मैक्सिकन राष्ट्रपति क्लाउडिया शेनबाम ने डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दीवार बनाने की योजना पर एक दमदार और विचारोत्तेजक प्रतिक्रिया दी। उनका यह जवाब केवल मैक्सिको तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था, उपभोक्ता शक्ति और अलगाववाद की वास्तविकता पर भी करारा प्रहार किया।
वैश्विक पारस्परिक निर्भरता की सच्चाई
शेनबाम ने ट्रंप को याद दिलाया कि अमेरिका खुद को पूरी दुनिया समझता है, लेकिन हकीकत यह है कि उसकी सीमाओं के पार 7 अरब लोग हैं—7 अरब उपभोक्ता।
- यदि अमेरिका अलगाववाद को चुनता है, तो इन उपभोक्ताओं के पास अनगिनत विकल्प हैं—iPhone के बजाय Samsung और Huawei, Levi’s की जगह Zara, Ford और Chevrolet के बजाय Toyota, Kia, BMW और Hyundai।
- उपभोक्ताओं की पसंद बदलने से अमेरिकी व्यवसाय और रोजगार बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं।
विकल्पों की शक्ति: अमेरिका एकमात्र विकल्प नहीं
शेनबाम ने यह स्पष्ट किया कि दुनिया को अमेरिकी मनोरंजन, मीडिया या उत्पादों की कोई ज़रूरत नहीं है।
- हॉलीवुड को लैटिन अमेरिकी और यूरोपीय सिनेमा से बदला जा सकता है, जो अधिक समृद्ध कहानियाँ और कलात्मक गहराई प्रदान करता है।
- डिज्नी एकमात्र पर्यटन स्थल नहीं है—लोग मैक्सिको, कनाडा या यूरोप के पर्यटन स्थलों को चुन सकते हैं।
- यहाँ तक कि मैक्सिको के बर्गर भी मैकडॉनल्ड्स से बेहतर और पोषक हो सकते हैं।
इतिहास और सांस्कृतिक महानता: अमेरिका का अभाव
उन्होंने ट्रंप को याद दिलाया कि दुनिया के महानतम अजूबे—मिस्र, मैक्सिको, पेरू और ग्वाटेमाला के पिरामिड—अमेरिका में नहीं हैं।
- सबसे समृद्ध सभ्यताएँ, सबसे अद्भुत स्मारक और सच्चे ऐतिहासिक चमत्कार अमेरिका के बाहर हैं।
- अगर अमेरिका यह मानता है कि वह इतिहास और संस्कृति में श्रेष्ठ है, तो यह उसकी सबसे बड़ी भूल होगी।
अलगाववाद के आर्थिक परिणाम
शेनबाम ने चेतावनी दी कि अगर 7 अरब वैश्विक उपभोक्ता अमेरिकी उत्पादों को खरीदना बंद कर दें, तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी।
- बड़े पैमाने पर बेरोज़गारी अमेरिका को फिर से व्यापार के लिए गिड़गिड़ाने पर मजबूर कर देगी।
- यह जातिवादी सीमा दीवार केवल देशों को अलग नहीं करेगी, बल्कि अमेरिका को आर्थिक संकट में डाल देगी।
अमेरिका के लिए एक सीख
तेज कटाक्ष और अडिग आत्मविश्वास के साथ शेनबाम ने अपनी बात खत्म की:
“तुम्हें दीवार चाहिए थी? अब तुम्हें दीवार मिलेगी। और जल्द ही, तुम खुद इसे गिराने की भीख मांगोगे।“
एक दृढ़ वैश्विक संदेश
राष्ट्रपति शेनबाम का संदेश सिर्फ ट्रंप के लिए नहीं था, बल्कि यह हर उस देश के लिए एक चेतावनी थी, जो वैश्विक एकता और आर्थिक पारस्परिक निर्भरता को कम आंकता है।
- अमेरिका अजेय नहीं है, और उसकी सर्वोच्चता अनिवार्य नहीं है।
- दुनिया अमेरिका की तुलना में बड़ी, मजबूत और अधिक आत्मनिर्भर है।
- अगर अमेरिका अलगाववाद को चुनता है, तो दुनिया आगे बढ़ जाएगी—और उसे पीछे छोड़ देगी।
यह केवल एक राजनीतिक बयान नहीं था—यह अमेरिका के लिए एक चेतावनी थी कि ताकत दीवारों में नहीं, बल्कि सहयोग में निहित है।
जय भारत! जय हिन्द!!
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