यह आलेख लोकतंत्र पर बढ़ते हमले, अवैध घुसपैठ और फर्जी वोटिंग के खतरों पर प्रकाश डालता है और भारत के भविष्य को सुरक्षित रखने की जरूरत बताता है।
🔎 वाराणसी का चुनाव – एक बड़ी चेतावनी
- भारत के लोकप्रिय और विश्वविख्यात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिनकी लोकप्रियता विश्व भर में चर्चा का विषय है, जब अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी से चुनाव लड़ रहे थे, तो वोट गिनती के पहले 7 राउंड में पीछे थे।
- यह सवाल उठता है – क्या बनारस की जनता, जो मोदी जी को भगवान की तरह मानती है, उन्हें छोड़कर अजय राय जैसे उम्मीदवार को चुन सकती है? बिल्कुल नहीं।
👉 असलियत यह थी कि यह हार-जीत का मामला नहीं, बल्कि एक बड़े षड्यंत्र का संकेत था – फर्जी वोटरों और अवैध घुसपैठियों का संगठित खेल।
🕵️ असली षड्यंत्र – लोकतंत्र को हड़पने का प्लान
- जांच के बाद पता चला कि वाराणसी तो केवल एक आइसबर्ग का सिरा था।
👉 असली षड्यंत्र यह था कि:
- देश के लगभग हर बड़े शहर में फर्जी वोटर घुसपैठ कर चुके थे।
- भाजपा के शीर्ष नेताओं की सीटें इस षड्यंत्र के निशाने पर थीं।
- खासकर सीमावर्ती राज्य – बंगाल, बिहार, असम, झारखंड और पूर्वोत्तर – में तो स्थिति और भी डरावनी थी।
यह षड्यंत्र केवल भाजपा के खिलाफ नहीं था। यह भारत के लोकतंत्र और अखंडता के खिलाफ सुनियोजित हमला था।
🛡️ SIR योजना – मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक
इस षड्यंत्र का पर्दाफाश होने के बाद मोदी सरकार ने एक रणनीतिक योजना बनाई –
👉 इसका नाम है SIR (Systematic Identification & Removal of Fake Voters/Illegal Migrants)
- शुरुआत बिहार से हुई।
- धीरे-धीरे इसे बंगाल, झारखंड, असम और बाकी राज्यों में लागू किया जा रहा है।
- लक्ष्य है कि अगले लोकसभा चुनाव से पहले पूरा देश इस जाल से मुक्त हो।
🤔 गृह मंत्रालय क्यों नहीं, EC को जिम्मेदारी क्यों?
कई लोग सवाल उठाते हैं कि यह काम गृह मंत्रालय कर सकता था, तो इसे चुनाव आयोग (EC) को क्यों सौंपा गया?
👉 कारण बेहद स्पष्ट और रणनीतिक है:
- EC के आदेश को कोई मुख्यमंत्री नहीं रोक सकता।
- चाहे ममता बनर्जी हों या कोई विपक्षी दल, उनकी हिम्मत नहीं कि EC के काम में बाधा डालें।
- EC को यह अधिकार है कि अगर कहीं स्थिति बिगड़े तो वह सीधे केंद्र को सेना या पैरा मिलिट्री फोर्स तैनात करने का आदेश दे सकता है।
यानी यह काम अब न रोका जा सकता है, न टाला जा सकता है।
🐍 विपक्ष का असली चेहरा
- आज कांग्रेस और उसका पूरा ठगबंधन का चेहरा खुलकर सामने आ चुका है।
👉 ये लोग घुसपैठियों और रोहिंग्याओं को गरीब, बेघर और मजबूर कहकर उनका बचाव करते हैं।
👉 असली मकसद है –
- इन्हें वोटर लिस्ट में शामिल करना,
- राशन, रोजगार और सरकारी योजनाएं देना,
- और बदले में इनका वोट पाना।
यह विपक्ष की असली रणनीति है –
📌 “भारत को बेचो, सत्ता बचाओ।”
⚠️ असली खतरा किस पर है?
अब सवाल यह है कि इसकी असली कीमत कौन चुकाएगा?
👉 इन घुसपैठियों का वोट विपक्ष को मिलेगा, लेकिन बदले में –
- हमारी नौकरियां छिनेंगी।
- हमारे संसाधनों पर कब्जा होगा।
- हमारी बेटियों की सुरक्षा खतरे में होगी।
- और अंततः हमारी संस्कृति और धर्म पर चोट की जाएगी।
यानी खतरा विपक्ष पर नहीं, हम पर है।
🚩 हिंदू समाज और राष्ट्रवादियों के लिए चेतावनी
आज स्थिति यह है कि:
- विपक्ष एकजुट है।
- घुसपैठिए संगठित हैं।
- उनके पास विदेशी मदद और फंडिंग है।
लेकिन दूसरी तरफ –
- हिंदू समाज जाति और क्षेत्र में बंटा हुआ है।
- संगठन और संत-महात्मा भी केवल अपनी-अपनी राजनीति में उलझे हैं।
- कोई साझा राष्ट्रीय रणनीति दिखाई नहीं देती।
👉 अगर यह स्थिति बदली नहीं, तो भारत का हाल पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसा होगा।
🌍 समाधान – अब फैसला हमें करना है
- वाराणसी की घटना केवल एक चेतावनी थी।
👉 अब यह बिल्कुल स्पष्ट है कि अगर हमने समय रहते एकजुट होकर कार्रवाई नहीं की, तो यह घुसपैठिया–ठगबंधन तंत्र भारत को अराजकता और गृहयुद्ध की ओर धकेल देगा।
इसलिए अब हमें:
- SIR योजना का समर्थन करना होगा।
- मोदी जी और भाजपा को पूर्ण बहुमत देकर स्थिर सरकार बनानी होगी।
- और विपक्षी ठगबंधन को पूरी तरह सत्ता से बाहर करना होगा।
✊ आह्वान – भारत को बचाना है
अगर हम चाहते हैं कि भारत:
- विश्व की टॉप-3 महाशक्तियों में गिना जाए,
- हिंदू समाज सुरक्षित और गौरवशाली बने,
- और हमारी भावी पीढ़ियां गर्व से कहें – “हम भारतीय हैं”,
तो हमें अब निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी।
👉 यह केवल राजनीति नहीं, बल्कि धर्म और राष्ट्र की रक्षा का महायुद्ध है।
🔥 आपका कर्तव्य क्या है?
- इस संदेश को अधिक से अधिक शेयर करें।
- अपने मित्रों और परिवार को जागरूक करें।
- वोट डालते समय देशहित को सबसे ऊपर रखें।
याद रखिए – भारत जनता का है, नेताओं का नहीं।
🇮🇳Jai Bharat, Vandematram 🇮🇳
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