जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, उन्होंने भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाने के लिए साहसिक और क्रांतिकारी फैसले लिए हैं। लेकिन उनके राजनीतिक विरोधी, वामपंथी विचारधारा के लोग, लिबरल बुद्धिजीवी और भारत विरोधी मीडिया लगातार उनके शब्दों और नीतियों को तोड़-मरोड़ कर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। इनका मुख्य उद्देश्य हिंदुओं को बांटना, डर और अराजकता फैलाना, और भारत को कमजोर और विदेशी प्रभावों पर निर्भर बनाए रखना है।
ये भारत–विरोधी ताकतें एक सुनियोजित रणनीति के तहत मोदी की छवि खराब करने के लिए फर्जी खबरें, झूठे नैरेटिव और छद्म आक्रोश का सहारा लेती हैं। आइए समझते हैं कि वे यह कैसे करते हैं।
1. मोदी के फैसलों और बयानों को कैसे तोड़–मरोड़ कर पेश किया जाता है
A. मोदी के शब्दों को तोड़–मरोड़ कर झूठे नैरेटिव बनाए जाते हैं
प्रधानमंत्री मोदी स्पष्ट, आत्मविश्वास से भरी और राष्ट्रवादी दृष्टि के साथ बोलते हैं, लेकिन उनके बयानों को गलत तरीके से उद्धृत कर, संदर्भ से बाहर निकालकर और तोड़–मरोड़ कर प्रस्तुत किया जाता है।
🔹 उदाहरण: मोदी ने कहा कि ‘पकोड़े बेचना बेरोजगार रहने से बेहतर है’ – इस बयान का मतलब था कि स्वरोजगार बेरोजगारी से बेहतर है, लेकिन विपक्ष और मीडिया ने इसे मजाक बनाकर पेश किया।
🔹 उदाहरण: “संविधान हमारा मार्गदर्शक है“, मोदी बार–बार कहते हैं। लेकिन वामपंथी उन पर लोकतंत्र विरोधी होने और संविधान बदलने की साजिश रचने का झूठा आरोप लगाते हैं, जबकि बीजेपी पूरी तरह से संवैधानिक शासन के लिए प्रतिबद्ध है।
🔹 उदाहरण: मोदी के भारत के शक्तिशाली बनने के बयान को मीडिया ने “भारत वैश्विक शांति के लिए खतरा बन रहा है” के रूप में प्रस्तुत किया, जबकि उनका इरादा था कि भारत एक शांतिपूर्ण महाशक्ति के रूप में उभरे।
B. हर राष्ट्रहित की नीति को “लोकतंत्र के लिए खतरा” बताया जाता है
मोदी सरकार की हर नीति, जो भारत को मजबूत बनाती है, उसे गलत तरीके से “खतरनाक” और “जनविरोधी” बताया जाता है।
📌 नागरिकता संशोधन कानून (CAA):
सच्चाई: पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के सताए गए हिंदुओं, सिखों, जैन, बौद्ध और ईसाइयों को नागरिकता देने के लिए यह कानून लाया गया था।
प्रचार: विपक्ष और मीडिया ने झूठ फैलाया कि यह “मुस्लिम विरोधी” कानून है, जिससे शाहीन बाग और दिल्ली दंगों जैसी हिंसा भड़काई गई।
📌 कृषि कानून:
सच्चाई: ये कानून किसानों को उनकी फसल बेचने की अधिक स्वतंत्रता और बेहतर दाम दिलाने के लिए बनाए गए थे।
प्रचार: विपक्ष ने झूठ फैलाया कि किसानों की जमीनें कॉरपोरेट के हाथों चली जाएंगी, जिससे खालिस्तानी तत्वों ने किसान आंदोलन को हाईजैक कर लिया।
📌 अग्निपथ योजना:
सच्चाई: यह सैन्य भर्ती को आधुनिक बनाने और युवाओं को बेहतर रोजगार देने की रणनीति थी।
प्रचार: मीडिया ने गलत तरीके से प्रचारित किया कि इससे सैनिक बेरोजगार हो जाएंगे, जिससे हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़क उठे।
C. फर्जी खबरों और छद्म आक्रोश के जरिए डर का माहौल बनाना
विपक्ष और वामपंथी मीडिया फर्जी खबरें गढ़ते हैं और जनता को मोदी सरकार के खिलाफ भड़काते हैं।
🚨 वे कौन–कौन से झूठे नैरेटिव फैलाते हैं?
✔ “मोदी लोकतंत्र खत्म करना चाहते हैं!”
✔ “बीजेपी आरक्षण खत्म कर देगी!”
✔ “मोदी के राज में हिंदू कट्टरपंथ बढ़ रहा है!”
✔ “भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं!”
✔ “मोदी हिटलर की तरह तानाशाह हैं!”
इनमें से कुछ भी सच नहीं है, लेकिन इन्हें बार–बार दोहराया जाता है ताकि लोग इन पर विश्वास करने लगें।
2. इस झूठे प्रचार से किसे फायदा होता है?
यह मोदी विरोधी तंत्र केवल भारत में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैला हुआ है।
✔ विपक्षी दल: जनता को गुमराह करके सत्ता में लौटना चाहते हैं।
✔ वामपंथी–लिबरल गैंग: भारत को पश्चिमी देशों के नियंत्रण में रखना चाहते हैं।
✔ कट्टरपंथी इस्लामी और ईसाई मिशनरी संगठन: भारत को अंदर से तोड़ने की साजिश रचते हैं।
✔ विदेशी ताकतें (चीन, पश्चिमी राष्ट्र, जॉर्ज सोरोस की NGOs): भारत की बढ़ती ताकत से डरती हैं और चाहती हैं कि भारत कमजोर बना रहे।
3. लिबरल–वामपंथी मीडिया भारत विरोधी नैरेटिव क्यों चलाती है?
भारतीय मुख्यधारा की मीडिया वामपंथियों, इस्लामी ताकतों और वैश्विक भारत–विरोधी समूहों के प्रभाव में है।
🔹 वे कभी मोदी की वैश्विक उपलब्धियों, आर्थिक सफलता या सैन्य शक्ति को उजागर नहीं करते।
🔹 वे दंगाइयों, नक्सलियों और देशद्रोहियों को महिमामंडित करते हैं, लेकिन हिंदू संतों, राष्ट्रवादियों और भारतीय सेना को बदनाम करते हैं।
🔹 वे फर्जी सर्वे, झूठे आंकड़े और भ्रामक सुर्खियों के जरिए लोगों की राय मोदी के खिलाफ मोड़ते हैं।
📌 वे मोदी सरकार की सकारात्मक खबरों को नजरअंदाज करते हैं, लेकिन नकारात्मक खबरों को बढ़ा–चढ़ाकर दिखाते हैं।
📌 वे शाहीन बाग, खालिस्तानी आंदोलन और अर्बन नक्सलियों का समर्थन करते हैं।
📌 वे हिंदू राष्ट्रवादियों को ‘आतंकवादी’ बताते हैं लेकिन इस्लामी कट्टरपंथियों को ‘शांतिप्रिय’ कहते हैं।
📌 वे भारत की ताकत को “लोकतंत्र के लिए खतरा” बताने की साजिश करते हैं।
4. इनका अंतिम लक्ष्य: हिंदुओं को बांटना और भारत की प्रगति रोकना
इनकी सबसे बड़ी चिंता हिंदू एकता और भारत का महाशक्ति बनना है।
🔹 इसीलिए वे हिंदुओं को जाति, भाषा और क्षेत्र के आधार पर बांटते हैं।
🔹 इसीलिए वे “सूडो सेक्युलरिज्म” का प्रचार करते हैं, जो केवल हिंदुओं पर लागू होता है।
🔹 इसीलिए वे मुगलों और ब्रिटिशों को महिमामंडित करते हैं, लेकिन हिंदू राजाओं और योद्धाओं की उपेक्षा करते हैं।
वे चाहते हैं कि हिंदू भ्रमित, बंटे और कमजोर रहें, ताकि भारत को विदेशी ताकतें नियंत्रित कर सकें।
5. राष्ट्रवादियों को इस झूठे प्रचार से कैसे लड़ना चाहिए?
✅ सतर्क रहें: बिना सत्यापन के मीडिया के झूठे प्रचार पर विश्वास न करें।
✅ अन्य लोगों को शिक्षित करें: उनके झूठ को उजागर करें और जागरूकता बढ़ाएं।
✅ राष्ट्रवादी मीडिया का समर्थन करें: सच को जानें और फैलाएं।
✅ बुद्धिमानी से वोट दें: हिंदू एकता बनाए रखें।
🚩 मोदी के नेतृत्व में भारत के पास महाशक्ति बनने का अवसर है। लेकिन अगर हम एकजुट नहीं हुए, तो ये देशद्रोही ताकतें हमें कमजोर करने की साजिश जारी रखेंगी।
🚩 अब कुछ कर दिखाने का समय या गया है देशहित के कार्यों मैं हिस्सा लें
🚩🇳🇪 जय भारत, वन्देमातरम🇳🇪
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