यह संदेश भारतीय सेना के एक कर्नल द्वारा भेजा गया एक भावनात्मक आह्वान है। इसमें वे हमसे आग्रह करते हैं कि कश्मीर में आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार के जरिए शांति स्थापित करने में सहयोग दें। यह केवल एक सैनिक की विनती नहीं, बल्कि भारत माता के सम्मान की रक्षा का आह्वान है।
मूल निवेदन
कश्मीर मत जाइए।
अमरनाथ यात्रा कुछ वर्षों के लिए स्थगित कर दीजिए।
मैं एक सैनिक हूं —
सीमा पर तैनात एक प्रहरी।
मैं आप सबसे एक विनम्र लेकिन अत्यंत गंभीर अनुरोध करना चाहता हूं:
अगर हम सब 3-4 वर्षों के लिए अमरनाथ यात्रा पर जाना बंद कर दें,
तो क्या हम सनातन धर्म से कट जाएंगे?
क्या हमारी आस्था समाप्त हो जाएगी?
बिलकुल नहीं!
लेकिन इन कुछ वर्षों का बहिष्कार —
उन कश्मीरियों की आर्थिक नसों पर सीधा प्रहार करेगा,
जो:
- हमारे बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसआरपीएफ, सेना और पुलिस बलों पर पत्थर फेंकते हैं,
- भारतीय संविधान और तिरंगे का अपमान करते हैं,
- आतंकवादियों के लिए सहानुभूति रखते हैं,
- और भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं।
यह कश्मीरी “हमारे तीर्थ” से कमाते हैं,
लेकिन “हमारी सभ्यता” को समाप्त करने के लिए काम करते हैं!
क्या करना चाहिए?
- अगले दो साल कश्मीर की यात्रा पूरी तरह से बंद कर दें।
- अमरनाथ यात्रा को प्रतीकात्मक रूप से स्थगित कर दें।
(आस्था हृदय में है, स्थल में नहीं।) - कश्मीर से किसी भी प्रकार की खरीदारी बंद करें।
(उनके एम्पोरियम और हस्तशिल्प का बहिष्कार करें।)
पर्यटन के लिए जाएं:
शिमला, मनाली, दार्जिलिंग, सिक्किम, उत्तराखंड, केरल, कन्याकुमारी, ओडिशा, गुजरात, गोवा —
जहाँ भी भारत का सच्चा स्वागत है।
परिणाम क्या होगा?
- कश्मीर की आर्थिक कमर टूट जाएगी।
- यासीन मलिकों और गिलानियों के षड्यंत्रकारी जाल ढह जाएंगे।
- पाकिस्तान और चीन भी उन्हें लंबे समय तक पाल नहीं पाएंगे।
- आतंकवादियों के जनाधार का सफाया हो जाएगा।
सिर्फ दो साल का संकल्प — और पूरा परिदृश्य बदल जाएगा!
यह लड़ाई गोली से नहीं, आर्थिक शक्ति से लड़ी जा सकती है।
देशभक्ति का मतलब केवल सोशल मीडिया पर पोस्ट डालना नहीं है।
अब समय है “सचमुच” राष्ट्र के लिए कुछ त्याग करने का।
आज का छोटा त्याग,
कल की स्थायी विजय बन सकता है।
हमें आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार को अपनी प्राथमिकता बनानी चाहिए।
- जो कुछ भी खरीदें, खरीदारी में सावधानी बरतें।
हर बार जब आप किसी से सामान खरीदते हैं, किसी को सेवा देते हैं या किसी को नौकरी पर रखते हैं, तो हमेशा हिंदू व्यापारियों, आपूर्तिकर्ताओं, कर्मचारियों, घरेलू सहायकों, और सेवा प्रदाताओं को प्राथमिकता दें। - हमेशा हलाल उत्पादों से बचें — क्योंकि आपका पैसा उन तत्वों को बल देता है, जो जिहाद, आतंकवाद, और आपके खिलाफ घृणा फैलाते हैं।
यह आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार शारीरिक हिंसा से कहीं अधिक प्रभावी है।
हमारे समाज को इस सबसे बड़े दुश्मन से निपटने और उसे काबू में रखने का यह सबसे प्रभावी तरीका है।
यह हमारे देश और समुदाय की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
कृपया इस संदेश को आग की तरह फैलाइए।
दिन भर इसे साझा कीजिए।
यह कोई मजाक नहीं, कोई वीडियो नहीं —
बल्कि भारत माता की पुकार है!
जय भारत, वन्देमातरम
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