स्वास्थ्य सेवा प्रत्येक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है, लेकिन दवाइयों की बढ़ती कीमतों के कारण आम जनता के लिए यह सेवा दिन-ब-दिन महंगी होती जा रही है। इस समस्या का एक प्रभावी समाधान जेनरिक दवाइयाँ हैं, जो कम लागत में गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करती हैं।
हालांकि, बड़ी फार्मा कंपनियों और उनके आर्थिक हितों के कारण जेनरिक दवाओं को लेकर कई गलतफहमियाँ फैलाई जाती हैं, जिससे आम जनता तक इनका लाभ सही ढंग से नहीं पहुँच पाता।
जेनरिक दवाइयाँ क्या हैं?
जेनरिक दवाइयाँ वे दवाइयाँ होती हैं जिनमें वही सक्रिय तत्व (Active Ingredient) होते हैं, जो उनके ब्रांडेड समकक्षों में पाए जाते हैं। ये दवाइयाँ उसी प्रकार कार्य करती हैं और वही चिकित्सीय लाभ प्रदान करती हैं।
जब किसी ब्रांडेड दवा का पेटेंट समाप्त हो जाता है, तब अन्य कंपनियाँ उसी फॉर्मूले पर आधारित जेनरिक दवा का उत्पादन और बिक्री कर सकती हैं
जेनरिक दवाओं को लेकर आम गलतफहमियाँ
जेनरिक दवाओं के बारे में कई भ्रांतियाँ प्रचलित हैं:
❌ मिथक: जेनरिक दवाइयाँ कम प्रभावी होती हैं।
✅ सत्य: जेनरिक दवाइयाँ नियामक एजेंसियों द्वारा अनुमोदित होने पर उतनी ही प्रभावी होती हैं जितनी कि ब्रांडेड दवाइयाँ।
❌ मिथक: जेनरिक दवाओं का निर्माण घटिया स्तर पर होता है।
✅ सत्य: विश्वसनीय जेनरिक दवा निर्माता गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (GMP) का पालन करते हैं, जिससे गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।
❌ मिथक: डॉक्टर जेनरिक दवाइयाँ लिखने से बचते हैं।
✅ सत्य: कई डॉक्टर जेनरिक दवाइयों को उनके कम खर्च और प्रभावशीलता के कारण अनुशंसा करते हैं।
बड़ी फार्मा कंपनियों और स्वास्थ्य प्रणाली पर उनका प्रभाव
दवा उद्योग में बड़ी फार्मा कंपनियों का एक ऐसा आर्थिक तंत्र (nexus) सक्रिय है, जो:
❗ महंगी ब्रांडेड दवाओं को बढ़ावा देता है:
- कई बड़ी फार्मा कंपनियाँ डॉक्टरों को आर्थिक लाभ, प्रोत्साहन, उपहार, विदेश यात्राएँ और अन्य सुविधाएँ प्रदान कर उन्हें अपनी महंगी ब्रांडेड दवाओं को लिखने के लिए प्रेरित करती हैं।
- इसी प्रकार, केमिस्ट और दवा विक्रेताओं को भी अधिक मुनाफे का लालच देकर ब्रांडेड दवाएँ बेचने के लिए प्रेरित किया जाता है।
❗ जेनरिक दवाओं के खिलाफ दुष्प्रचार करता है:
- यह तंत्र जेनरिक दवाओं को लेकर भ्रामक प्रचार करता है, जैसे कि वे नकली, असुरक्षित या कम प्रभावी होती हैं।
- इस प्रकार की गलत जानकारी के कारण आम जनता महंगी ब्रांडेड दवाइयों को ही बेहतर विकल्प मानती है।
जेनरिक दवाइयाँ: सस्ती और प्रभावी समाधान
✅ 30-50% कम कीमत में उपलब्ध:
जेनरिक दवाइयाँ आमतौर पर ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में 30-50% तक सस्ती होती हैं।
✅ समान गुणवत्ता और प्रभावशीलता:
जेनरिक दवाइयाँ नियामक एजेंसियों द्वारा प्रमाणित होती हैं और उन्हीं मानकों का पालन करती हैं जो ब्रांडेड दवाओं के लिए आवश्यक होते हैं।
✅ विस्तृत उपलब्धता:
भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे जन औषधि केंद्र जैसी योजनाओं के माध्यम से सस्ती जेनरिक दवाइयाँ आम जनता के लिए सुलभ कराई जा रही हैं।
महंगी दवाओं से कैसे बचा जाए?
1️⃣ डॉक्टर से पूछें: जब भी कोई दवा लिखी जाए, डॉक्टर से उसके जेनरिक विकल्प के बारे में जानकारी लें।
2️⃣ जन औषधि केंद्र जाएँ: ये केंद्र प्रमाणित, सुरक्षित और किफायती जेनरिक दवाएँ उपलब्ध कराते हैं।
3️⃣ सूचित रहें: जेनरिक दवाइयों के प्रति गलतफहमियों पर भरोसा करने के बजाय उनके वैज्ञानिक प्रमाण और नियामक मानकों को समझें।
4️⃣ दवा खरीदते समय विकल्प माँगें: यदि केमिस्ट महंगी ब्रांडेड दवा देने का प्रयास करें, तो उनसे जेनरिक विकल्प माँगें।
बड़ी फार्मा कंपनियों और कुछ स्वार्थी तत्वों के दुष्प्रचार के कारण जेनरिक दवाइयाँ अक्सर जनता की पहुँच से दूर कर दी जाती हैं। इन सस्ती और प्रभावी दवाइयों के प्रति जागरूकता बढ़ाकर हम स्वास्थ्य सेवा को अधिक किफायती बना सकते हैं।
आइए, जेनरिक दवाइयों के बारे में जागरूकता फैलाएँ और महंगी स्वास्थ्य सेवाओं के बोझ को कम करें।
सस्ती, सुरक्षित और प्रभावी दवाइयाँ – स्वास्थ्य सेवा को सभी के लिए सुलभ बनाएं!
🇳🇪 जय भारत, वन्देमातरम🇳🇪