1. अपराधियों का स्वर्णयुग – जब लोकतंत्र कैद था
भारत के इतिहास में एक दौर ऐसा था जब अपराधी और दबंग नेता कानून से ऊपर थे।
- आज़म खान – SSP को अपने घर के बाहर 3 घंटे खड़ा रहने का आदेश देता था।
- वही आज़म, एक जिलाधिकारी से जूते साफ करवाने की बात करता था।
- मुख्तार अंसारी – पूरे कोतवाली पर ताला लगवा देता था और पुलिस बेबस होकर देखती रह जाती थी।
- अतीक अहमद – 20 पुलिसवालों को अपने घर में कैद कर लेता था, मानो कानून उसकी जेब में हो।
- अदालतों तक में मजिस्ट्रेट इनके मुकदमों को सुनने से डरते थे।
👉 यह वह दौर था जब लोकतंत्र अपराधियों का गुलाम था और आम जनता असहाय।
2. योगी आदित्यनाथ का उदय – ईमानदार सत्ता की ताकत
2017 में सत्ता बदली और एक सन्यासी, ईमानदार और चरित्रवान नेतायोगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कमान संभाली।
बुलडोजर राजकी शुरुआत हुई।
- जिनके महल कभी आतंक का गढ़ थे, वहाँ अब सरकारी सील और नीलामी के पोस्टर लगे।
- मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, आनंद मोहन, बाहुबली सरगना – सब या तो जेल में हैं, या मारे जा चुके हैं।
- अतीक अहमद का बेटा असद – एनकाउंटर में ढेर, यह दिखाने के लिए कि अब अपराधियों के वारिस भी कानून से बच नहीं सकते।
👉 आज जनता देख रही है कि सत्ता जब ईमानदार हाथों में होती है तो वही पुलिस, जो कभी अपराधियों की गुलाम थी, आज अपराधियों को घसीट-घसीट कर जेलों में डाल रही है।
3. भ्रष्ट नेताओं का साम्राज्य बनाम ईमानदार नेतृत्व
भारत के कई नेता राजनीति को जनता की सेवा नहीं, बल्कि धन कमाने का साधन मानते थे।
- नवाब मलिक – भांग बेचकर 3000 करोड़ का मालिक।
- मुलायम सिंह – प्राइमरी मास्टर से अरबों का मालिक।
- मायावती – बिना व्यवसाय किए हजारों करोड़ की संपत्ति।
- लालू यादव – गाय-गोबर से अरबों।
- गांधी परिवार – बिना नौकरी किए 80,000 करोड़ की संपत्ति।
- सोनिया गांधी – दुनिया की चौथी सबसे अमीर महिला।
लेकिन दूसरी तरफ:
- नरेंद्र मोदी – प्रधानमंत्री होते हुए भी आज साधारण जीवन।
- योगी आदित्यनाथ – मुख्यमंत्री होते हुए भी साधु का जीवन, न संपत्ति, न लालच।
👉 यही फर्क है सेवा की राजनीति और लूट की राजनीति में।
4. पुराना भारत बनाम नया भारत
पुराना भारत: अपराधियों के आदेश पर पुलिस खड़ी रहती थी।
- नया भारत: अपराधियों को पुलिस जेल में खींचकर ले जाती है।
- पुराना भारत: नेताओं की हवेलियाँ अपराध का गढ़ थीं।
- नया भारत: वही हवेलियाँ बुलडोजर से ढहा दी जाती हैं।
- पुराना भारत: नेताओं की दौलत अरबों-खरबों में और जनता गरीबी में।
- नया भारत: नेता फकीर जैसे, जनता निवेश आकर्षित करती हुई।
👉 यही है नए भारत का विकास माडल।
5. बुलडोजर राज – जनता का न्याय
- प्रयागराज, गाजीपुर, लखनऊ, मेरठ – हर जगह बुलडोजर ने माफियाओं की अवैध संपत्ति को ध्वस्त किया।
- जनता ने इन कार्यवाहियों का तालियों और स्वागत से समर्थन किया।
- जिन अपराधियों के नाम से लोग कांपते थे, आज उनके नाम से लोग कहते हैं – “ये तो अब जेल में हैं।”
👉 उत्तर प्रदेश अब अपराध का गढ़ नहीं, बल्कि निवेश और विकास का गढ़ बन रहा है।
6. निवेश सम्मेलन और नई छवि
- यूपी में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट आयोजित हुई जिसमें देश-विदेश की कंपनियों ने अरबों के निवेश की घोषणा की।
- विदेशी निवेशक कहते हैं कि “आज यूपी सुरक्षित है, यहाँ व्यवसाय संभव है।”
- यह वही प्रदेश है जो कभी अपराध और भय के लिए बदनाम था।
👉 यह बदलाव इसलिए हुआ क्योंकि सत्ता ईमानदार और राष्ट्रहितकारी हाथों में है।
7. नागरिकों के लिए संदेश
- अगर सत्ता ईमानदार के हाथों में है तो पुलिस अपराधियों पर सख्त होती है।
- अगर सत्ता भ्रष्ट हाथों में है तो अपराधी राजा और जनता गुलाम होती है।
👉 आज हर नागरिक को यह समझना होगा कि भविष्य की कुंजी आपके वोट में है।
- आज माफिया जेल में हैं, अपराधियों की हवेलियों पर ताले लगे हैं और जनता चैन की सांस ले रही है।
- यह सिर्फ शासन परिवर्तन नहीं, बल्कि सभ्यता और सुरक्षा की वापसी है।
- मोदी-योगी मॉडल ने यह साबित किया है कि ईमानदार नेतृत्व समाज को भयमुक्त और प्रगतिशील बना सकता है।
👉 जनता गर्व से कह सकती है
- यह नया भारत है, जहाँ न्याय सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि सड़कों पर भी दिखता है।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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