आज भारत एक वैचारिक युद्ध का सामना कर रहा है, जहाँ मुख्यधारा की मीडिया, विदेशी फंडेड एनजीओ और कुछ राजनीतिक गुट लगातार सनातन धर्म, हिंदू संस्कृति और भारत के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ झूठा प्रचार कर रहे हैं। ये तत्व भारत के इतिहास को तोड़–मरोड़कर पेश कर रहे हैं, हिंदू पहचान को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं और राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
हालांकि कुछ बड़े राष्ट्रवादी उद्योगपति, जैसे अडानी और अंबानी, कुछ मीडिया हाउस खरीद चुके हैं, लेकिन सिर्फ विरोधी मीडिया को खरीदना ही समाधान नहीं है। इसके बजाय, एक शक्तिशाली, स्वतंत्र राष्ट्रवादी मीडिया पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम) तैयार करना सबसे महत्वपूर्ण कदम होगा।
1. राष्ट्रवादी मीडिया नेटवर्क बनाना और मजबूत करना
हमें मुख्यधारा की पक्षपाती मीडिया पर निर्भर रहने के बजाय स्वतंत्र, भारत–समर्थक, सनातन समर्थक मीडिया संस्थानों में निवेश करना होगा।
- राष्ट्रवादी डिजिटल प्लेटफॉर्म को आर्थिक और तकनीकी रूप से मजबूत करें, ताकि वे झूठे नैरेटिव के खिलाफ सशक्त रूप से खड़े हो सकें।
- यूट्यूब चैनल, न्यूज़ पोर्टल, पॉडकास्ट और ओटीटी प्लेटफॉर्म तैयार किए जाएं, जहाँ सत्य पर आधारित खबरें दिखाई जाएं।
- राष्ट्रवादी पत्रकारों, शोधकर्ताओं और बुद्धिजीवियों को समर्थन दें, ताकि वे हिंदू विरोधी और राष्ट्रविरोधी प्रचार का पर्दाफाश कर सकें।
उदाहरण:
- “OpIndia”, “Swarajya” और “The Jaipur Dialogues” जैसे प्लेटफॉर्म पहले से ही राष्ट्रवादी पत्रकारिता कर रहे हैं।
- इसी तरह के अन्य बड़े मीडिया नेटवर्क की स्थापना आवश्यक है।
2. सोशल मीडिया और डिजिटल प्रभाव का पूरा उपयोग करें
आज सोशल मीडिया की पहुंच टीवी और अखबारों से कहीं ज्यादा है। इसके माध्यम से हम प्रभावी ढंग से झूठे प्रचार का मुकाबला कर सकते हैं:
- राष्ट्रवादी कंटेंट क्रिएटर्स को समर्थन देकर ट्विटर (X), यूट्यूब, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम पर प्रचार किया जाए।
- राष्ट्रवादी विचारधारा को प्रसारित करने वाले इंफ्लूएंसर और एक्टिविस्ट तैयार किए जाएं।
- AI-आधारित फैक्ट–चेकिंग प्लेटफॉर्म विकसित किए जाएं, जो झूठी खबरों का तुरंत पर्दाफाश करें।
उदाहरण:
- राजनीतिक दलों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली IT सेल मॉडल का उपयोग राष्ट्रवादी मीडिया नेटवर्क के लिए किया जा सकता है।
- सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से झूठे इतिहास और हिंदू–विरोधी प्रोपेगेंडा का पर्दाफाश किया जाए।
3. हिंदू संस्कृति और इतिहास पर शोध संस्थानों की स्थापना
मार्क्सवादी इतिहासकारों और विदेशी ताकतों द्वारा इतिहास को विकृत करने के कारण हिंदुओं को वास्तविक इतिहास से वंचित किया गया है। इसे ठीक करने के लिए:
- स्वतंत्र शोध संस्थान बनाएं, जो वास्तविक भारतीय इतिहास को प्रकाशित करें।
- स्कूलों और विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में सही भारतीय इतिहास शामिल करें।
- युवा हिंदुओं को इतिहास, राजनीति और समाजशास्त्र में प्रशिक्षित करें, ताकि वे झूठे प्रचार का मुकाबला कर सकें।
उदाहरण:
- IISH (Indian Institute of Scientific Heritage) और संस्कृत फाउंडेशन जैसे संस्थान पहले से इस दिशा में कार्य कर रहे हैं।
- और अधिक ऐसे शैक्षिक संस्थानों की स्थापना आवश्यक है।
4. राष्ट्रवादी सिनेमा और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को मजबूत करना
बॉलीवुड ने वर्षों से हिंदू–विरोधी और राष्ट्रविरोधी नैरेटिव को फैलाने का काम किया है। इसके बजाय:
- राष्ट्रवादी और हिंदू संस्कृति पर आधारित फिल्मों और वेब सीरीज में निवेश करें।
- ऐसे फिल्म निर्माताओं और कलाकारों को समर्थन दें, जो भारतीय संस्कृति और इतिहास को सही तरीके से प्रस्तुत करें।
- हिंदू विरोधी कंटेंट का बहिष्कार करें और सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने वाली फिल्मों को प्राथमिकता दें।
उदाहरण:
- “The Kashmir Files” और “Tanhaji” जैसी फिल्मों ने छुपे हुए सत्य को उजागर किया।
- इसी तरह की अन्य ऐतिहासिक और सांस्कृतिक फिल्में बनाई जानी चाहिए।
5. राष्ट्रवादी उद्योगपतियों को हिंदू मीडिया में निवेश करने के लिए प्रेरित करें
सिर्फ हिंदू-विरोधी मीडिया को खरीदने के बजाय, उद्योगपतियों को चाहिए कि वे:
- बड़े राष्ट्रवादी न्यूज़ चैनल, अखबार और ओटीटी प्लेटफॉर्म को फंड करें।
- स्वतंत्र राष्ट्रवादी न्यूज़ नेटवर्क तैयार करें, जो भारत के हर घर तक पहुंचे।
- राष्ट्रवादी मीडिया आउटलेट्स के साथ मिलकर कार्य करें, ताकि उनकी पहुँच व्यापक हो।
उदाहरण:
- ज़ी न्यूज़ से अलग होने के बाद सुधीर चौधरी ने नया राष्ट्रवादी मीडिया चैनल शुरू किया।
- अगर बड़े उद्योगपति राष्ट्रवादी मीडिया को आर्थिक मदद दें, तो नैरेटिव बदला जा सकता है।
6. हिंदू एकता को मजबूत कर सामूहिक कार्रवाई करें
विभाजित हिंदू समाज को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। इसे रोकने के लिए:
- विभिन्न हिंदू संगठनों को एक राष्ट्रीय मंच पर जोड़ें।
- स्थानीय हिंदू समुदायों को सशक्त करें, ताकि वे जमीनी स्तर पर झूठे प्रचार का मुकाबला कर सकें।
- धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से हिंदू समाज को जागरूक करें।
उदाहरण:
- “Save Temples Campaign” और “घर वापसी अभियान“ जैसे प्रयासों से हिंदू समाज को संगठित किया जा सकता है।
7. राष्ट्रविरोधी मीडिया पर कानूनी और सरकारी कार्रवाई हो
सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए:
- विदेशी फंडिंग वाले न्यूज़ चैनलों और एनजीओ की जांच की जाए।
- राष्ट्रविरोधी नैरेटिव फैलाने वाली मीडिया संस्थाओं को प्रतिबंधित किया जाए।
- झूठी खबरें फैलाने वाले पत्रकारों और संस्थानों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
उदाहरण:
- झूठी खबरों और राष्ट्रविरोधी पत्रकारिता पर कानूनी शिकंजा कसकर इसे रोका जा सकता है।
- विदेशी हस्तक्षेप करने वाले मीडिया हाउसों को प्रतिबंधित करना आवश्यक है।
एक बहुआयामी रणनीति की आवश्यकता
केवल हिंदू-विरोधी मीडिया को खरीदना पर्याप्त नहीं होगा। हमें एक नया राष्ट्रवादी मीडिया नेटवर्क बनाना होगा, सोशल मीडिया का उपयोग करना होगा, हिंदू शोध संस्थानों को मजबूत करना होगा, राष्ट्रवादी सिनेमा को बढ़ावा देना होगा और कानूनी रूप से झूठे नैरेटिव को रोकना होगा।
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