अरविंद केजरीवाल की हार सिर्फ एक राजनीतिक पराजय नहीं है—यह एक पूरे तंत्र की हार है, जिसमें मीडिया, न्यायपालिका और भ्रष्टाचार से जुड़े लोग शामिल थे।
1️⃣ न्यायपालिका के पक्षपाती रवैये पर तमाचा
केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के कुछ जजों से जो विशेष संरक्षण मिला था, उसकी पोल खुल चुकी है।
🔹 जस्टिस चंद्रचूड़ ने “चुनी हुई सरकार” के बहाने दिल्ली में दो सत्ता केंद्र (Power Centres) बनाने की कोशिश की।
🔹 ED द्वारा गिरफ़्तारी वैध थी या नहीं—इसका फैसला 3 जजों की बेंच पर छोड़ दिया गया, लेकिन 7 महीने तक बेंच नहीं बनाई गई!
🔹 CBI मामले में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइया ने जमानत दे दी, और भुइया ने फैसला दिया कि अभियुक्त को खुद के खिलाफ गवाही देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता—यह छूट किसी और के लिए नहीं दी गई!
🔹 दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सचिन दत्ता ने CAG रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने से रोकने की कोशिश की, लेकिन अंततः वह रिपोर्ट सामने आ ही गई।
2️⃣ “आप” पार्टी की असलियत CAG रिपोर्ट से उजागर
दिल्ली विधानसभा के पहले ही सत्र में स्पीकर रेखा गुप्ता ने CAG रिपोर्ट पेश कर दी, जिससे आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार की कलई खुल गई।
➡ AAP के 21 विधायकों को निलंबित कर दिया गया, क्योंकि वे अपनी ही पोल खुलने से डर गए थे।
➡ आतिशी जो “चुनी हुई सरकार” का नारा लगा रही थी, वही भूल गई कि जब विजेंद्र गुप्ता को मार्शलों ने बाहर फेंका था, तब “चुनी हुई सरकार” का अपमान नहीं हुआ था?
➡ CAG रिपोर्ट ने केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया, लेकिन मुद्दा घुमाने के लिए “बाबा साहब के अपमान” का झूठा नैरेटिव गढ़ दिया गया।
3️⃣ घोटालों से भरी “आप” सरकार की हार
केजरीवाल की हार उन तमाम घोटालेबाजों की भी हार है जो “आप” सरकार के संरक्षण में फल-फूल रहे थे—
✔ मोहल्ला क्लीनिक घोटाले में शामिल ठेकेदारों की हार
✔ पानी के टैंकर घोटाले में लगे भ्रष्टाचारियों की हार
✔ DTC बस घोटाले और प्राइवेट स्कूलों में महंगे किराए पर बसें चलाने वाले दलालों की हार
✔ केजरीवाल सरकार के पत्थर तले जितने घोटाले छिपे थे, सबकी पोल खुल गई।
4️⃣ “भगत सिंह” और “अंबेडकर” के नाम पर ढोंग का पर्दाफाश
➡ दिल्ली के मालवीय नगर में 3 साल से भगत सिंह की टूटी मूर्ति का सुधार नहीं किया गया, लेकिन आज वही लोग भगत सिंह के अपमान पर आंसू बहा रहे हैं!
➡ 26 जनवरी को अमृतसर में अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी गई थी—क्या पंजाब में AAP की सरकार नहीं थी? तब इनकी जुबान क्यों नहीं खुली?
5️⃣ केजरीवाल की हार = मीडिया की हार
📢 मीडिया के उस हिस्से की हार जो 10 साल तक पैसे लेकर केजरीवाल का प्रचार करता रहा।
📢 जो उनके झूठे वादों को बढ़ा–चढ़ाकर दिखाता रहा।
📢 जो केजरीवाल के हर घोटाले पर पर्दा डालने में जुटा रहा।
6️⃣ “इंडिया गठबंधन” और AIMPLB की भविष्यवाणी सही साबित हुई
📌 AIMPLB प्रवक्ता सज्जाद नोमानी ने महाराष्ट्र चुनाव से पहले कहा था कि “अगर महाराष्ट्र हारे, तो दिल्ली भी नहीं जीत सकते“—और यह भविष्यवाणी सही साबित हुई।
📌 इंडिया गठबंधन की हार के बाद अब “आप” का भी सफाया हो गया।
7️⃣ “दिल्ली फाइल्स” बननी चाहिए!
अब वक्त आ गया है कि “दिल्ली फाइल्स” नाम से एक डॉक्यूमेंट्री बनाई जाए, जिसमें बताया जाए कि कैसे—
✅ केजरीवाल ने सत्ता का दुरुपयोग किया
✅ न्यायपालिका के कुछ जजों का संरक्षण मिला
✅ AAP सरकार ने घोटाले किए और जनता को गुमराह किया
✅ “चुनी हुई सरकार” के नाम पर लोकतंत्र को बंधक बनाया गया
अब दिल्ली का राज खत्म हो चुका है—जो खुद को “दिल्ली का राजा” समझते थे, उनकी सत्ता आज मिट्टी में मिल गई!
🇳🇪 जय भारत, वन्देमातरम🇳