या फिर आत्मा मर चुकी है और शरीर बस सांसें ले रहा है?
- कभी-कभी लगता है जैसे हम हिंदू समाज ने अत्याचार सहने की ही कसम खा ली है।
इतिहास गवाह है —
- हम पर लाखों बार हमले हुए, मंदिर तोड़े गए,
- संतों की हत्या हुई, स्त्रियों का बलात्कार हुआ, बच्चों को तलवार पर उछाला गया
- फिर भी हम चुप रहे।
- आज भी वही हो रहा है।
- बस नाम बदल गए हैं, तकनीक बदल गई है, पर शत्रु वही हैं — और हम भी वैसे ही चुप हैं।
😞 सिर्फ 10-15% लोग आज भी राष्ट्र और धर्म के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
बाकी 85-90% समाज क्या कर रहा है?
युवा वर्ग:
- इंस्टाग्राम और रील्स में खोया है।
- उन्हें धर्म, इतिहास और राष्ट्र की कोई समझ नहीं दी गई।
- वे “कूल” दिखने के चक्कर में अपने मूल से कटते जा रहे हैं।
मध्यमवर्ग:
- उन्हें सिर्फ EMI, विदेश यात्रा, ब्रांडेड जीवन और अपना सोशल स्टेटस चाहिए।
- उन्हें लगता है कि “धर्म और राजनीति से क्या लेना देना?”
- जबकि उसी राजनीति ने हमें गुलाम बनाया था।
धार्मिक और आध्यात्मिक गुरु:
- प्रवचनों में राम का नाम, मंचों पर ज्ञान की गंगा,
- लेकिन जब धर्म पर हमला हो — तब न कोई आवाज़, न नेतृत्व।
- कुछ तो राजनीति के साथ गठजोड़ करके चुप्पी का व्यापार चला रहे हैं।
हिंदुत्व संगठन:
- बिखरे हुए हैं।
- अपनी-अपनी संस्था, अपना-अपना झंडा।
- अपने अपने अहंकार और वर्चस्व मैं व्यस्त हैं।
- जब देश और धर्म को एक झंडे की ज़रूरत है — वे आपस में लड़ते हैं कि कौन बड़ा नेता है।
🤦♂️ यह सब देख कर क्या आप गर्व महसूस करते हैं?
- क्या महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, गुरु गोविंद सिंह, नेताजी सुभाष और भगत सिंह का यही सपना था?
- क्या उन्होंने इसलिए बलिदान दिया था कि एक दिन हम कमरे में बैठकर Netflix देखें, ट्विटर पर लड़ें और अपने अंत की प्रतीक्षा करेँ?
🚨 हमारे दुश्मन इस सबका पूरा लाभ उठा रहे हैं:
वे जात-पात नहीं देखते।
- वे संगठित हैं, योजनाबद्ध हैं,
- और हर हालत में इस्लाम, वोटबैंक और सत्ता के लिए काम कर रहे हैं।
- वे NGO से लेकर सोशल मीडिया तक — हर जगह सक्रिय हैं।
- वे आपकी चुप्पी से ही जीत रहे हैं।
और हम?
- आज भी ‘हिंदू क्या करेगा’ पूछते हैं।
- आज भी सोचते हैं ‘मोदीजी सब संभाल लेंगे’
- आज भी “मेरे अकेले से क्या होगा” जैसे बहानों के पीछे छिपे हैं।
❗ अब समय खत्म हो रहा है।
मोदी सरकार अकेले क्या-क्या करेगी?
- उन्होंने आतंकवाद पर चोट की, CAA/NRC लाए, UCC की तैयारी की,
- मंदिर बनवाया, विदेशी ताकतों को जवाब दिया…
- पर अगर जमीन पर समाज न जागे और साथ न दे
- तो यह सारी लड़ाई अधूरी रह जाएगी।
🚩 अब हिंदुओं को युद्ध स्तर पर तैयारी करनी होगी:
✅ धर्म और राष्ट्र को जीवन का सर्वोच्च ध्येय बनाना होगा।
✅ जाति, क्षेत्र, भाषा और संगठन से ऊपर उठकर ‘सनातन हित‘ को प्राथमिकता देनी होगी।
✅ हर गांव, हर शहर में धर्मरक्षा कमेटी, डिजिटल योद्धा, और संयुक्त हिंदू शक्ति का निर्माण करना होगा।
✅ आध्यात्मिक गुरुओं को भी तटस्थता छोड़कर स्पष्ट रूप से धर्म और राष्ट्र की रक्षा में उतरना होगा।
✅ सोशल मीडिया पर फर्जी एजेंडे और भ्रम फैलाने वालों का संघठित विरोध करना होगा।
🙏 नहीं तो तैयारी करो:
- अपने बच्चों को कलमा पढ़ाने की,
- अपनी बहनों को बुर्के में देखने की,
- और अपने पुरखों को आँख मिलाने लायक न होने की।
✊ जागो, अब नहीं तो कभी नहीं।
- आप चुप हैं — इसलिए दुश्मन जीत रहा है।
- आप बिखरे हैं — इसलिए राष्ट्र हार रहा है।
- आप निष्क्रिय हैं — इसलिए सनातन संकट में है।
> अब या तो उठकर संघर्ष कर लो,
> या फिर अपने बच्चों को गुलाम भारत में जीने के लिए माफ़ी मांगते रहो।
🚩 जय सनातन, जय भारत, जय हिंदू एकता!
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