जनसंख्या जिहाद और लोकतंत्र के दुरुपयोग से कैसे एक समृद्ध राष्ट्र घुटनों पर आता है — सबसे बड़ी मिसाल: यूनाइटेड किंगडम (UK)
🇬🇧 ब्रिटेन — जिसने कभी आधी दुनिया पर राज किया था, आज अपनी ही गलती से कट्टरपंथ के आगे झुक रहा है:
- 6.6 करोड़ की जनसंख्या में सिर्फ 40 लाख मुस्लिम,
- लेकिन 9 मुस्लिम मेयर, 3000 मस्जिदें, 150 शरिया कोर्ट, और 50 शरिया काउंसिल,
- 78% मुस्लिम महिलाएं और 63% पुरुष बेरोजगार, फिर भी सरकारी योजनाओं से जीवन यापन,
- मुस्लिम समुदाय ने जानबूझकर 6-7 बच्चों की जननी नीति अपनाई है ताकि सांख्यिकीय दबाव और वोट बैंक खड़ा किया जा सके,
- ब्रिटेन जैसे देश को भी अपने स्कूलों में हलाल मांस लागू करना पड़ा।
❗ अब सवाल यह नहीं कि ऐसा क्यों हुआ — सवाल यह है कि क्या भारत भी उसी रास्ते पर जा रहा है?
⚠️ भारत की स्थिति भी आज उसी ढलान पर है — लेकिन कहीं अधिक खतरनाक रूप में:
📌 कांग्रेस की साजिश — भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना:
- 2011–13 के बीच Communal Violence Bill बार-बार संसद में लाया गया — जिसका उद्देश्य था हिंदू बहुल समाज को अपराधी घोषित करना और अल्पसंख्यकों को कानूनी ढाल देना,
- भाजपा और राष्ट्रवादी नेताओं के विरोध के चलते यह कानून पास नहीं हो सका, वरना आज हिंदू समाज गुलाम बन चुका होता,
- इसी दौर में प्रियंका वाड्रा के बेटे का नाम “रेहान” (इस्लामिक नाम) रखा गया — ताकि भविष्य में कांग्रेस मुसलमानों को अपना “अपना नेता” दिखाकर देश में वोट-आधारित इस्लामी सत्ता स्थापित कर सके।
📌 सच्चर कमिटी रिपोर्ट (2006):
- कांग्रेस सरकार ने मुस्लिम समुदाय को “पिछड़ा” बताकर हर स्तर पर विशेष सुविधाएं, योजनाएं, छात्रवृत्ति, सरकारी नौकरियों में आरक्षण, योजनाएं और योजनाबद्ध सहायता देना शुरू किया,
- लेकिन वही सरकार कभी हिंदुओं के लिए कोई विशेष आर्थिक या धार्मिक संरक्षण की बात नहीं करती।
- सच ये है कि सच्चर रिपोर्ट एक वैचारिक आधारशिला थी भारत को ‘सेक्युलर’ के नाम पर ‘इस्लामिक’ राष्ट्र बनाने की।
💣 जनसंख्या जिहाद — इस्लामीकरण का सबसे कारगर अस्त्र
- आज भारत के कई राज्य जैसे कि बंगाल, असम, केरल, कर्नाटक और यूपी के कुछ जिलों मेंमुस्लिम जनसंख्या 35–40% तक पहुंच चुकी है,
- कई जिलों में हिंदू अल्पसंख्यक बन चुके हैं — और वहां उनका त्योहार, मंदिर और बेटियाँ भी सुरक्षित नहीं हैं,
- ये समुदाय संगठित होकर एक इलाक़े पर क़ब्ज़ा करता है, जनसंख्या बढ़ाता है, फिर राजनीति में अपना प्रतिनिधि बनाता है और धार्मिक तुष्टीकरण के ज़रिए दबाव बनाता है।
🧠 ब्रिटिशों ने भी हिंदुओं को मानसिक गुलाम बनाया:
- गुरुकुल और वेदपाठशालाओं को नष्ट किया गया और उसके स्थान पर मैकाले की “गुलामी शिक्षा” लाई गई,
- सनातन संस्कृति की जगह पश्चिमी उपभोक्तावादी और आत्मकेंद्रित जीवनशैली को बढ़ावा दिया गया,
- बाद में कांग्रेस सरकारों ने सेक्युलरिज़्म के नाम पर मुगलों को महिमामंडित किया और शिवाजी, महाराणा प्रताप, पेशवा, जैसे नायकों को पाठ्यपुस्तकों से मिटा दिया।
📌 परिणाम:
- सेक्युलर युवा आज केवल अपने करियर, जॉब और छोटी सी फैमिली तक सीमित हो चुका है,
- उसके पास ना धर्म का ज्ञान है, ना राष्ट्र का बोध,
- वो इस्लामिक जेहाद, जनसंख्या विस्फोट, लव जिहाद, लैंड जिहाद जैसे गंभीर ख़तरों को पहचानने में असमर्थ है।
🚨 यदि 2014 में मोदी सरकार न आई होती — तो आज भारत शरीयत कानून के अधीन होता
- हमें यह स्वीकारना चाहिए कि 2014 में मोदी सरकार का आना देश की सांस्कृतिक और धार्मिक रक्षा के लिए सौभाग्य सिद्ध हुआ है।
- लेकिन अकेले सरकार कुछ नहीं कर सकती — हिंदुओं को भी संगठित होना होगा।
✅ अब क्या करना चाहिए?
- जनसंख्या नियंत्रण कानून लाया जाए — दो बच्चों की नीति अनिवार्य हो,
- CAA और NRC को पूरे देश में लागू किया जाए — ताकि घुसपैठियों और जेहादियों की पहचान हो सके,
- शिक्षा प्रणाली में गुरुकुल, वेद, गीता और भारतीय इतिहास को फिर से स्थान दिया जाए,
- हिंदू अपने धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक नेटवर्क को मजबूत करें — Buy Hindu Only अभियान को आगे बढ़ाएं,
- Haj सब्सिडी बंद हो, मदरसे को सरकारी अनुदान न मिले, और समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो।
🕉 अगर हिंदू अब नहीं जागा, तो अगली पीढ़ी अपना अस्तित्व खो देगी जो आज UK में हुआ, वही यहां होगा
🙏 अब आवाज उठाइए, संगठित होइए और सरकार से कठोर कदमों की माँग करिए।
🚩 जय श्री राम • जय सनातन धर्म • जय भारत
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