यह कथा “करपात्री जी का श्राप, इंदिरा का पतन और सनातन धर्म का आह्वान” भारतीय राजनीति और अध्यात्म के गहरे संबंधों को उजागर करती है। इसमें करपात्री जी महाराज द्वारा दिए गए श्राप, इंदिरा गांधी के राजनीतिक उत्थान-पतन और अंततः सनातन धर्म के संदेश व आह्वान का वर्णन है। यह प्रसंग हमें याद दिलाता है कि सत्ता क्षणिक है, परंतु धर्म और सत्य शाश्वत हैं।
1️⃣ इंदिरा का वादा और विश्वासघात
भारत के इतिहास में एक प्रसंग दर्ज है जिसे जानकर हर सनातनी का हृदय द्रवित हो उठता है।
- इंदिरा गांधी, प्रधानमंत्री बनने से पहले करपात्री जी महाराज के चरणों में आशीर्वाद लेने पहुँचीं।
- करपात्री जी ने उनसे एक ही शर्त रखी — “प्रधानमंत्री बनने पर सबसे पहले गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने का कानून बनाना होगा।”
- इंदिरा ने झूठा वादा किया कि पीएम बनने पर उनका पहला काम यही होगा।
- लेकिन सत्ता पाकर उन्होंने बहाने बनाने शुरू किए — कभी कहा “अभी तो मैं नई हूँ,” कभी कहा “अभी समय दीजिए।”
यह वही कांग्रेस का चरित्र था — सत्ता पाने के लिए वादे करो, फिर हिन्दू समाज से विश्वासघात करो।
2️⃣ गोरक्षा का महाआंदोलन (7 नवम्बर 1966, गोपाष्टमी)
करपात्री जी महाराज ने जब देखा कि इंदिरा गांधी अपना वादा निभाने से पीछे हट रही हैं, तो उन्होंने संपूर्ण संत समाज और हिन्दू जनता को संगठित किया।
- 7 नवम्बर 1966 — कार्तिक शुक्ल अष्टमी, गोपाष्टमी के दिन, लाखों साधु–संत, शंकराचार्य, पीठाधिपति, नागा साधु, महिलाएं और आमजन दिल्ली की सड़कों पर उमड़ पड़े।
- गायों को आगे करके लालकिला मैदान से संसद भवन तक जुलूस निकला।
- रास्ते में लोग फूल बरसा रहे थे। हर गली, हर छत से गोरक्षा के लिए जनता का समर्थन उमड़ रहा था।
- कम से कम 10 लाख की भीड़ इस आंदोलन में शामिल हुई।
यह हिन्दू समाज का सबसे बड़ा ऐतिहासिक संगठित प्रदर्शन था, जहाँ सभी संप्रदायों और सम्प्रदाय प्रमुखों ने अपने अहंकार, पद और छत्र छोड़कर एक साथ कतार में बैठना स्वीकार किया।
3️⃣ सत्ता का अहंकार और निर्दोषों पर गोलियां
- इतनी भारी भीड़ और संत समाज की एकजुटता देखकर इंदिरा गांधी घबरा गईं।
- सत्ता के नशे में चूर होकर उन्होंने आदेश दिया कि आंदोलनकारियों पर गोलियां चलाओ।
- संसद के बाहर निर्दोष साधु–संतों, महिलाओं, युवाओं और गौमाताओं पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई गईं।
- इतिहासकारों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कम से कम 10,000 लोग शहीद हुए।
- ट्रकों में लाशों को भर-भर कर कहीं ठिकाने लगाया गया — आज तक पता नहीं कि उन शहीदों की चिताएं कहाँ जलीं।
यह घटना कांग्रेस के असली चेहरे को सामने लाती है — सत्ता बचाने के लिए हिन्दुओं, संतों और गौमाताओं तक की हत्या कराने में इन्हें कभी संकोच नहीं हुआ।
4️⃣ करपात्री जी का श्राप
लाशों और गायों के शवों के बीच खड़े होकर करपात्री जी महाराज ने इंदिरा को श्राप दिया —
- “तूने माता समान गौमाता और संतों की हत्या करवाई है।
मैं श्राप देता हूँ कि तेरी देह भी गोलियों से छलनी होगी। - तेरे कुल और तेरे दल का नाश करने के लिए मैं हिमालय से एक तपस्वी भेजूँगा।”
5️⃣ श्राप का फलितार्थ
इतिहास साक्षी है कि करपात्री जी का श्राप व्यर्थ नहीं गया।
संजय गांधी मरे — गोपाष्टमी के दिन।
इंदिरा गांधी मरीं — गोपाष्टमी के दिन, गोलियों से छलनी।
राजीव गांधी मरे — गोपाष्टमी के दिन।
👉 यह कोई संयोग नहीं, बल्कि सनातन संत की वाणी का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
6️⃣ हिमालय से उतरा तपस्वी — नरेंद्र मोदी
- करपात्री जी ने कहा था कि हिमालय से एक तपस्वी उतरेगा जो कांग्रेस और उसके खानदान का नाश करेगा।
- नरेंद्र मोदी वही तपस्वी हैं जिन्होंने हिमालय में तपस्या की और आज सनातन धर्म व राष्ट्र की रक्षा का ध्वज उठाया है।
- उनका “कांग्रेस मुक्त भारत” अभियान दरअसल उसी श्राप का फलितार्थ है।
7️⃣ कांग्रेस का असली चेहरा — सनातन विरोध और मुस्लिम तुष्टीकरण
- स्वतंत्रता के बाद से कांग्रेस ने लगातार हिन्दुओं और सनातन धर्म को कमजोर करने का काम किया।
- मुस्लिम तुष्टीकरण को उन्होंने अपनी राजनीति का आधार बनाया — वोट पाने के लिए किसी भी हद तक गए।
- आतंकवादियों पर नरमी, पाकिस्तान परस्ती, और हिन्दुओं के साथ अन्याय — यही कांग्रेस का 70 साल का इतिहास है।
- कांग्रेस का हर कदम भारत को धीरे-धीरे इस्लामीकरण की ओर धकेलने वाला रहा है।
8️⃣ हिन्दुओं और देशभक्तों के लिए चेतावनी
- हमें इस इतिहास से सीख लेनी चाहिए।
- कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता।
- अगर गलती से भी उन्हें सत्ता का अवसर मिला, तो वे भारत को पुनः गरीबी, आतंक और इस्लामीकरण की अंधेरी खाई में धकेल देंगे।
- हिन्दुओं का हाल वही होगा जो पाकिस्तान मैं विभाजन के बाद वहाँ के हिन्दुओं का हुआ था।
9️⃣ हमारा संकल्प — सनातन और राष्ट्र रक्षा
यदि हम चाहते हैं कि भारत आने वाली पीढ़ियों तक हिन्दुओं और सनातन धर्म का सुरक्षित स्वर्ग बना रहे,
👉 तो कांग्रेस और उसके ठगबंधन को राज्यों और केंद्र — दोनों से उखाड़ फेंकना होगा।
- केवल राष्ट्रीयतावादी भाजपा ही भारत को बचा सकती है और वैश्विक महाशक्ति बना सकती है।
- हर देशभक्त हिन्दू को संकल्प लेना होगा कि वह भाजपा का समर्थन करेगा और कांग्रेस को कभी लौटने नहीं देगा।
🔥 जय गौमाता – जय सनातन धर्म – जय भारत 🔥
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