसका उद्देश्य “हजार घाव देकर भारत को bleeding करने” की पाकिस्तान की पुरानी रणनीति को लागू करना है।
  • भारत बार-बार यह साबित कर चुका है कि वह आतंकवाद के सामने घुटने नहीं टेकता — लेकिन यह छद्म युद्ध आज भी जारी है।

2. 10 नवंबर दिल्ली धमाका — एक सामान्य शाम जो डरावने दुःस्वप्न में बदली

10 नवंबर की शाम दिल्ली थर्रा उठी। लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास खड़ी एक कार अचानक धमाके से उड़ गई।

कुछ ही मिनटों में दहशत का माहौल बन गया:

  • धमाके में 13 लोगों की मौत
  • 24 लोग गंभीर रूप से घायल
  • छह वाहन और तीन ऑटो जलकर खाक
  • आसपास अफरा-तफरी और चीख-पुकार

एक एंबुलेंस ड्राइवर ने कहा:

  • “शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो गए थे… हमें सड़क से हिस्से-हिस्से उठाने पड़े।”
  • धमाका अधूरी बम असेंबली का संकेत था

जांच में सामने आया:

  • बम अधूरा था
  • टाइमिंग गलत थी
  • विस्फोटक सामग्री सही तरीके से नहीं भरी गई
  • कोई क्रेटर नहीं, कोई श्रेपनेल नहीं — यानी आतंकियों में घबराहट थी

यह स्पष्ट था कि आतंकी नेटवर्क दबाव में था, इसलिए उन्होंने जल्दबाज़ी में धमाका किया।

3. भारतीय एजेंसियों का बड़ा ऑपरेशन — जिसने आतंकियों को तिलमिला दिया

धमाके से पहले भारत की कई एजेंसियों ने दिल्ली-एनसीआर और जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर छापे मारे थे। छापेमारी हुई इन राज्यों में:

  • दिल्ली-एनसीआर
  • कश्मीर
  • उत्तर प्रदेश
  • हरियाणा

छापों में क्या मिला?

  • 3,000 किलो से ज्यादा विस्फोटक
  • डिजिटल डिवाइस, नक्शे, लोकेशन डेटा
  • कई गुप्त ठिकाने
  • फाइनेंस व लॉजिस्टिक्स चैनल
  • सोए हुए मॉड्यूल के संचालक

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार:

  • “पूरे नेटवर्क के खुलने से आतंकी घबरा गए। उनकी योजना खत्म हो रही थी।”

यह दिखाता है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियाँ अब पहले से अधिक सक्रिय और आक्रामक हो चुकी हैं।

4. जैश-ए-मोहम्मद: पाकिस्तान की गहराई में बैठा आतंकी तंत्र

स्थापना और उद्देश्य

  • 2000 में मसूद अजहर द्वारा स्थापना
  • अजहर को IC-814 हाईजैकिंग के बाद मजबूरी में छोड़ा गया
  • पाकिस्तान ने उसे “नायक” की तरह सम्मान दिया
  • संगठन का मुख्यालय बहावलपुर में — ISI की सुरक्षा में

जैश की संरचना

  • उग्रवाद और ब्रेनवॉश यूनिट
  • हथियार और विस्फोटक प्रशिक्षण कैंप
  • सीमा पार आतंकी मॉड्यूल
  • फिदायीन दस्ते
  • हवाला और अवैध चैरिटी नेटवर्क
  • सोशल मीडिया प्रोपेगैंडा
  • पाकिस्तान सेना का प्रत्यक्ष संरक्षण

रणनीतिक लक्ष्य

  • भारत में अस्थिरता पैदा करना — ताकि पाकिस्तान का “प्रॉक्सी वार” जारी रह सके।

🇮🇳 5. भारत पर जैश-ए-मोहम्मद के बड़े हमले (कालक्रम अनुसार)

A. 2001 जम्मू-कश्मीर विधानसभा कार बम धमाका

  • तारीख: 1 अक्टूबर 2001
  • हताहत: 38
  • आत्मघाती हमला जिसने कश्मीर में आतंकवाद की नई लहर शुरू की।

B. 2001 भारतीय संसद पर हमला

  • तारीख: 13 दिसंबर 2001
  • हताहत: 9 सुरक्षा कर्मी + 1 नागरिक
  • पांच आतंकवादी AK-47 और ग्रेनेड लेकर संसद में घुस गए।
  • उनका लक्ष्य था भारत की राजनीतिक नेतृत्व को खत्म करना
  • इसके बाद शुरू हुआ ऑपरेशन पराक्रम — भारत-पाकिस्तान युद्ध जैसी स्थित

C. 2016 पठानकोट एयरबेस हमला

  • तारीख: 2–5 जनवरी 2016
  • महत्वपूर्ण वायुसेना अड्डे पर घुसपैठ
  • 7 भारतीय जवान शहीद, सभी आतंकी मारे गए
  • यह हमला पीएम मोदी की लाहौर यात्रा के कुछ दिन बाद हुआ — पाकिस्तान की दोहरी नीति उजागर हुई।

D. 2016 उरी हमला

  • तारीख: 18 सितंबर 2016
  • 19 भारतीय सैनिक शहीद
  • सुबह-सुबह फौजी कैंप पर हमला
  • इस बार भारत ने “रणनीतिक संयम” नहीं दिखाया — सेना ने पाकिस्तान कब्जे वाले इलाकों में सर्जिकल स्ट्राइककी।

E. 2019 पुलवामा हमला

तारीख: 14 फरवरी 2019

  • 40 CRPF जवान शहीद
  • आत्मघाती हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया
  • भारत ने तुरंत जवाब देते हुए किया बालाकोट एयरस्ट्राइक — जैश का मुख्य प्रशिक्षण कैंप तबाह

🕵️‍♂️ 6. जैश का आतंकी ब्लूप्रिंट — यह नेटवर्क कैसे चलता है

1. भर्ती और कट्टरपंथीकरण

  • युवाओं का ब्रेनवॉश
  • गलत नैरेटिव और उकसावे की रणनीति

2. प्रशिक्षण कैंप

  • पाकिस्तान में खुलेआम संचालित
  • विस्फोटक व हथियार प्रशिक्षण
  • फिदायीन तैयारी

3. सीमा पार घुसपैठ

  • बर्फीले रास्ते
  • नदियाँ
  • सुरंगें
  • ऊँचे पहाड़ी मार्ग

4. भारत में स्लीपर सेल

  • दिल्ली, यूपी, कश्मीर, कर्नाटक, केरल में नेटवर्क
  • पूरी तरह सामान्य जीवन का दिखावा करके छिपे रहना

5. फंडिंग नेटवर्क

  • हवाला
  • नकली NGOs
  • नार्को-टेररिज्म

6. साइकोलॉजिकल वारफेयर

हमले अक्सर चुनाव, त्योहार या कूटनीतिक घटनाओं के दौरान

🇮🇳 7. भारत की नई काउंटर-टेरर रणनीति — जवाब नहीं, जवाबी हमला

नई भारत की सुरक्षा नीति चार स्तंभों पर आधारित है:

1. आक्रामक जवाब

  • सर्जिकल स्ट्राइक
  • बालाकोट एयरस्ट्राइक

2. इंटेलिजेंस-ड्रिवन सुरक्षा तंत्र

  • NIA, RAW, IB की संयुक्त रणनीतिक कार्रवाई

3. त्वरित कार्रवाई

  • स्लीपर सेल्स का सफाया
  • व्यापक छापेमारी

4. वैश्विक कूटनीतिक दबाव

  • FATF
  • अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में पाकिस्तान को घेरना

भारत अब “हमले का इंतजार” नहीं करता — भारत पहले ही खतरे को खत्म करता है।

🔱 8. आगे की चुनौतियाँ — जैश का ढांचा पूरी तरह कैसे तबाह हो

भारत की रणनीति :

  • हाई-टेक निगरानी
  • एंटी-ड्रोन सिस्टम
  • सीमा पर इलेक्ट्रॉनिक फेंसिंग
  • फंडिंग ट्रैकिंग
  • सोशल मीडिया मॉनिटरिंग
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निरंतर दबाव

तभी जैश-ए-मोहम्मद जैसी मशीनरी हमेशा के लिए खत्म होगी।

🇮🇳 जैश की हर साजिश असफल होगी, भारत हमेशा विजयी होगा

जैश-ए-मोहम्मद की हर हिंसा, हर धमाका, हर कोशिश यही साबित करती है कि:

  • भारत को रोका नहीं जा सकता।
  • अब भारत डरता नहीं, लड़ता है।
  • यह नया भारत है — हमला सहता नहीं, जवाब देता है।
  • अंत में जीत भारत की ही होगी —
  • क्योंकि भारत की ताकत आतंक से नहीं,
  • बल्कि 140 करोड़ देशभक्त नागरिकों से आती है।

🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳

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