🏙️ कलकत्ता_महानगर_की_बर्बादी_ऐसे_हुई
- कभी कोलकाता भारत का मुकुटमणि था — स्वामी विवेकानंद, सुभाषचंद्र बोस, बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय जैसी विभूतियों की भूमि — संस्कृति, साहस और चेतना का केंद्र।
- लेकिन जो आगे हुआ, वह राष्ट्र की एक त्रासदी थी।
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली कुआन यू ने 1965 में कहा था —
- “मैं सिंगापुर को कलकत्ता जैसा बनाना चाहता हूँ।”
उस समय कोलकाता उत्कृष्टता का प्रतीक था।
- लेकिन आज सिंगापुर विश्व का चमकता सितारा है, और कोलकाता अब भी रोशनी तलाश रहा है।
क्यों?
- क्योंकि वामपंथी विचारधारा और कम्युनिस्ट अहंकार ने उस महान बंगाल को भीतर से जला डाला।
🔴 वामपंथ_का_विनाशक_शासन
दशकों तक बंगाल कम्युनिस्ट तानाशाही का शिकार रहा — एक ऐसा शासन जिसने रचनात्मकता को कुचल दिया, उद्योग को नष्ट किया और सिर्फ अंधभक्ति को पुरस्कृत किया।
- टैक्सी चलाने के लिए पार्टी का सदस्य होना जरूरी।
- स्कूल में पढ़ाने के लिए कैडर में शामिल होना अनिवार्य।
- दुकान चलाने के लिए “पार्टी फीस” देनी पड़ती थी।
- और सांस लेने के लिए भी “लाल सलाम” बोलना पड़ता था।
परिणाम — उद्योग ढह गए, नौकरियाँ गायब हो गईं, युवा पलायन करने लगे, और वह संस्कृति की नगरी धीरे-धीरे हड़तालों और ठहराव की नगरी बन गई।
- “राष्ट्र से पहले पार्टी” की मानसिकता ने सब कुछ जहर बना दिया — और बंगाल ने पीढ़ियों तक इसकी कीमत चुकाई।
⚫ लेकिन_यह_सिर्फ_बंगाल_की_कहानी_नहीं
- जो बंगाल ने झेला, वही भारत ने चुपचाप दशकों तक सहा — विचारधारा अलग थी, पर बीमारी वही —
- वंशवादी राजनीति, मुस्लिम तुष्टिकरण और राष्ट्रीय विश्वासघात।
दिल्ली से लेकर चेन्नई तक देश ऐसे नेताओं के हाथों में था जिन्होंने —
- भारत को अपनी जागीर समझा,
- धर्मनिरपेक्षता के नाम पर लोकतंत्र की हत्या की,
- सत्ता के लिए विदेशी शक्तियों से सौदे किए,
- और हिंदू बहुसंख्यक समाज को हमेशा नजरअंदाज किया।
कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने भ्रष्टाचार, विभाजन और तुष्टिकरण के ज़रिए राष्ट्र की रीढ़ तोड़ दी। आज यही काम विपक्षी ठगबंधन की सरकारें उनके शासित राज्यों में कर रही हैं ।
⚠️ 2014_से_पहले_का_भारत
2014 तक भारत सड़ चुका था।
- अर्थव्यवस्था चरमराई हुई थी,
- 2G, CWG, कोलगेट जैसे घोटालों ने जनता का भरोसा खत्म कर दिया था,
- महंगाई और बेरोजगारी चरम पर थी,
- सुरक्षा व्यवस्था मज़ाक बन चुकी थी,
- और आतंकवाद के सामने नेता मौन बैठे थे।
ऊपर बैठा था एक तथाकथित “विश्वस्तरीय अर्थशास्त्री” — जो असल में नेहरू-गांधी परिवार का कठपुतली प्रधानमंत्री था — न शक्ति थी, न इच्छा, न दृष्टि।
- भारत एक दिशाहीन राष्ट्र बन चुका था — जो दिवालियापन और अपमान की कगार पर खड़ा था।
🧱 फिर_आया_एक_चायवाला ☕
फिर भाग्य ने करवट ली।
- गुजरात की धरती से एक ऐसा व्यक्ति उठा जिसने कभी चाय बेची, लेकिन जिसके हृदय में सनातन धर्म की ज्वाला थी — नरेंद्र दामोदरदास मोदी।
- वह न किसी वंश से आया, न विरासत से सत्ता पाई — उसने हर कदम पर संघर्ष, सेवा और त्याग से पहचान बनाई।
- 2014 में जब मोदी ने बागडोर संभाली, तब शुरू हुआ असली परिवर्तन
- भारत को मिला एक ऐसा नेता जो स्क्रिप्ट से नहीं, संकल्प से नेतृत्व करता है।
⚡ मोदी_का_भारत : एक पुनर्जन्म
मोदी के नेतृत्व में भारत राख से उगता सितारा बन गया।
🚀 आर्थिक क्रांति
- भारत बना विश्व की चौथी सबसे बड़ी और सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था।
- “मेक इन इंडिया”, “डिजिटल इंडिया”, “स्टार्टअप इंडिया”, “वोकल फॉर लोकल” ने करोड़ों अवसर पैदा किए।
- सड़कों, हवाई अड्डों, मेट्रो और डिजिटल नेटवर्क ने विकास की नई रफ़्तार दी।
🛡️ सैन्य शक्ति
- सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर बालाकोट तक — भारत ने दिखा दिया कि अब वह चुप नहीं बैठेगा।
- सेनाओं को मिला आधुनिक उपकरण, आत्मविश्वास और विश्वस्तरीय प्रशिक्षण।
- अमेरिका जैसी महाशक्तियाँ भी भारत की शर्तों पर समझौते करने लगीं।
🕉️ सांस्कृतिक पुनर्जागरण
- अयोध्या राम मंदिर से लेकर काशी विश्वनाथ धाम तक — सनातन आत्मा का पुनर्जन्म हुआ।
- भारत ने फिर से अपने गौरव, अपनी जड़ों और आध्यात्मिक पहचान को पाया।
- विश्व ने भारत को विष्वगुरु के रूप में स्वीकारना शुरू किया।
💪 मोदी_3_0 : संकल्पों से आगे दृष्टि
- 2024 में बहुमत घटने के बावजूद मोदी का मिशन अडिग है।
कोई विपक्ष, कोई प्रोपेगैंडा, कोई ठगबंधन उनकी गति रोक नहीं सकता। - वे सुपरपावर भारत की नींव रख रहे हैं।
- हर नीति, हर सुधार, हर कदम एक दूरदृष्टि का हिस्सा है।
- रक्षा से लेकर धर्म तक, कूटनीति से लेकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता तक — मोदी का भारत अजेय है।
वह भाग्य के नेता हैं — और हम इतिहास के निर्माण के साक्षी।
⚔️ अगर_कांग्रेस_और_ठगबंधन_रहते
कल्पना कीजिए, अगर आज भी कांग्रेस और उसके भ्रष्ट सहयोगी सत्ता में होते —
- भारत दूसरा पाकिस्तान या बांग्लादेश बन चुका होता।
- हिंदू आवाजें कुचली जा रही होतीं।
- आतंकवाद “अल्पसंख्यक संरक्षण” के नाम पर फल-फूल रहा होता।
- अर्थव्यवस्था लूट और भ्रष्टाचार की शिकार होती।
- और सनातन धर्म आखिरी सांसें गिन रहा होता।
केवल मोदी का नेतृत्व ही था जिसने भारत को पूर्ण विनाश से बचाया।
🔱 देश_धर्म_और_संघर्ष : सनातनियों के नाम संदेश
- आज हमारा सबसे बड़ा दुश्मन बाहर नहीं, बल्कि भीतर है —
हमारा असंगठन, हमारा स्वार्थ, और हमारी चुप्पी।
दशकों तक हमने —
- परिवार को राष्ट्र से ऊपर रखा,
- सुविधा को कर्तव्य से ऊपर रखा,
- और लोभ को धर्म से ऊपर रखा।
- इसीलिए भारत पीड़ा में रहा, धर्म पर आघात हुआ, और संस्कृति का मज़ाक उड़ाया गया।
अब समय है एकजुट होकर उठने का।
- जाति, भाषा और राज्य की सीमाओं से परे जाकर सनातन धर्म, भारत माता और आने वाली पीढ़ियों की रक्षा करने का।
🕉️ अब_जागो_भारतवासियों
- कोलकाता का पतन चेतावनी थी
- और मोदी के नेतृत्व में भारत का उत्थान चमत्कार है।
- लेकिन चमत्कार को बचाने के लिए एकता, जागरूकता और कर्म जरूरी है।
आओ प्रण लें —
- अब और चुप्पी नहीं,
- अब और विभाजन नहीं,
- अब और तुष्टिकरण नहीं।
- हम धर्म, राष्ट्र और भविष्य के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे।
- हमारा राष्ट्रवादी नेतृत्व — मोदी सरकार — सिर्फ एक राजनीतिक सत्ता नहीं, बल्कि नई भारत की चेतना का प्रतीक है।
🔥 संदेश
- अगर हम आज नहीं जागे, तो भविष्य में भारत के हिंदुओं का हाल पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं जैसा हो सकता है — पीड़ित, अल्पसंख्यक और मौन।
लेकिन अगर हम अभी उठ खड़े हुए —
- तो हम वह भारत बनाएंगे जिसके आगे विश्व नतमस्तक होगा,
जहाँ सनातन धर्म का वैभव सदा अमर रहेगा। 🇮🇳
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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