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क्या हमारे बच्चों का भविष्य सुरक्षित है

क्या हमारे बच्चों का भविष्य सुरक्षित है?

भारत इस समय एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। एक ओर, हम आर्थिक और तकनीकी प्रगति कर रहे हैं, तो दूसरी ओर, हमारे समाज और संस्कृति पर एक गंभीर खतरा मंडरा रहा है। यह खतरा सिर्फ बाहरी नहीं है, बल्कि हमारे भीतर भी घर कर चुका है—कट्टरपंथी जिहादी मानसिकता

स्विट्जरलैंड में मुस्लिम आबादी मात्र 2% है और वहाँ के लोग पढ़े-लिखे भी हैं, फिर भी तार्किक सोच रखने वाले सलवान मोमिका की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

अब सोचिए, भारत में कन्वर्टेड मुसलमानों की संख्या 20% से अधिक है, जिनमें से अधिकांश मदरसे में कट्टरपंथी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। तो क्या हमें आने वाले 20 वर्षों में गृहयुद्ध, नरसंहार, हत्या, बलात्कार और एक और विभाजन के लिए तैयार नहीं रहना चाहिए?

 भारत में बढ़ता जिहादी खतरा

आज भारत में कई प्रकार के जिहाद चल रहे हैं, जिनका एक ही उद्देश्य है— भारत को इस्लामी राज्य बनाना और हिंदुओं, जैनों, बौद्धों, सिखों को या तो जबरन मुसलमान बनाना या उनका सफाया करना

1️⃣ लव जिहाद – हिंदू लड़कियों को प्यार के जाल में फँसाकर धर्मांतरण कराना और फिर उनके साथ अत्याचार करना।
2️⃣ ड्रग जिहाद – हिंदू युवाओं को नशे में धकेलकर उन्हें कमजोर और निष्क्रिय बनाना।
3️⃣ घुसपैठ जिहाद – अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुस्लिमों को भारत में बसाकर जनसंख्या असंतुलन पैदा करना।
4️⃣ धर्मांतरण जिहाद – लालच और डर दिखाकर हिंदू, जैन, बौद्ध और सिखों का इस्लाम में धर्मांतरण कराना।
5️⃣ जनसंख्या जिहाद – हिंदू परिवारों में 1-2 बच्चे, लेकिन मुस्लिम परिवारों में 7-8 बच्चे पैदा कर जनसंख्या बढ़ाना।

यदि कठोर कानून तुरंत नहीं बनाए गए, तो अगले 20 वर्षों में हमें कन्वर्ट होने या अपने घर, व्यापार, खेत और उद्योग छोड़कर भागने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जैसा कि पहले भी हुआ था:

  • 1947 में पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं को जिंदा जलाया गया, महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ और उन्हें जबरन मुसलमान बनाया गया।
  • 1971 में बांग्लादेश की आज़ादी के लिए हमने 20,000 सैनिकों की शहादत दी, लेकिन आज वहाँ हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख अपनी जान बचाकर भाग रहे हैं।
  • 1990 में कश्मीरी हिंदुओं को अपने ही देश में शरणार्थी बना दिया गया और आज तक वे वापस नहीं लौट सके।

 विकास से सुरक्षा नहीं मिलेगी, कठोर कानून चाहिए

कुछ लोग कहते हैं कि विकास से भाईचारा आएगा, कट्टरता खत्म होगी। लेकिन इतिहास ने इसे गलत साबित कर दिया:

➡️ अगर विकास से सुरक्षा मिलती तो स्विट्जरलैंड हमसे बहुत आगे है, फिर भी वहाँ सलवान मोमिका की हत्या कर दी गई।
➡️ अगर विकास से शांति आती तो 1805 में अफ़गानिस्तान के प्रधानमंत्री पंडित नंदराम टिक्कू ने भी बहुत विकास किया था, लेकिन 10 साल बाद उन्हें और उनके समुदाय को खदेड़ दिया गया।
➡️ अगर मठ, मंदिर और गुरुद्वारे बनाने से हिंदू, जैन, बौद्ध और सिख सुरक्षित होते, तो अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित होते।

100 साल पहले:
अफ़गानिस्तान में दुनिया की सबसे बड़ी भगवान बुद्ध की मूर्ति थीअब वहाँ कोई बौद्ध नहीं बचा।
मुल्तान (पाकिस्तान) में दुनिया का सबसे बड़ा जैन मंदिर थाअब वहाँ मदरसा चलता है।
गांधार (अफगानिस्तान) में सबसे बड़ा शिव मंदिर थाअब वहाँ शिवलिंग तक नहीं बचा।
कैकेय (पाकिस्तान) में सबसे बड़ा विष्णु मंदिर थाअब वहाँ विष्णु की मूर्ति तक नहीं बची।

यही भविष्य भारत का भी होगा, अगर हमने अभी कदम नहीं उठाए!

 राजनीतिक दल हमें भ्रमित कर रहे हैं

गांधीवाद, लोहियावाद, अंबेडकरवाद, साम्यवाद, समाजवादयह सब हमें असली मुद्दों से भटकाने के लिए हैं। नेताओं को सिर्फ सत्ता और पैसा चाहिए, लेकिन हमें अपना देश बचाना है!

➡️ हमारे नेता हर दिन टीवी डिबेट, तूतूमैंमैं और झूठे वादों में लगे रहते हैं।
➡️ लेकिन संसद में लव जिहाद, लैंड जिहाद, ड्रग जिहाद, जनसंख्या नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा नहीं होती।

 अब क्या करें?

अगर आप अपने बच्चों, परिवार, धर्म और देश को बचाना चाहते हैं, तो अब दलगुलामी छोड़िए और अपने सांसदों से मिलकर कठोर कानूनों की मांग करिए।

📌 लव जिहाद, लैंड जिहाद, ड्रग जिहाद, घुसपैठ जिहाद, धर्मांतरण जिहाद और जनसंख्या जिहाद रोकने के लिए सख्त कानून बनवाइए।
📌 समान शिक्षा, समान नागरिक संहिता, समान कर संहिता, समान व्यापार संहिता, समान जनसंख्या संहिता, समान पुलिस संहिता, समान न्याय संहिता लागू करवाइए।

 याद रखिए!

🛑 आज के नेता 20 साल बाद आपका मकान, दुकान, खेत, खलिहान, उद्योग और व्यापार बचाने नहीं आएंगे।
🛑 लेकिन कठोर कानून आपका धन, धर्म और परिवार को सुरक्षित रखेगा।

 रास्ते दो हैं:

1️⃣ चीन जैसा कठोर कानून – जहाँ देशद्रोही, जिहादी और अपराधियों को सख्त सजा दी जाती है।
2️⃣ इजरायल जैसा शक्ति का उपयोग – जहाँ देश के दुश्मनों को तुरंत खत्म किया जाता है।

 अब भी नहीं जागे तो…?

अगर आज हमने कदम नहीं उठाए, तो आने वाली पीढ़ियाँ हमें माफ नहीं करेंगी।

👉 क्या हम अपनी बेटियों को लव जिहाद और बलात्कार का शिकार बनते देखना चाहते हैं?
👉 क्या हम अपने मंदिरों, घरों और व्यापारों को जिहादियों के कब्जे में जाते देखना चाहते हैं?
👉 क्या हम भारत को इस्लामी राष्ट्र बनने देंगे?

अगर जवाब नहींहै, तो अभी जाग जाइए!

🚩 अपने सांसदों से मिलिए।
🚩 हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख एकजुट होकर संगठित हों।
🚩 कट्टरपंथ और जिहादी मानसिकता के खिलाफ जागरूकता फैलाइए।
🚩 अपने बच्चों को आत्मरक्षा और राष्ट्रवाद की शिक्षा दीजिए।

उठो, जागो और जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए, तब तक रुको मत!” – स्वामी विवेकानंद

🚩 जय सनातन! जय भारत! 🚩

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