भारत का इतिहास हमें बार-बार चेतावनी देता है कि जहाँ भी हिंदू समाज ने अपनी बेटियों की सुरक्षा और संस्कारों को लेकर ढिलाई बरती, वहाँ विनाश और अपमान ने जन्म लिया। असम की विधायक रूमी नाथ की कहानी इसका जीता-जागता उदाहरण है।
📌 1. एक सम्मानित परिवार से शुरुआत
- डॉ. राकेश कुमार सिंह असम के एक प्रतिष्ठित और सम्मानित डॉक्टर थे।
- उनकी ईमानदारी और सेवा भावना ने उन्हें समाज में विशेष स्थान दिलाया।
- पत्नी रूमी नाथ और 2 वर्ष की बेटी के साथ उनका जीवन सामान्य और सुखमय था।
👉 लेकिन यही परिवार जल्द ही जिहादी चाल का शिकार बनने वाला था।
📌 2. राजनीति के बहाने प्रवेश
- असम के मंत्री अहमद सिद्दीकी ने डॉ. राकेश से दोस्ती बढ़ाई।
- उन्होंने रूमी नाथ को राजनीति में उतारने की योजना बनाई।
रणनीति यह थी:
- डॉ. राकेश की प्रतिष्ठा से हिंदू वोट मिलेंगे।
- महिला उम्मीदवार होने से महिला वोट भी निश्चित मिलेंगे।
- योजना सफल रही—रूमी नाथ विधायक चुन ली गईं।
👉 लेकिन यह सिर्फ़ राजनीति नहीं थी, यह “लव जिहाद” का पहला चरण था।
📌 3. ब्रेनवॉश और लव जिहाद का जाल
चुनाव के बाद अहमद सिद्दीकी ने रूमी नाथ से लगातार संपर्क बनाए रखा।
- उसने रूमी को बांग्लादेशी मुस्लिम युवक जैकी जाकिर से मिलवाया।
- धीरे-धीरे रूमी का मनोवैज्ञानिक ब्रेनवॉश किया गया—
- पति से अलग सोच,
- राजनीति में आगे बढ़ने का लालच,
- “सच्चा प्यार” का झूठा भ्रम।
- अंततः, रूमी पूरी तरह जाल में फँस गई।
👉 यह प्रक्रिया वही है जो लव जिहाद के हर केस में देखी जाती है—पहले विश्वास, फिर छलावा, और अंत में धर्मांतरण।
📌 4. धर्मांतरण और विश्वासघात
- अहमद सिद्दीकी ने एक दिन रूमी को अपने बंगले पर बुलाया।
- वहाँ उसका धर्मांतरण कराया गया और नया नाम रखा गया: राबिया सुल्ताना।
- रूमी ने न पति को बताया, न तलाक लिया, न बेटी की परवाह की—
- सीधा जाकिर से निकाह कर लिया।
- इसके बाद दोनों को बांग्लादेश भेज दिया गया।
👉 एक माँ ने अपनी 2 साल की बेटी और पूरे परिवार को त्यागकर अंधे विश्वास का रास्ता चुना
📌 5. परिवार का टूटना
- डॉ. राकेश अपनी बच्ची को लेकर उत्तर प्रदेश चले गए।
- रूमी के माता-पिता ने भी उससे नाता तोड़ लिया।
- समाज में रूमी की प्रतिष्ठा गिरने लगी।
👉 यही “लव जिहाद” का असली हथियार है—हिंदू परिवारों को तोड़ना और सामाजिक ढाँचे को बर्बाद करना।
📌 6. धोखा और हिंसा
- शुरू में सब ठीक चला, पर दो साल बाद जाकिर ने अपना असली चेहरा दिखाया।
- रूमी को रोज़ मारपीट, प्रताड़ना और आर्थिक शोषण सहना पड़ा।
- जाकिर ने उसके सारे पैसे छीन लिए।
- तंग आकर रूमी ने पुलिस में शिकायत दर्ज की और अलग हो गई।
👉 हर लव जिहाद केस की यही परिणति होती है—प्यार का वादा, लेकिन ज़िंदगीभर की गुलामी और हिंसा।
📌 7. अपराध की दुनिया में प्रवेश
- छवि और राजनीति बचाने के लिए रूमी ने पुनः हिंदू धर्म अपनाने की कोशिश की।
- लेकिन जिहादी संगत ने उसका जीवन पूरी तरह बदल दिया था।
- वह पूरे भारत में सक्रिय कार चोरी रैकेट का हिस्सा बन गई।
- महंगी गाड़ियों की चोरी और तस्करी से उसने काला कारोबार शुरू कर दिया।
👉 संस्कारों से कट चुकी महिला अब अपराध की दुनिया में डूब चुकी थी।
📌 8. राजनीतिक पतन और अंततः विनाश
- अगला चुनाव आया, लेकिन इस बार जनता ने उसे पूरी तरह नकार दिया।
- जिन लोगों ने पहले वोट दिया था, वही अब उसके धोखे को पहचान गए।
- रूमी बुरी तरह हार गई।
- हारकर वह अपने पिता के घर लौटी, लेकिन परिवार ने भी दरवाज़ा बंद कर दिया।
- अंततः वह कार चोरी रैकेट में फँसी और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
🚩 सबक 🚩
- रूमी नाथ की कहानी सिर्फ़ एक महिला की नहीं, बल्कि पूरे हिंदू समाज के लिए चेतावनी है।
- एक माँ, पत्नी और विधायक सब कुछ गँवाकर जिहादियों का खिलौना बन गई।
- परिवार टूटा, बेटी छूट गई, राजनीति खत्म हुई, और अंत में जेल मिली।
👉 यही होता है जब हिंदू बेटियाँ लव जिहाद के झाँसे में आती हैं।
👉 यह कोई “प्यार” नहीं, बल्कि एक संगठित साज़िश है।
✍️ हिंदू समाज का कर्तव्य
- हर हिंदू को अपनी बेटियों को सच बताना होगा।
- परिवारों को सजग रहना होगा।
- लव जिहादियों की चाल पहचाननी होगी।
- यह केवल एक लड़की का मुद्दा नहीं—पूरे समाज और सभ्यता की सुरक्षा का प्रश्न है।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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