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खाद्य आतंकवाद षड्यंत्र

खाद्य आतंकवाद: हिंदुओं के खिलाफ चल रहा सुनियोजित षड्यंत्र

आजकल हिंदू युवाओं में अचानक बढ़ रही हार्ट अटैक, कैंसर, किडनी फेल्योर और अन्य गंभीर बीमारियों के मामलों में अचानक वृद्धि हो रही है। क्या यह केवल संयोग है, या इसके पीछे कोई गहरा षड्यंत्र छिपा है?

यह कोई सामान्य घटना नहीं है, बल्कि एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है, जिसे फूड जिहादकहा जा रहा है।

कैसे हो रहा है फूड जिहाद‘?

कुछ असामाजिक और कट्टरपंथी तत्वों द्वारा सुनियोजित रूप से हिंदुओं के भोजन में जहरीले और अमानवीय तत्व मिलाए जा रहे हैं, ताकि उनकी सेहत को नुकसान पहुंचाया जा सके।

 आतंकवाद का नया रूप: खाने में ज़हर

भोजन में मानव मल और पेशाब मिलाना:

कुछ मुस्लिम रेस्टोरेंट्स में हिंदू ग्राहकों को लक्षित करके उनके खाने में मानव मल और पेशाब मिलाने की घटनाएं सामने आई हैं। यह केवल घृणास्पद मानसिकता का परिणाम नहीं, बल्कि एक गहरी साजिश है।

भोजन में मांस, हड्डियां और जानवरों की चर्बी मिलाना:

शाकाहारी भोजन में मांस, हड्डियां और चर्बी मिलाकर उसे अशुद्ध बनाया जा रहा है, ताकि हिंदू धर्मावलंबियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे।

दाल मखनी, ग्रेवी और अन्य व्यंजनों में जहरीले केमिकल्स:

इनमें पेट्रोलियम उत्पादों से बने जहरीले तत्व डाले जाते हैं, जिससे धीरे-धीरे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचता है।

तंदूरी परांठे और मक्खन में पेट्रोलियम वैक्स:

नकली सफेद मक्खन, जो पेट्रोलियम वैक्स से बना होता है, रेस्टोरेंट्स में धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है।

बिरयानी में हानिकारक रसायन:

बिरयानी और अन्य लोकप्रिय व्यंजनों में ऐसे केमिकल्स मिलाए जाते हैं जो कैंसर, किडनी फेल्योर और हृदय रोगों का कारण बनते हैं।

फलों पर पेट्रोलियम वैक्स का लेप:

सेब, संतरे और अन्य फलों पर चमक बनाए रखने के लिए जहरीला पेट्रोलियम वैक्स लगाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए घातक है।

समस्या की जड़: सरकार और कानून का लचर रवैया

1954 में बना Food Adulteration Act मिलावट को गंभीर अपराध मानता था। लेकिन 2006 में कांग्रेस सरकार ने इसे बदलकर Food Safety Act लागू किया, जिससे मिलावटखोरों को बचने का रास्ता मिल गया। अब यदि हल्दी में बेसन मिलाया जाए या काली मिर्च में पपीते के बीज हों, तो इसे “unsafe food” नहीं माना जाता, भले ही यह स्वास्थ्य के लिए जानलेवा हो।

क्या किया जाना चाहिए?

घर का बना शुद्ध भोजन ही सर्वोत्तम है।
मसाले स्वयं लाकर पिसवाएं और विश्वसनीय स्रोतों से ही खाद्य सामग्री खरीदें।
रेस्टोरेंट्स और ढाबों में खाने से पहले उनकी स्वच्छता और विश्वसनीयता की जांच करें।
मिलावटी भोजन को हत्या के समान अपराध घोषित करने की मांग करें।
सजग रहें, सतर्क रहें और अपने हिंदू भाइयों को भी जागरूक करें

याद रखें:

यह लड़ाई केवल शारीरिक स्वास्थ्य की नहीं है, बल्कि हमारे धर्म, संस्कृति और अस्तित्व की भी है।


🇳🇪 जय भारत, वन्देमातरम🇳🇪

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