केरल का आधार घोटाला
1. दशकों से चलता आ रहा डिजिटल अपराध
- केरल से एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है — राज्य की आबादी से पाँच लाख से अधिक आधार कार्ड ज्यादा पाए गए हैं।
- इसका मतलब है कि करोड़ों की संख्या में फर्जी या “भूतिया” पहचान पत्र सिस्टम में सक्रिय हैं, जो या तो मृतकों के नाम पर हैं या वोट बैंक और घोटालों के लिए बनाए गए।
- यह कोई साधारण गलती नहीं है — यह राष्ट्र सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है और भारत के लोकतंत्र पर सीधा हमला है।
- यह सब कांग्रेस के दशकों पुराने भ्रष्ट शासन की देन है, जिसने शासन को धर्म, राष्ट्र और ईमानदारी से ऊपर “वोट बैंक” और “परिवारवाद” पर आधारित कर दिया।
- आज भी कांग्रेस और ठगबंधन शासित राज्यों में यही फर्जीवाड़ा सत्ता बनाए रखने का जरिया बना हुआ है।
👉 यह लापरवाही नहीं, बल्कि भारत के लोकतंत्र के खिलाफ सोची–समझी साजिश है।
⚖️ 2. कैसे “भूतिया आधार” लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं
आधार पहचान की पारदर्शिता का प्रतीक है, लेकिन जब उसमें घोटाला होता है, तो वही सिस्टम लोकतंत्र को नष्ट करने का हथियार बन जाता है।
- फर्जी आधार कार्ड के ज़रिए वोटर आईडी, बैंक खाते, और सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है।
- बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए इन फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल कर “नागरिक” बन जाते हैं।
- हर फर्जी पहचान का मतलब है — एक सच्चे भारतीय से छिना गया वोट, हक़ और अधिकार।
- इससे चुनाव प्रभावित होते हैं, फर्जी लाभ उठाए जाते हैं और जनता का धन लूटा जाता है।
⚠️ जब पहचान ही झूठी हो जाए, तो लोकतंत्र सिर्फ दिखावा बन जाता है।
🚨 3. वामपंथी और सेक्युलर गैंग की साजिश
- एलडीएफ (LDF) की वामपंथी सरकार, जो पिनराई विजयन के नेतृत्व में है, इस घोटाले के केंद्र में है।
- यह वही पैटर्न है जो दशकों तक कांग्रेस शासन में पूरे भारत में चला — जहाँ फर्जी वोटर, भूतिया राशन कार्ड, और घुसपैठिए वोट बैंक राजनीति का हिस्सा बने रहे।
- कांग्रेस और वामपंथी दलों ने हमेशा राष्ट्रहित से ऊपर वोट बैंक की राजनीति को रखा।
- विदेशी फंड से चलने वाले एनजीओ और एंटी–हिंदू मीडिया संस्थानों के सहारे वे भारत की राष्ट्रवादी उन्नति को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
💣 यह सिर्फ राजनीतिक भ्रष्टाचार नहीं — यह विचारधारात्मक युद्ध है।
📰 4. प्रोपेगेंडा मशीन: झूठ को सच बनाना
- इस पूरे नेटवर्क की सबसे बड़ी ताकत है उनका “मीडिया गैंग” — बिकाऊ पत्रकार और यूट्यूबर जो झूठ को प्रचारित करने का काम करते हैं।
- ध्रुव राठी, रवीश कुमार, बर्खा दत्त, राजदीप सरदेसाई, अभिसार शर्मा, अर्फा खानम शेरवानी, नेहा सिंह राठौर जैसे चेहरे इस गैंग के प्रचारक हैं।
- ये लोग आधे सच और संपादित स्क्रीनशॉट्स दिखाकर जनता को भ्रमित करते हैं।
- इनका मकसद सिर्फ एक है — मोदी जी और भाजपा को बदनाम करना, जबकि कांग्रेस और वामपंथी भ्रष्टाचार को छिपाना।
- ये झूठ को “स्मार्ट नैरेटिव” में बदलकर लोगों के दिमाग़ में भ्रम पैदा करते हैं।
🎭 यह पत्रकारिता नहीं — भारत विरोधी विचारधारा का डिजिटल हथियार है।
🛡️ 5. SIR प्रक्रिया: मोदी सरकार का निर्णायक वार
दशकों से चली आ रही पहचान धोखाधड़ी के खिलाफ मोदी सरकार ने SIR (Secure Identity Review) प्रक्रिया शुरू की है — जो भारत की पहचान प्रणाली को स्वच्छ और सुरक्षित करने का सबसे बड़ा अभियान है।
SIR के मुख्य उद्देश्य हैं:
✅ सभी फर्जी और डुप्लिकेट आधार और वोटर कार्ड की पहचान कर उन्हें हटाना।
✅ सभी नागरिकों की नागरिकता की स्थिति का सत्यापन करना।
✅ घुसपैठियों को पहचानकर देश से निष्कासित करना।
✅ डेटा सुरक्षा और डिजिटल जवाबदेही को मजबूत करना।
👉 यह सिर्फ प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की शुद्धि का अभियान है।
😨 6. विपक्ष की बेचैनी और वोट बैंक का संकट
- जैसे-जैसे SIR प्रक्रिया देशभर में आगे बढ़ रही है, कांग्रेस और ठगबंधन के नेताओं की नींद उड़ चुकी है।
- उन्हें समझ आ गया है कि उनका फर्जी वोट बैंक और अवैध समर्थन तंत्र अब खत्म होने वाला है।
- “लोकतंत्र पर हमला” जैसी बातें अब उनका डर और हताशा छिपाने का तरीका बन गई हैं।
- वे अवैध प्रवासियों और नकली वोटरों के सहारे सत्ता में लौटना चाहते हैं — चाहे इसके लिए देश की संप्रभुता और सुरक्षा ही क्यों न खतरे में पड़ जाए।
- कई ठगबंधन शासित राज्य SIR प्रक्रिया को जानबूझकर रोक रहे हैं, ताकि उनकी फर्जी व्यवस्था बनी रहे।
⚠️ इनके लिए भारत की सुरक्षा से ज़्यादा जरूरी है फर्जी वोट।
🔐 7. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
- फर्जी आधार कार्ड का उपयोग आतंकी फंडिंग, जमीन कब्जा और घुसपैठ जैसे अपराधों में किया जा रहा है।
- कुछ कार्ड विदेशी नागरिकों के पास पाए गए हैं जो भारत–विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं।
- SIR प्रक्रिया का विरोध करने वाले दल वास्तव में इन्हीं नेटवर्क्स को बचाने का काम कर रहे हैं।
🛑 हर फर्जी पहचान का अंत, भारत की सुरक्षा की ओर एक कदम है।
🕉️ 8. अब धर्मरक्षक देशभक्तों का कर्तव्य
यह संघर्ष सिर्फ राजनीतिक नहीं — धार्मिक और सभ्यतागत युद्ध है।
आज के पांडव हैं — राष्ट्रभक्त, सनातनी, और सच्चे भारतीय जो धर्म और सत्य की रक्षा कर रहे हैं।
कौरव हैं — वो भ्रष्ट, विदेशी विचारधारा वाले, हिंदू-विरोधी समूह जो सत्ता के लिए देश बेचने को तैयार हैं।
मोदी जी आज के आधुनिक कृष्ण हैं — जो राष्ट्र को धर्म, साहस और सत्य के मार्ग पर आगे बढ़ा रहे हैं।
अब हर सनातनी को उठना होगा — जाति, क्षेत्र और भाषा से ऊपर उठकर राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए।
⚔️ यह आधुनिक महाभारत है — और धर्म की विजय निश्चित है। इसके लिए हम सबको मोदीजी का पूरी तरह राजनीतिक और सामाजिक समर्थन करना होगा।
🚩 9. हर देशभक्त का राष्ट्रीय कर्तव्य
- केंद्र और राज्यों में भाजपा/एनडीए सरकारों का समर्थन करें ताकि स्थिरता और प्रगति बनी रहे।
- SIR प्रक्रिया के साथ खड़े रहें — भारत की पहचान की शुद्धि के इस अभियान को सफल बनाएं।
- फेक न्यूज और डिजिटल धोखाधड़ी के खिलाफ जागरूकता फैलाएं।
- राष्ट्रवादी और सच्ची पत्रकारिता को बढ़ावा दें।
- जो भी व्यक्ति या संस्था भारत को अस्थिर करने की कोशिश करे, उसे सामाजिक रूप से उजागर करें।
🇮🇳 हर देशभक्त की आवाज़, इस युद्ध में एक हथियार है।
🌅 10. भारत का अंतिम जागरण
- केरल का आधार घोटाला एक चेतावनी है — यह दिखाता है कि कांग्रेस और वामपंथ ने दशकों तक सत्ता बचाने के लिए भारत की प्रणाली, पहचान और लोकतंत्र को भ्रष्ट किया।
लेकिन अब भारत जाग चुका है। मोदी सरकार की SIR प्रक्रिया उस गंदगी की सफाई कर रही है।
- फर्जी पहचानें मिटाई जाएंगी।
- घुसपैठिए निकाले जाएंगे।
- चुनावी ईमानदारी बहाल होगी।
- भारत फिर उठेगा — सत्य, धर्म और राष्ट्रवाद के मार्ग पर।
आधुनिक महाभारत शुरू हो चुकी है — और अधर्म पर धर्म की विजय निश्चित है।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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