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लंदन में रहने वाले हिंदू

🕉️ हिंदू, तेरा मौन ही तेरा अपराध बन गया है…

लंदन में रहने वाले हिंदू युवकों पर उस समय हमला हुआ जब उन्होंने कलावा पहना हुआ था। इस घटना ने लंदन में रहने वाले हिंदू समुदाय की सुरक्षा और वैश्विक चुप्पी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। धार्मिक असहिष्णुता अब विदेशों में भी खुलकर सामने आ रही है।

📍लंदन में कलावा पहनने वाले हिंदू युवकों की पिटाई — और दुनिया की शर्मनाक चुप्पी

🔴 घटना:

30 मई 2025, लंदन का हेडस्टोन पार्क —
तीन हिंदू युवक, जिनमें एक गुजराती ब्रितानी-भारतीय और दो श्रीलंकाई मूल के युवा थे, क्रिकेट खेलते समय मुस्लिम युवकों द्वारा सिर्फ इसलिए पीटे गए क्योंकि उन्होंने “कलावा” पहन रखा था — एक पहचान जो बताती है कि वे सनातनी हिंदू हैं।

  • एक की आंख की हड्डी तोड़ी गई
  • दो गंभीर रूप से घायल हुए
  • पुलिस में रिपोर्ट दर्ज हुई, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं
  • पीड़ित की बहन ने स्वयं सोशल मीडिया पर बताया कि हमला कलावा देखकर किया गया

❓ पर सबसे बड़ा सवाल — क्या हुआ इसके बाद?

👉 ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने इस घटना को हेट क्राइम और धार्मिक उत्पीड़न करार दिया
👉 ब्रिटिश संसद में मामला उठाया गया
👉 बहस भी हुई…

लेकिन परिणाम क्या निकला? ZERO। कोई गिरफ्तारी नहीं। कोई कार्रवाई नहीं। क्यों? क्योंकि पीड़ित ‘हिंदू’ हैं।

💔 और सबसे दुखद बात यह है कि…

➤ जहां मुस्लिम होते, वहां देश हिल जाता।

  • अगर यही हमला किसी मुस्लिम युवक पर होता —
  • और हमलावर ईसाई या हिंदू होते —
  • तो दुनिया भर में हंगामा मच जाता
  • CNN, BBC, Human Rights Watch, Amnesty — सभी सक्रिय हो जाते
  • भारत में भी सड़कों पर प्रदर्शन, “इस्लामोफोबिया” के नारे, सेकुलर पत्रकारों के आंसू
  • सरकारों पर अंतरराष्ट्रीय दबाव, फास्ट ट्रैक जांच और तुरंत गिरफ्तारी

❗लेकिन जब हिंदू पर हमला होता है, तो…

  • कोई मीडिया नहीं
  • कोई अंतरराष्ट्रीय संस्थान नहीं
  • और सबसे दुखद — कोई हिंदू समाज भी नहीं

🧱 क्योंकि हिंदू समाज बंटा हुआ है — उदासीन, आत्म-केंद्रित और निष्क्रिय

जब ब्रिटिश संसद में यह मामला उठा, वहां मौजूद हिंदू मूल के सांसदों ने भी चुप्पी साध ली। क्यों?

❝ क्योंकि हिंदू समाज आज “सिर्फ मैं और मेरा परिवार” के सिंड्रोम का शिकार हो चुका है ❞
❝ हममें न तो अपने धर्म के लिए क्रोध है, न सामूहिकता, और न ही धर्म-रक्षा की प्राथमिकता ❞

😡 “तुम्हारा बेटा नहीं था, इसलिए तुम चुप हो… लेकिन जब बारी तुम्हारी आएगी तो कोई तुम्हारे लिए भी खड़ा नहीं होगा”

👉 हम हिंदू अपने समाज की रक्षा तब तक नहीं करेंगे जब तक तकलीफ सीधी हमारे दरवाज़े परनहीं आएगी
👉 तब तक, हम अपने बच्चों के करियर, EMI, पार्टी और मोबाइल में ही मस्त रहेंगे
👉 लेकिन जिस दिन तुम अकेले रह जाओगे — मीडिया तुम्हारे साथ नहीं होगा, कोर्ट तुम्हारे साथ नहीं होगा, और शायद समाज भी नहीं होगा…

🕯️ क्या यही सनातन धर्म है?

जिस धर्म ने “वसुधैव कुटुम्बकम्” सिखाया — क्या हम उसी धर्म के अनुयायी हैं जो अपनी ही जाति, अपने ही धर्म, और अपने ही भाइयों की पीड़ा को अनदेखा कर रहे हैं?

👉 क्या यही धर्म है जहां पांडवों की चुप्पी से द्रौपदी चीरहरण सहती रही?
👉 क्या आज फिर से वही चुप्पी हमारी माताओं, बहनों, भाइयों और धर्म को नंगा कर रही है?

📣 अब भी समय है, जागो — नहीं तो बहुत देर हो जाएगी

✊ जब तक हर हिंदू नहीं कहेगा —

  • “मैं अपने समाज की रक्षा के लिए खड़ा हूँ”
  • “मैं अपने हर भाई की पीड़ा को अपनी पीड़ा मानता हूँ”
  • “मैं चुप नहीं रहूंगा जब सनातन पर हमला हो रहा है”

तब तक हम केवल प्रताड़ित होते रहेंगे — चाहे वो ब्रिटेन हो, बंगाल हो या भरतपुर।

✅ अब क्या करें?

Global Hindu Response Teamजैसे नेटवर्क खड़ा करो — हर देश में

  • हर हेट क्राइम का केस इंटरनेशनल कोर्ट तक पहुँचाओ
  • सोशल मीडिया पर एकजुट हो — एक पोस्ट नहीं, अभियान बनाओ
  • सभी सनातनी संगठनों का पुनर्गठन और युद्धकालीन मनोवृत्ति अपनाओ
  • अपने बच्चों को धर्म की शिक्षा दो — केवल नौकरी नहीं, सामर्थ्य और स्वाभिमान भी दो

निष्क्रिय हिंदुओं को झकझोरो — मौन अपराध है, चुप्पी भी पाप है

🔚 हिंदू, अब भी नहीं जगे — तो अगला नंबर तुम्हारा है

❝ और तब कोई तुम्हारे लिए खड़ा नहीं होगा… ❞

📌 यह सिर्फ एक घटना नहीं, एक चेतावनी है

अगर आज नहीं जगे — तो कल इतिहास हमें कायर, स्वार्थी और अपमानित समाज कहेगा।

🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳

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